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राम कुमार गौतम पर बोले दुष्यंत चौटाला, उनकी बातों का बुरा मानना ठीक नहीं होगा

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Published : Dec 27, 2019, 11:14 PM IST

दुष्यंत चौटाला ने राम कुमार गौतम के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वो अब उनके बारे में कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा कि वो हमारे वरिष्ठ पार्टी लीडर हैं उनके बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं है.

दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़: जेजेपी के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे का मसला जल्द ही सुलझने वाला नहीं लगता. शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है, पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है.

'मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है'
दुष्यंत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो पार्टी में बुजुर्ग रामकुमार गौतम के इस्तीफे को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. हालांकि, एक दिन पहले इस मामले में दुष्यंत ने इस्तीफा प्रकरण को पार्टी का घर का मामला बताते हुए कहा था कि इसे सुलझा लिया जाएगा, लेकिन शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है. पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है. इस बारे में मेरे द्वारा कुछ भी कहा जाना उचित नहीं है.

राम कुमार गौतम पर क्या बोले दुष्यंत चौटाला, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- राम कुमार गौतम का इस्तीफा नहीं मिला, मिलने के बाद उनसे चर्चा करेंगे- दुष्यंत चौटाला

ये है राम कुमार गौतम का विवाद-
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले जेजेपी के नारनौंद से विधायक राम कुमार गौतम ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि पार्टी उनके द्वारा स्थापित की गई थी, लेकिन ये पार्टी राष्ट्रीय स्तर की नहीं है, इसलिए उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

गौतम ने पार्टी नेतृत्व पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दुष्यंत चौटाला को उन्होंने ने ही उचाना कलां सीट से चुनाव जिताया था और उपमुख्यमंत्री बनवाया था. गौतम की नाराजगी में साफ संकेत था कि वो भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं.

गौतम ने ये भी कहा था कि भाजपा से गठबंधन का फैसला मनमाने तरीके से कर लिया गया था. हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पार्टी विधायक दल की बैठक में गठबंधन का प्रस्ताव विधायर राम कुमार गौतम ने ही पेश किया था.

चंडीगढ़: जेजेपी के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे का मसला जल्द ही सुलझने वाला नहीं लगता. शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है, पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है.

'मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है'
दुष्यंत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो पार्टी में बुजुर्ग रामकुमार गौतम के इस्तीफे को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. हालांकि, एक दिन पहले इस मामले में दुष्यंत ने इस्तीफा प्रकरण को पार्टी का घर का मामला बताते हुए कहा था कि इसे सुलझा लिया जाएगा, लेकिन शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है. पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है. इस बारे में मेरे द्वारा कुछ भी कहा जाना उचित नहीं है.

राम कुमार गौतम पर क्या बोले दुष्यंत चौटाला, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- राम कुमार गौतम का इस्तीफा नहीं मिला, मिलने के बाद उनसे चर्चा करेंगे- दुष्यंत चौटाला

ये है राम कुमार गौतम का विवाद-
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले जेजेपी के नारनौंद से विधायक राम कुमार गौतम ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि पार्टी उनके द्वारा स्थापित की गई थी, लेकिन ये पार्टी राष्ट्रीय स्तर की नहीं है, इसलिए उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

गौतम ने पार्टी नेतृत्व पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दुष्यंत चौटाला को उन्होंने ने ही उचाना कलां सीट से चुनाव जिताया था और उपमुख्यमंत्री बनवाया था. गौतम की नाराजगी में साफ संकेत था कि वो भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं.

गौतम ने ये भी कहा था कि भाजपा से गठबंधन का फैसला मनमाने तरीके से कर लिया गया था. हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पार्टी विधायक दल की बैठक में गठबंधन का प्रस्ताव विधायर राम कुमार गौतम ने ही पेश किया था.

Intro:चंडीगढ़, जेजेपी के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे का मसला जल्द ही सुलझने वाला नही लगता । शुक्रवार को दुष्यंत ने थोडे तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है। पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है।
Body:दुष्यंत ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि वे पार्टी में बुजुर्ग रामकुमार गौतम के इस्तीफे को लेकर कुछ नहीं कहेंगे। हालांकि एक दिन पहले इस मामले में दुष्यंत ने इस्तीफा प्रकरण को पार्टी का घर का मामला बताते हुए कहा था कि इसे सुलझा लिया जाएगा। लेकिन शुक्रवार को दुष्यंत ने थोडे तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है। पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है। इस बारे में मेरे द्वारा कुछ भी कहा जाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबन्धन सरकार विकास के सिलसिले को आगे बढायेगी। प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई सक्षम योजना को और आगे बढाते हुए इससे श्रम एवं उद्योगों को जोडा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्म्ड फोर्सेज ऑफीसर्स प्रशिक्षण केन्द्र की भी जरूरत है।
Conclusion:उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले जेजेपी के नारनौद से विधायक राम कुमार गौतम ने पार्टी के राष्ट््ीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि पार्टी हालांकि उनके द्वारा स्थापित की गई थी लेकिन यह पार्टी राष्ट््ीय स्तर की नहीं है। इसलिए उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं। गौतम ने पार्टी नेतृृत्व पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दुष्यंत चौटाला को उन्होने ने ही उचानाकलां सीट से चुनाव जिताया था और उपमुख्यमंत्री बनवाया था। गौतम की नाराजगी में साफ संकेत था कि वे भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में मंत्री पद न मिलने से नाराज है। गौतम ने यह भी कहा था कि भाजपा से गठबंधन का फैसला मनमाने तरीके से कर लिया गया था। हालांकि दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पार्टी विधायक दल की बैठक में गठबंधन का प्रस्ताव गौतम ने ही पेश किया था।
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