चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) में निवेश बढ़ रहा है और उद्यमी हरियाणा में निवेश करने को लेकर काफी रुचि दिखा रहे हैं. प्रदेश में जेसीबी, मारुति, फ्लिपकार्ट, एटीएल, होंडा जैसे बड़े उद्योगों के कारण छोटे उद्योगों का उत्थान हो रहा है. उपमुख्यमंत्री शुक्रवार को एसोचैम द्वारा आयोजित वर्चुअल 'एमएसएमई संवाद श्रृंखला' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य में निवेश और रोजगार बढ़ाने को लेकर नई औद्योगिक पॉलिसी 'हरियाणा औद्योगिक एवं रोजगार नीति-2020' के रूप में ऐतिहासिक कदम उठाया है. इस पॉलिसी के तहत सरकार निर्यात को दोगुना करने की दिशा में कार्य कर रही है.
कई बड़ी कंपनी हरियाणा में निवेश को लेकर दिखा रही रुचि
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की नई औद्योगिक पॉलिसी के कारण एटीएल कंपनी द्वारा सोहना में करीब 178 एकड़ में बैटरी का मेगा प्लांट, हरियाणा की धरती पर करीब 140 एकड़ में फ्लिपकार्ट द्वारा एशिया का सबसे बड़ा और हाईटेक वेयरहाउस स्थापित होने जा रहे हैं. इतना ही नहीं एमरोन जैसी कई बड़ी कंपनियां हरियाणा में निवेश करने को लेकर रुचि दिखा रही हैं. इन बड़ी मदर यूनिट के आने से प्रदेश की एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा.
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उन्होंने कहा कि हरियाणा के एमएसएमई के उत्थान के लिए सरकार एक बड़ा आधारभूत ढांचा खड़ा कर रही है. इसके लिए सरकार ने तीन ई-कॉमर्स कंपनियों ईबे, पॉवर-टू-एसएमई, ट्रेड इंडिया डॉट कॉम के साथ महत्वपूर्ण समझौते किए हैं. इससे हरियाणा के एमएसएमई को ग्लोबल मार्केट मिलेगी.
15 दिन में एमएसएमई को उद्योग शुरू करने की दी जा रही मंजूरी
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में करीब 9.70 लाख एमएसएमई हैं और इसके जरिये करीब 20 लाख लोगों रोजगार प्रदान हो रहे हैं. एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने विश्व स्तरीय ऐसी व्यवस्था स्थापित की है कि 15 दिन में एमएसएमई को उद्योग शुरू करने की मंजूरी दी जा रही है. सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के लिए पहले से दोगुना बजट आवंटित किया गया है, इससे राज्य के सभी जिलों में क्लस्टर स्थापित करने की योजना को बल मिला है.
उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपये तक के मिनी क्लस्टर उद्योगों को स्थापित करने में सरकार 90 प्रतिशत सहायता राशि दे रही है. हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना के तहत सरकार गांवों की ओर ज्यादा से ज्यादा उद्योग लाने का प्रयास कर रही है. गांवों की बंजर भूमियों पर उद्योग स्थापित करने के लिए पंचायत अपनी जमीन किराये पर दे सकती है.
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डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने ऑक्सीजन, आईसीयू बेड समेत आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिए 500 करोड़ रुपये सभी उद्योगों को दिए और आपदा के समय में इन आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन किया. वहीं महामारी के समय पीपीई किट की आवश्यकता बढ़ने पर सरकार ने एमएसएमई के द्वारा बड़ी संख्या में पीपीई किट का उत्पादन करवाया.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भी सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को लेकर प्रोत्साहित कर रही है. हिसार व पानीपत के कोविड अस्पतालों के आसपास ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए प्लांट स्थापित हैं. राज्य सरकार एमएसएमई को छूट, तरल ऑक्सीजन संयंत्रों में सुधार के लिए विशेष छूट और स्वास्थ्य से संबंधित सभी विनिर्माण उद्योगों के लिए सहायता प्रदान कर रही है.
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार हिसार में बल्क ड्रग पार्क बनाकर मेडिकल आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है. डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद उद्योगों को वापस पटरी पर लाने में हरियाणा सबसे आगे था. सरल हरियाणा पोर्टल के माध्यम से 24 घंटों में उद्योगों को चलाने के लिए परमिशन दी गई.
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