चंडीगढ़: जेजेपी के वरिष्ठ विधायक रामकुमार गौतम के पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफे का मसला जल्द ही सुलझने वाला नहीं लगता. शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है, पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है.
'मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है'
दुष्यंत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वो पार्टी में बुजुर्ग रामकुमार गौतम के इस्तीफे को लेकर कुछ नहीं कहेंगे. हालांकि, एक दिन पहले इस मामले में दुष्यंत ने इस्तीफा प्रकरण को पार्टी का घर का मामला बताते हुए कहा था कि इसे सुलझा लिया जाएगा, लेकिन शुक्रवार को दुष्यंत ने थोड़े तीखे लहजे में कहा कि मंत्री पद ही सब कुछ नहीं है. पार्टी को स्थापित करने की भी जरूरत है. इस बारे में मेरे द्वारा कुछ भी कहा जाना उचित नहीं है.
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ये है राम कुमार गौतम का विवाद-
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले जेजेपी के नारनौंद से विधायक राम कुमार गौतम ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा था कि पार्टी उनके द्वारा स्थापित की गई थी, लेकिन ये पार्टी राष्ट्रीय स्तर की नहीं है, इसलिए उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
गौतम ने पार्टी नेतृत्व पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि दुष्यंत चौटाला को उन्होंने ने ही उचाना कलां सीट से चुनाव जिताया था और उपमुख्यमंत्री बनवाया था. गौतम की नाराजगी में साफ संकेत था कि वो भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं.
गौतम ने ये भी कहा था कि भाजपा से गठबंधन का फैसला मनमाने तरीके से कर लिया गया था. हालांकि, दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पार्टी विधायक दल की बैठक में गठबंधन का प्रस्ताव विधायर राम कुमार गौतम ने ही पेश किया था.