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Dussehra 2023: जानिए दशहरा पूजा विधि, विजयदशमी के दिन इस पक्षी के दर्शन मात्र से संवर जाती है किस्मत!

Dussehra 2023 हिंदू धर्म में दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल दशहरा आज यानी मंगलवार, 24 अक्टूबर को है. दशहरा मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं. आइए जानते हैं दशहरा के दिन ऐसा क्या करें जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे. (Dussehra Shubh Muhurat neelkanth bird Dussehra)

Dussehra 2023
दशहरा और पूजा विधि
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 22, 2023, 10:43 AM IST

Updated : Oct 24, 2023, 6:48 AM IST

चंडीगढ़: हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल दशहरा आज (मंगलवार, 24 अक्टूबर) है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है. दशहरा के दिन भगवान श्री राम की पूजा का विशेष विधान है. इसके अलावा शास्त्रों में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत शुभ माना गया है.

दशहरा पूजा विधि: मान्यता है कि दशहरा के दिन अपराजिता पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने के लिए घर के पूर्वोत्तर की दिशा में पवित्र स्थान का चयन करें. पूजा स्थान को पहले साफ करें उसके बाद चंदन के लेप के साथ अष्टदल चक्र यानी 8 कमल की पंखुड़ियों वाली चक्र बनाएं. अष्टदल चक्र के मध्य में 'अपराजिताय नमः' मंत्र के साथ मां देवी अपराजिता का आह्वान करें. इसके बाद दाईं ओर मां जया को और बायीं तरफ मां विजया को स्थापित करें. इसके बाद 'अपराजितायै नमः', 'जयायै नमः' और 'विजायैय नमः' मंत्र के साथ षोडशोपचार पूजा-आराधना करें. मान्यता है कि पूजा के दौरान घर के सभी सदस्य रहें तो और भी अच्छा रहता है. दशहरा के दिन दिन शमी पूजन का भी माहात्म्य है.

दशहरा में शुभ मुहूर्त: ज्योतिष के अनुसार हिंदू धर्म में दशहरा का दिन सबसे पवित्र दिनों में से एक माना गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी भा कार्य के लिए शुभ माना जाता है. इसलिए इस दिन के मुहूर्त को साल के सबसे अच्छे मुहूर्त में से एक माना गया है.

ये भी पढ़ें: Shardiya navratri 2023: नवरात्रि की महाअष्टमी, जानें कब करें कंजक पूजन महत्व और व्रत का शुभ मुहूर्त

दशहरा पर शस्त्र और शास्त्र की पूजा का माहात्म्य: मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय की कामना लिए इस दिन शस्त्र पूजा का विशेष विधान है. इसके अलावा दशहरा के दिन मशीनों और कारखानों आदि की पूजा की परंपरा है. देश के कई राज्यों में इस दिन शस्त्र पूजा धूमधाम से की जाती है. हिंदू धर्म में दशहरा के दिन शस्त्र और शास्त्र की पूजा का विशेष माहात्म्य है. मान्यता है कि सैनिक एवं क्षत्रिय योद्धा इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं. पुरातन काल में राजशाही क्षत्रियों के लिए यह पूजा मुख्य मानी जाती थी. इस दिन ब्राह्मण विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना करते हैं और वैश्य अपने बही खाते की आराधना करते हैं.

दशहरा पर नीलकंठ देखना शुभ: हिंदू धर्म में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना गया है. इसको लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार रावण को मारने के बाद जब भगवान श्रीराम पर ब्रह्महत्या का पाप लगा था. तब भगवान राम और लक्ष्मण ने महादेव की आराधना कर पाप से मुक्ति का आवाहन किया था. उस वक्त भगवान भोलेनाथ नीलकंठ के रूप में भगवान राम और लक्ष्मण को दर्शन दिए और ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया था. मान्यता है कि दशहरा के दिन नीलकंठ से अपने मन की बात कहने पर वह प्रभु श्रीराम तक पहुंच जाती है.

ये भी पढ़ें: Weekly Rashifal 22 October : इस सप्ताह इन राशियों को मिलेगी नौकरी-रोजगार में तरक्की व दोस्तों का साथ

चंडीगढ़: हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल दशहरा आज (मंगलवार, 24 अक्टूबर) है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है. दशहरा के दिन भगवान श्री राम की पूजा का विशेष विधान है. इसके अलावा शास्त्रों में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत शुभ माना गया है.

दशहरा पूजा विधि: मान्यता है कि दशहरा के दिन अपराजिता पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने के लिए घर के पूर्वोत्तर की दिशा में पवित्र स्थान का चयन करें. पूजा स्थान को पहले साफ करें उसके बाद चंदन के लेप के साथ अष्टदल चक्र यानी 8 कमल की पंखुड़ियों वाली चक्र बनाएं. अष्टदल चक्र के मध्य में 'अपराजिताय नमः' मंत्र के साथ मां देवी अपराजिता का आह्वान करें. इसके बाद दाईं ओर मां जया को और बायीं तरफ मां विजया को स्थापित करें. इसके बाद 'अपराजितायै नमः', 'जयायै नमः' और 'विजायैय नमः' मंत्र के साथ षोडशोपचार पूजा-आराधना करें. मान्यता है कि पूजा के दौरान घर के सभी सदस्य रहें तो और भी अच्छा रहता है. दशहरा के दिन दिन शमी पूजन का भी माहात्म्य है.

दशहरा में शुभ मुहूर्त: ज्योतिष के अनुसार हिंदू धर्म में दशहरा का दिन सबसे पवित्र दिनों में से एक माना गया है. मान्यता है कि इस दिन किसी भा कार्य के लिए शुभ माना जाता है. इसलिए इस दिन के मुहूर्त को साल के सबसे अच्छे मुहूर्त में से एक माना गया है.

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दशहरा पर शस्त्र और शास्त्र की पूजा का माहात्म्य: मान्यता है कि शत्रुओं पर विजय की कामना लिए इस दिन शस्त्र पूजा का विशेष विधान है. इसके अलावा दशहरा के दिन मशीनों और कारखानों आदि की पूजा की परंपरा है. देश के कई राज्यों में इस दिन शस्त्र पूजा धूमधाम से की जाती है. हिंदू धर्म में दशहरा के दिन शस्त्र और शास्त्र की पूजा का विशेष माहात्म्य है. मान्यता है कि सैनिक एवं क्षत्रिय योद्धा इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं. पुरातन काल में राजशाही क्षत्रियों के लिए यह पूजा मुख्य मानी जाती थी. इस दिन ब्राह्मण विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना करते हैं और वैश्य अपने बही खाते की आराधना करते हैं.

दशहरा पर नीलकंठ देखना शुभ: हिंदू धर्म में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना गया है. इसको लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार रावण को मारने के बाद जब भगवान श्रीराम पर ब्रह्महत्या का पाप लगा था. तब भगवान राम और लक्ष्मण ने महादेव की आराधना कर पाप से मुक्ति का आवाहन किया था. उस वक्त भगवान भोलेनाथ नीलकंठ के रूप में भगवान राम और लक्ष्मण को दर्शन दिए और ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया था. मान्यता है कि दशहरा के दिन नीलकंठ से अपने मन की बात कहने पर वह प्रभु श्रीराम तक पहुंच जाती है.

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Last Updated : Oct 24, 2023, 6:48 AM IST
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