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रिपोर्ट: लॉकडाउन में तस्करों ने प्रदेश में जमकर किया नशे का कारोबार, हजारों किलो नशे की हुई खपत - अवैध शराब बरामद हरियाणा

लॉकडाउन के दौरान हरियाणा में जमकर तस्करी हुई. इस दौरान प्रदेश में हजारों किलो नशे की खपत हुई. इसके साथ हरियाणा पुलिस ने सैकड़ों तस्करों को हजारों किलों नशे की खेप के साथ पकड़ा, लेकिन पिछले कुछ सालों से हरियाणा चरस और गांजे की खपत में पंजाब को भी पीछे छोड़ रहा है.

drug smugglers heavily intoxicated during lockdown in haryana
रिपोर्ट: लॉकडाउन में तस्करों ने प्रदेश में जमकर किया नशे का कारोबार
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Published : Jul 11, 2020, 10:26 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना संकट के समय पूरा देश लगभग ढाई महीने तक लॉकडाउन की स्थिति में था. हर जगह जान बचाने की कवायद चल रही थी. सड़क पर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू थीं, लेकिन इस कोरोना संकट और लॉकडाउन का भी नशे के कारोबारियों पर कोई खास असर नहीं दिखा.

नशे के सौदागरों ने अपने मंसूबो को खूब अंजाम देने की कोशिश की. हरियाणा में जमकर नशा तस्करी हुई. इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि इस अवधि में पुलिस ने ही करीब तीन हजार किलो मादक पदार्थ पकड़ा.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क के मुताबिक स्पेशल टास्क फोर्स के साथ प्रदेश के सभी पुलिस टीमों ने हरियाणा में लॉकडाउन अवधि के दौरान 3,853 किलो मादक पदार्थ जब्त किए. इस कार्रवाई में 143 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राज्य में ड्रग्स सप्लाई में शामिल थे.

लॉकडाउन में तस्करों ने प्रदेश में जमकर किया नशे का कारोबार, देखिए रिपोर्ट

लॉकडाउन में जब्त हुआ नशा

  • पोपी हस्क- 1160.60 किलो
  • गांजा- 38.71 किलो
  • अफीम- 5.890 किलो
  • हेरोइन- 4.233 किलो
  • गांजा पत्ती- 334.43 किलो
  • डोडा पोस्त- 63.34 किलो
  • डोडा पोस्त के पौधे- 66.58 किलो
  • नशीली गोलियां- 3500 टेबलेट

लॉकडाउन के दौरान जब्त हुई भारी मात्रा में शराब

लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब और शराब बनाने वाले कच्चे सामान पर भी नकेल कसी. पुलिस ने 73,251 बोतल शराब और अवैध शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला 37,363 लीटर लाहन जब्त किया है. पुलिस इतने मादक पदार्थों के साथ 840 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

लॉकडाउन में जब्त अवैध शराब

रेंजअंग्रेजी शराबदेशी शराबबीयरलाहन
करनाल रेंज13,331 बोतल2473 बोतल413 बोतल35,290 लीटर
अंबाला रेंज32,188 बोतल218 बोतल65 बोतल2073 बोतल

हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का हुआ गठन

प्रदेश में नशा और ड्रग तस्करी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन भी कर दिया गया है. ब्यूरो की कमान वरिष्ठ आई.पी.एस.अफसर ए.डी.जी.पी. श्रीकांत जाधव को सौंपी गई है. हालांकि हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का हेड ऑफिस नहीं बनाया गया है, लेकिन ब्यूरो के लिए लगभग 325 पदों को स्वीकृत भी कर दिया गया है. इसके लिए अलग से स्टाफ होगा जो पूरी तरह से प्रशिक्षित होगा ताकि बड़े-बड़े तस्करों की चेन को हमेशा के लिए तोड़ा जा सके.

पंजाब से ज्यादा हैं हरियाणा में नशे के आदी

ईटीवी भारत की टीम ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह से खास बातचीत की. ज्ञानेंद्र कुमार हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ राज्य में नशा संबंधित गतिविधियों पर नजर रखते हैं और उन पर रोकथाम के लिए डायरेक्शन देते हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले साल सरकार की ओर से चरस और गांजा की खपत को लेकर एक रिसर्च करवाया गया था. जिसमें मालूम हुआ कि देश में 1.2 लोग चरस और गांजा जैसे नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर हम इस रीजन की बात करें तो यह आंकड़ा देश के आंकड़े से ज्यादा है पंजाब में 1.3% हरियाणा में 2.9% और हिमाचल में 3.2% लोग नशे के आदी हैं. हरियाणा और हिमाचल में चरस और गांजा का सेवन करने वाले लोगों की संख्या पंजाब से ज्यादा है.

