चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में सोमवार को 'विकसित भारत@2047: वॉयस ऑफ यूथ' अभियान की शुरुआत की गयी. इस अभियान में बड़ी संख्या में शिक्षाविद् शामिल हुए. आखिर 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जाए, युवाओं की इसमें भागीदारी कैसे बढ़े, इन तमाम मुद्दों पर चर्चा की गयी.
अभियान का क्या है उद्देश्य?: साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा करने के उद्देश्य से चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि आजादी के सौवें वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना है. इसके लिए एक महत्वाकांक्षी और परिवर्तनकारी एजेंडा तैयार करने की आवश्यकता है. विकसित राष्ट्र के सपने को पूरा करने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है.इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 20 से अधिक कुलपति, संस्थानों के प्रमुखों, 250 से अधिक प्रिंसिपल, डीन और राज्य भर के कॉलेजों के फेकल्टी सदस्यों के साथ शिक्षाविद भी मौजूद थे. इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर, पीजीआई के डायरेक्टर विवेक लाल, और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
युवाओं की भागीदारी पर जोर: इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं से तीन सवाल पूछे गए और उनसे इनका जवाब भी जानना चाहा गया. ये प्रश्न थे - “विकसित भारत@2047 को संभव बनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं? इस लक्ष्य तक पहुँचने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है? विभिन्न पहलुओं के अनुरूप 2047 में विकसित भारत कैसा दिखना चाहिए?” चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने युवाओं से कहा कि आपमें से हर कोई इसके बारे में सोच सकता है और विकसित भारत@2047 आइडियाज़ पोर्टल पर अपना सुझाव भेज सकता है. इससे पहले सशक्त भारतीयों, सुशासन और सुरक्षा सहित प्रासंगिक विषयों पर पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें पंजाब एवं चंडीगढ़ के प्रमुख शिक्षाविदों ने विचार-विमर्श किया।
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