चंडीगढ़: हरियाणा में अब स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण मिलेगा. ये वादा जननायक जनता पार्टी ने चुनाव से पहले किया था. इस वादे को अब पूरा कर दिया गया है. अब 75 फीसदी आरक्षण के फैसले पर विपक्ष सरकार को निशाने पर ले रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने जेजेपी नेता व इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला से खास बातचीत की.
'सरकार का ये फैसला हमेशा याद रखा जाएगा'
दिग्विजय चौटावा ने कहा कि ये ऐतिहासिक कदम है. हमारी सरकार का ये फैसला हमेशा याद रखा जाएगा. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हमारी सरकार का एक प्रमुख वादा हमने पूरा करके दिखाया है और जिस तरीके से चौधरी देवीलाल को लोग तमाम जनकल्याणकारी फैसलों के लिए याद रखते हैं ऐसे ही इस फैसले के लिए मौजूदा सरकार को भी लंबे समय तक याद रखा जाएगा.
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दिग्विजय ने कहा कि सबसे अधिक बेरोजगारी दर 33 प्रतिशत के करीब हरियाणा में है, ऐसे में इस फैसले से रोजगर के अवसर उपलब्ध होंगे. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक फैसला है जो स्थानीय युवाओं को प्रदेश में ही नौकरियों के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाएगा.
'निर्मला सीतारमण जो सुझाव देंगी उन्हें माना जाएगा'
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा फैसले पर हैरानी जताने के मामले में दिग्विजय ने कहा शायद वित्त मंत्री को अभी इस फैसले की पूरी जानकारी नहीं है और मुझे पूरा भरोसा है जब उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी तो वो भी हरियाणा सरकार के फैसले से सहमत होंगी. उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण जो सुझाव देंगी उसको माना जाएगा.
'कांग्रेसी असमंजस की स्थिति में हैं'
भूपेंद्र सिंह हुड्डा हों या अन्य विपक्षी नेता हर कोई सरकार के आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस फैसले के लागू होते ही हरियाणा में बेरोजगारी दर पहले से ज्यादा हो जाएगी. इस पर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इस फैसले से कांग्रेस असमंजस की स्थिति में है. अगर इसका विरोध करेंगे तो युवाओं की नाराजगी झेलनी पड़ेगी और अच्छा बताएंगे तो दुष्यंत चौटाला की बल्ले-बल्ले होगी.
कांग्रेस लाई अविश्वास प्रस्ताव, क्या बोले दिग्विजय?
दिग्विजय ने हरियाणा सरकार के खिलाफ कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि कांग्रेस पहले अपना घर संभाले. अविश्वास प्रस्ताव का जो मसौदा सौंपा गया है उसमें भी सभी विधायकों के हस्ताक्षर नहीं हैं. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि उन्हें तो इस बात की हैरानी है कि ये 31 विधायक भी संगठित नहीं हैं.
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