नशा छुड़वाने के लिए विभाग चलाता है कैंपेन

सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से कई तरह की जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को नशों से बचाया जा सके. कोविड-19 की वजह से जागरूकता अभियानों में बदलाव किया गया है. विभाग पहले की तरह जागरूकता अभियान नहीं चला सकता, इसलिए विभाग इन अभियानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लेकर आ रहा है. इन ऑनलाइन अभियान में भी हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. इसके अलावा हमने सेलिब्रिटीज से भी नशों के खिलाफ वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करवाए गए हैं.

क्षेत्रीय स्तर भी चालाए जा रहे हैं अभियान

युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर भी नशा विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं. हाल ही में जींद में नशा विरोधी पखवाड़ा का आयोजन किया गया. इस पखवाड़े के तहत नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया.

जींद के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला का कहना है कि नशा एक अभिषाप है और एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है. इसलिए विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को नशे के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जाए.

नशे के खिलाफ देश के उत्तरी राज्यों ने बनाया है ग्रुप

उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नशों को राष्ट्रीय समस्या करार देते हुए साझा वर्किंग ग्रुप कायम करने का फैसला किया है. इस ग्रुप में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, जेएंडके और चंडीगढ़ शामिल है. इसमें इन राज्यों के सेहत और सामाजिक न्याय विभागों के अधिकारी शामिल हैं जो अपने-अपने राज्यों की तरफ से नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तजुर्बे साझा करते हैं.

ईटीवी भारत की अपील

नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है. शराब, सिगरेट, तम्‍बाकू एवं ड्रग्‍स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हि‍स्सा नशे का शिकार हो रहा है. आज फुटपाथ और रेलवे प्‍लेटफार्म पर रहने वाले बच्‍चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं.

बच्चों और युवाओं को नशे से दूर करने के लिए पूरे समाज की जिम्मेदारी बनती है, ना सिर्फ बच्चों के माता-पिता बल्कि उनके टीचर, उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग उन्हें इस बारे में जागरूक करें कि नशा करने से उनकी जिंदगी को कितना बड़ा नुकसान पहुंच सकता है. ये भी समझना जरूरी है कि नशा ना सिर्फ कुछ जिंदगियां बर्बाद कर रहा है, बल्कि देश के भविष्य को खोखला कर रहा है. इसलिए नशा से हमेशा दूर रहें.

ये पढ़ें- पंजाब से ज़्यादा हरियाणा में बढ़े नशे के आदी, सरकार ने शुरू की ये विशेष मुहिम

चंडीगढ़: कोरोना संकट के समय पूरा देश लगभग ढाई महीने तक लॉकडाउन की स्थिति में था. हर जगह जान बचाने की कवायद चल रही थी. सड़क पर सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू थीं, लेकिन इस कोरोना संकट और लॉकडाउन का भी नशे के कारोबारियों पर कोई खास असर नहीं दिखा.

नशे के सौदागरों ने अपने मंसूबो को खूब अंजाम देने की कोशिश की. हरियाणा में जमकर नशा तस्करी हुई. इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि इस अवधि में पुलिस ने ही करीब तीन हजार किलो मादक पदार्थ पकड़ा.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क के मुताबिक स्पेशल टास्क फोर्स के साथ प्रदेश के सभी पुलिस टीमों ने हरियाणा में लॉकडाउन अवधि के दौरान 3,853 किलो मादक पदार्थ जब्त किए. इस कार्रवाई में 143 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राज्य में ड्रग्स सप्लाई में शामिल थे.

लॉकडाउन में तस्करों ने प्रदेश में जमकर किया नशे का कारोबार, देखिए रिपोर्ट

लॉकडाउन में जब्त हुआ नशा

  • पोपी हस्क- 1160.60 किलो
  • गांजा- 38.71 किलो
  • अफीम- 5.890 किलो
  • हेरोइन- 4.233 किलो
  • गांजा पत्ती- 334.43 किलो
  • डोडा पोस्त- 63.34 किलो
  • डोडा पोस्त के पौधे- 66.58 किलो
  • नशीली गोलियां- 3500 टेबलेट

लॉकडाउन के दौरान जब्त हुई भारी मात्रा में शराब

लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब और शराब बनाने वाले कच्चे सामान पर भी नकेल कसी. पुलिस ने 73,251 बोतल शराब और अवैध शराब बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला 37,363 लीटर लाहन जब्त किया है. पुलिस इतने मादक पदार्थों के साथ 840 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

