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स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की फीस को लेकर शिक्षा विभाग का यू टर्न, अब सर्टिफिकेट के लिए नहीं ली जाएगी फीस - haryana news in hindi

भिवानी बोर्ड के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की फीस के आदेश को शिक्षा विभाग ने वापस ले लिया है. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर (Kanwar Pal Gurjar on School Living Certificate) ने चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद इसकी जानकारी दी.

Kanwar Pal Gurjar on School Living Certificate
स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट की फीस को लेकर शिक्षा विभाग का यू टर्न
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Published : May 3, 2023, 4:08 PM IST

स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट फीस का आदेश वापस लिया.

चंडीगढ़: हरियाणा शिक्षा विभाग की बुधवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. जिनमें स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट फीस का आदेश वापस लेना भी शामिल है. अब स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए फीस नहीं ली जाएगी. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी ने जो 10वीं और 12वीं में स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट को लेकर 3 हजार रुपए की फीस रखी थी, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उस फैसले को वापस ले लिया है. इस बैठक में विभाग से संबंधित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. बैठक में शिक्षा मंत्री के साथ ही विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भिवानी शिक्षा बोर्ड ने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के लिए 3 हजार रुपए की फीस निर्धारित की थी. जिसे वापस ले लिया गया है. बोर्ड ने अभी इस संबंध में सिर्फ नोटिफिकेशन जारी किया था. किसी से इसकी फीस नहीं ली गई थी. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही सुपर 100 कार्यक्रम के इस बार अच्छे परिणाम आए हैं.

पढ़ें : हरियाणा डीएलएड परीक्षा का परिणाम घोषित, इतने परीक्षार्थी हुए पास

भिवानी बोर्ड ने वापस लिया आदेश: हरियाणा सरकार ने 9 वीं से 10वीं और 10 वीं से 12वीं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया है. जिसमें छात्रों को पिछले स्कूल और दाखिला लेने वाले स्कूल के अध्यापकों की योग्यता और 5 साल के परिणाम की जानकारी देनी जरूरी थी. चंडीगढ़ में हरियाणा शिक्षा विद्यालय बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डॉक्टर वीपी यादव ने बताया कि विभाग ने अपना आदेश वापस ले लिया है. अब दाखिला लेने पर छात्रों को सिर्फ स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और स्कूल में दाखिला लेने की वजह की अंडरटेकिंग देनी जरूरी होगी और किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा.

शहरी क्षेत्रों में खुलेंगे नए स्कूल: शिक्षा मंत्री ने बताया कि आबादी बढ़ने के साथ ही अब शहरी इलाकों में नए स्कूल भी बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार जल्द ही सर्वे कर इनकी संख्या और जरूरत के बारे में जानकारी जुटाएगी. उन्होंने कहा कि शहरों में बढ़ती आबादी के हिसाब से नए स्कूल बनाए जाएंगे. इसके साथ ही खस्ताहाल स्कूलों की मरम्मत की जाएगी. हरियाणा में कुल 68 ऐसे स्कूल हैं, जिनकी मरम्मत होनी है, जबकि 32 का काम पूरा हो चुका है और बाकी पर काम शुरू होने वाला है. इसकी राशि का एक अनुमान तैयार कर मुख्यमंत्री की मंजूरी ली जाएगी.

पढ़ें : हरियाणा में स्कूल बदलने पर छात्रों को देनी होगी मोटी फीस, बड़े विरोध की तैयारी में लेक्चरर्स एसोसिएशन

पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा पर जोर: उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी. स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नाटकों का भी मंचन किया जाएगा. हर जिले के 10 बेहतरीन नाटकों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे. इस कार्यक्रम को पर्यावरण और वन विभाग मिलकर आयोजित करवाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्टेट अवार्ड में प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों को भी शामिल करने पर विचार किया जाएगा. संस्कृत अध्यापकों के प्रमोशन पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग प्रमोशन को लेकर सभी प्रक्रिया पूरी कर चुका है. हाईकोर्ट में मामले के चलते एजी को राय के लिए भेजा है. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रमोशन देने में कोई दिक्कत नहीं है.

स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट फीस का आदेश वापस लिया.

चंडीगढ़: हरियाणा शिक्षा विभाग की बुधवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. जिनमें स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट फीस का आदेश वापस लेना भी शामिल है. अब स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए फीस नहीं ली जाएगी. शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बैठक के बाद इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी ने जो 10वीं और 12वीं में स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट को लेकर 3 हजार रुपए की फीस रखी थी, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उस फैसले को वापस ले लिया है. इस बैठक में विभाग से संबंधित कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. बैठक में शिक्षा मंत्री के साथ ही विभाग के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भिवानी शिक्षा बोर्ड ने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट के लिए 3 हजार रुपए की फीस निर्धारित की थी. जिसे वापस ले लिया गया है. बोर्ड ने अभी इस संबंध में सिर्फ नोटिफिकेशन जारी किया था. किसी से इसकी फीस नहीं ली गई थी. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही सुपर 100 कार्यक्रम के इस बार अच्छे परिणाम आए हैं.

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भिवानी बोर्ड ने वापस लिया आदेश: हरियाणा सरकार ने 9 वीं से 10वीं और 10 वीं से 12वीं में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया है. जिसमें छात्रों को पिछले स्कूल और दाखिला लेने वाले स्कूल के अध्यापकों की योग्यता और 5 साल के परिणाम की जानकारी देनी जरूरी थी. चंडीगढ़ में हरियाणा शिक्षा विद्यालय बोर्ड भिवानी के चेयरमैन डॉक्टर वीपी यादव ने बताया कि विभाग ने अपना आदेश वापस ले लिया है. अब दाखिला लेने पर छात्रों को सिर्फ स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट और स्कूल में दाखिला लेने की वजह की अंडरटेकिंग देनी जरूरी होगी और किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा.

शहरी क्षेत्रों में खुलेंगे नए स्कूल: शिक्षा मंत्री ने बताया कि आबादी बढ़ने के साथ ही अब शहरी इलाकों में नए स्कूल भी बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार जल्द ही सर्वे कर इनकी संख्या और जरूरत के बारे में जानकारी जुटाएगी. उन्होंने कहा कि शहरों में बढ़ती आबादी के हिसाब से नए स्कूल बनाए जाएंगे. इसके साथ ही खस्ताहाल स्कूलों की मरम्मत की जाएगी. हरियाणा में कुल 68 ऐसे स्कूल हैं, जिनकी मरम्मत होनी है, जबकि 32 का काम पूरा हो चुका है और बाकी पर काम शुरू होने वाला है. इसकी राशि का एक अनुमान तैयार कर मुख्यमंत्री की मंजूरी ली जाएगी.

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पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा पर जोर: उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाएगी. स्कूलों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर नाटकों का भी मंचन किया जाएगा. हर जिले के 10 बेहतरीन नाटकों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे. इस कार्यक्रम को पर्यावरण और वन विभाग मिलकर आयोजित करवाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्टेट अवार्ड में प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों को भी शामिल करने पर विचार किया जाएगा. संस्कृत अध्यापकों के प्रमोशन पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग प्रमोशन को लेकर सभी प्रक्रिया पूरी कर चुका है. हाईकोर्ट में मामले के चलते एजी को राय के लिए भेजा है. उन्होंने कहा कि सरकार को प्रमोशन देने में कोई दिक्कत नहीं है.

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