चंडीगढ़: पीजीआई में एक बार फिर से कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज आए हैं. पीजीआई ने दोनों मरीजों के सैंपल लेकर दिल्ली एम्स अस्पताल में भेज दिए हैं. जहां पर लैबोरेट्री में इन सैंपल्स को टेस्ट किया जाएगा. ऐसे ही चंडीगढ़ के लोगों में यह डर है कि कहीं करोना वायरस चंडीगढ़ तक भी न पहुंच जाए.
चंडीगढ़ पीजीआई में संदिग्ध मरीज मिलने के बाद चंडीगढ़ के लोगों को भी यह डर है. इस बारे में हमने चंडीगढ़ पीजीआई के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर जेएस ठाकुर से बात की, जिन्होंने कहा कि जिन लोगों में कोरोना वायरस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
संदिग्ध का पता चलने पर क्या करते हैं डॉक्टर्स ?
जेएस ठाकुर इस बारे में कहते हैं कि हम एहतियात के तौर पर उन लोगों को पीजीआई में भर्ती करते हैं और उनके सैंपल लेकर टेस्ट करने के लिए लेबोरेट्री में भेजते हैं. यह एक सामान्य रूटीन है.इसमें लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वायरस फैलने का डर तब होना चाहिए.
जब किसी जगह से पॉजिटिव मरीज सामने आए हो अभी तक बहुत से संदिग्ध मरीज सामने आए हैं जिनमें से ज्यादातर रहे हैं डरने की जरूरत नहीं है. इसको ठीक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे देशों से यात्रा करके भारत आता है और उसे खांसी जुखाम बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपना चेकअप करवाना चाहिए.
अफवाहों पर ध्यान ना दें- डॉक्टर
इसके अलावा प्रोफेसर ठाकुर ने कहा कोरोना वायरस को लेकर देश में बहुत सी अफवाहें फैल रही है. लोगों को उन अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए. इसके लिए सरकार ने सरकारी वेबसाइट पर एडवाइजरी जारी की है. साथ ही वहां पर कोरोना वायरस के लक्षण और उपायों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है. लोग उन सरकारी वेबसाइट से करो ना वायरस को लेकर सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
दिल्ली में कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज मिलने से आसपास के इलाकों में भी डर का माहौल बन गया है, लेकिन इस बीमारी को रोकने के लिए सरकार की तरफ से पूरी एहतियात बरती जा रही है. विदेशों से आने वाले हर व्यक्ति की जांच भी की जा रही है ताकि भारत में इसे फैलने से रोका जा सके.
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