लॉकडाउन में जब्त अवैध शराब

रेंजअंग्रेजी शराबदेशी शराबबीयरलाहन
करनाल रेंज13,331 बोतल2473 बोतल413 बोतल35,290 लीटर
अंबाला रेंज32,188 बोतल218 बोतल65 बोतल2073 बोतल

हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का हुआ गठन

प्रदेश में नशा और ड्रग तस्करी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन भी कर दिया गया है. ब्यूरो की कमान वरिष्ठ आई.पी.एस.अफसर ए.डी.जी.पी. श्रीकांत जाधव को सौंपी गई है. हालांकि हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का हेड ऑफिस नहीं बनाया गया है, लेकिन ब्यूरो के लिए लगभग 325 पदों को स्वीकृत भी कर दिया गया है. इसके लिए अलग से स्टाफ होगा जो पूरी तरह से प्रशिक्षित होगा ताकि बड़े-बड़े तस्करों की चेन को हमेशा के लिए तोड़ा जा सके.

पंजाब से ज्यादा हैं हरियाणा में नशे के आदी

ईटीवी भारत की टीम ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह से खास बातचीत की. ज्ञानेंद्र कुमार हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ राज्य में नशा संबंधित गतिविधियों पर नजर रखते हैं और उन पर रोकथाम के लिए डायरेक्शन देते हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले साल सरकार की ओर से चरस और गांजा की खपत को लेकर एक रिसर्च करवाया गया था. जिसमें मालूम हुआ कि देश में 1.2 लोग चरस और गांजा जैसे नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर हम इस रीजन की बात करें तो यह आंकड़ा देश के आंकड़े से ज्यादा है पंजाब में 1.3% हरियाणा में 2.9% और हिमाचल में 3.2% लोग नशे के आदी हैं. हरियाणा और हिमाचल में चरस और गांजा का सेवन करने वाले लोगों की संख्या पंजाब से ज्यादा है.

नशा छुड़वाने के लिए विभाग चलाता है कैंपेन

सरकार और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से कई तरह की जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को नशों से बचाया जा सके. कोविड-19 की वजह से जागरूकता अभियानों में बदलाव किया गया है. विभाग पहले की तरह जागरूकता अभियान नहीं चला सकता, इसलिए विभाग इन अभियानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लेकर आ रहा है. इन ऑनलाइन अभियान में भी हर वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. इसके अलावा हमने सेलिब्रिटीज से भी नशों के खिलाफ वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करवाए गए हैं.

क्षेत्रीय स्तर भी चालाए जा रहे हैं अभियान

युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर भी नशा विरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं. हाल ही में जींद में नशा विरोधी पखवाड़ा का आयोजन किया गया. इस पखवाड़े के तहत नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया.

जींद के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला का कहना है कि नशा एक अभिषाप है और एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है. इसलिए विभाग का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को नशे के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें दुष्प्रभावों के प्रति सचेत किया जाए.

नशे के खिलाफ देश के उत्तरी राज्यों ने बनाया है ग्रुप

उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नशों को राष्ट्रीय समस्या करार देते हुए साझा वर्किंग ग्रुप कायम करने का फैसला किया है. इस ग्रुप में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, जेएंडके और चंडीगढ़ शामिल है. इसमें इन राज्यों के सेहत और सामाजिक न्याय विभागों के अधिकारी शामिल हैं जो अपने-अपने राज्यों की तरफ से नशों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तजुर्बे साझा करते हैं.

ईटीवी भारत की अपील

नशा, एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है. शराब, सिगरेट, तम्‍बाकू एवं ड्रग्‍स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हि‍स्सा नशे का शिकार हो रहा है. आज फुटपाथ और रेलवे प्‍लेटफार्म पर रहने वाले बच्‍चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं.

बच्चों और युवाओं को नशे से दूर करने के लिए पूरे समाज की जिम्मेदारी बनती है, ना सिर्फ बच्चों के माता-पिता बल्कि उनके टीचर, उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग उन्हें इस बारे में जागरूक करें कि नशा करने से उनकी जिंदगी को कितना बड़ा नुकसान पहुंच सकता है. ये भी समझना जरूरी है कि नशा ना सिर्फ कुछ जिंदगियां बर्बाद कर रहा है, बल्कि देश के भविष्य को खोखला कर रहा है. इसलिए नशा से हमेशा दूर रहें.

ये पढ़ें- पंजाब से ज़्यादा हरियाणा में बढ़े नशे के आदी, सरकार ने शुरू की ये विशेष मुहिम

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