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CID विवाद खत्म होते ही स्वास्थ्य विभाग में तेज हुए काम, फिर शुरू हुई डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया - डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया

सीआईडी विवाद खत्म होते ही सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर्स भर्ती की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है. विस्तार से पढ़ें खबर.

doctors recruitment process start again in health department
अनिल विज, गृह मंत्री
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Published : Jan 24, 2020, 5:41 PM IST

चंडीगढ़: सीआईडी का विवाद खत्म होते ही स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से हरी झंडी मिलनी शुरू हो गई है. स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती करना चाहता था, जिस की फाइल को पहले सीएमओ ने रद्द कर दी थी, अब स्वास्थ्य मंत्री के नरम पड़ने के बाद पुरानी प्रक्रिया के जरिए ही भर्ती होगी.

डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरु

बता दें स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुरू की गई थी, लेकिन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते वर्ष 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था. विभाग ने 450 पदों के लिए के लिए डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम दौर में पहुंचा दिया था, लेकिन सीआईडी विवाद बढ़ने के बाद सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है.

डॉक्टर भर्ती मामले में क्या बोले गृह मंत्री, देखिए वीडियो

अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया. एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी कर ली गई थी. अब दोबारा से वहीं से भर्ती प्रक्रिया चलाने की अनुमति मिल गई है. प्रदेश की जनता के लिए एक राहत भरी खबर है कि सीएमओ द्वारा डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया को एक बार फिर पुरानी प्रक्रिया के तहत ही सुचारू रखने के आदेश दे दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- प्री बजट पर मुख्यमंत्री ने की बैंकर्स के साथ बैठक, कहा- हर बैंक 50 गांवों में खोले शाखाएं

इस विषय पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस विषय में बातचीत की है जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुरानी प्रक्रिया के तहत ही इन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के आदेश जारी कर दिए हैं अब जल्द ही इन डॉक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी.

चंडीगढ़: सीआईडी का विवाद खत्म होते ही स्वास्थ्य मंत्रालय की फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से हरी झंडी मिलनी शुरू हो गई है. स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती करना चाहता था, जिस की फाइल को पहले सीएमओ ने रद्द कर दी थी, अब स्वास्थ्य मंत्री के नरम पड़ने के बाद पुरानी प्रक्रिया के जरिए ही भर्ती होगी.

डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरु

बता दें स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुरू की गई थी, लेकिन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते वर्ष 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था. विभाग ने 450 पदों के लिए के लिए डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम दौर में पहुंचा दिया था, लेकिन सीआईडी विवाद बढ़ने के बाद सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है.

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अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया. एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी कर ली गई थी. अब दोबारा से वहीं से भर्ती प्रक्रिया चलाने की अनुमति मिल गई है. प्रदेश की जनता के लिए एक राहत भरी खबर है कि सीएमओ द्वारा डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया को एक बार फिर पुरानी प्रक्रिया के तहत ही सुचारू रखने के आदेश दे दिए गए हैं.

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इस विषय पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस विषय में बातचीत की है जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुरानी प्रक्रिया के तहत ही इन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के आदेश जारी कर दिए हैं अब जल्द ही इन डॉक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी.

Intro:चंडीगढ़, सीआईडी का विवाद खत्म होते ही सवास्थ्य मंत्रालय की फाइलों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हरी झंडी मिलनी शुरू हो गई है । सवास्थ्य विभाग प्रदेश के हस्पतालों में डॉक्टरों की भर्ती करना चाहता था, जिस की फाइल को पहले सीएमओ ने रद्द कर दिया था, अब सवास्थ्य मंत्री के नरम पड़ने के बाद पुरानी प्रक्रिया के द्वारा ही भर्ती होगी ।










Body:बता दे स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिय स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू की गई थी लेकिन सीआईडी विवाद बड़ने के बाद सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है । डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते वर्ष 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था ।

विभाग ने 450 पदों के लिए के लिए डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम दौर में पहुँचा दिया था जिस के बाद अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया व एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी कर ली गई थी ।



Conclusion:
प्रदेश की जनता के लिए एक राहत भरी खबर है कि सीएमओ द्वारा डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया को एक बार फिर पुरानी प्रक्रिया के तहत ही सुचारू रखने के आदेश दे दिए गए हैं । इस विषय पर जानकारी देते हुए सवास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस विषय में बातचीत की है जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुरानी प्रक्रिया के तहत ही इन डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के आदेश जारी कर दिए हैं अब जल्द ही इन डॉक्टरों की भर्ती कर ली जाएगी ।



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