चंडीगढ़ : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने (Dushyant Chautala) श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किया है. उन्होंने इस आदेश में कहा है कि श्रम विभाग के अधिकारी ऐसा सरल तरीका विकसित करें जिससे नियोक्ताओं और कर्मचारियों को विभाग की वेबसाइट पर अपना विवरण भरने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. डिप्टी सीएम ने बृहस्पतिवार को यहां श्रम विभाग (Deputy Cm Meeting With Officials) के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने 'हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम 2020' (Employment Act 2020) के तहत शुरू की गई प्रक्रिया की समीक्षा की.
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उद्यमियों को निर्देशित और प्रोत्साहित करें कि वे ‘हरियाणा उद्यम मैमोरेंडम’ पोर्टल ('Haryana Udyam Memorandum' Portal) पर 15 जनवरी 2022 तक हर हाल में पंजीकरण करके अपने-अपने कर्मचारियों का विवरण भर लें. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों के साथ-साथ प्राइवेट उद्योगों, कंपनी, ट्रस्ट, सोसायटी आदि में रोजगार दिलवाना है. उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को 'रोजगार अधिनियम- 2020' के तहत प्रदेश के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का जो कानून बनाया है, उससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
डिप्टी सीएम ने बताया कि कौशल विभाग, उद्योग विभाग, उच्चतर शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा आईटीआई, पोलिटेक्रीक आदि को नई तकनीक के साथ अपग्रेड किया जाएगा ताकि राज्य में उद्योगों को प्रशिक्षित कौशलयुक्त युवा रोजगार के लिए मिल सकें. उपमुख्यमंत्री ने ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अधिनियम, 2020’ के बारे में जानकारी दी कि यह अधिनियम निजी क्षेत्र की कंपनियों, सोसायटियों, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म के नियोक्ताओं और कोई भी व्यक्ति जो हरियाणा में निर्माण, व्यवसाय करने या कोई सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से वेतन, मजदूरी या अन्य पारिश्रमिक पर दस या अधिक व्यक्तियों को काम पर रखता है, पर लागू होगा.
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उन्होंने कहा कि इन सभी नियोक्ताओं को श्रम विभाग, हरियाणा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नामित पोर्टल पर मासिक वेतन या तीस हजार रुपए तक वेतन प्राप्त करने वाले अपने सभी कर्मचारियों को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा. वे सभी नई भर्तियों में ऐसे पदों के लिए, जहां सकल मासिक वेतन या मजदूरी तीस हजार रुपए से अधिक नहीं है, 75 प्रतिशत (शर्त के अधीन) स्थानीय उम्मीदवारों को काम पर रखेंगे.
इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन एक दंडनीय अपराध है. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उद्योगों के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल बनाने, विशेषकर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ उद्योगों की प्रगति और अर्थव्यवस्था के बीच सही संतुलन बनाना समय की जरूरत है.
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