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हरियाणा विधानसभा के बंटवारे की मांग, एसवाईएल का भी निकलेगा समाधान?

1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य ने अपनी अगल पहचान बनाई थी. जिसके बाद से हरियाणा के कई विवाद पंजाब के साथ लंबित हैं. एसवाईएल को लेकर लंबे समय से चल रहा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

Demand for partition of Haryana Legislative Assembly
Demand for partition of Haryana Legislative Assembly
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Published : Dec 6, 2019, 10:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब के विधानसभा स्पीकर केपीएस राणा से मुलाकात की. दोनों के बीच विधानसभा के मसलों पर बातचीत हुई. इस दौरान हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब के विधानसभा स्पीकर से हरियाणा को उनका हक देने की मांग की.

ये है विधानसभा की परिस्थिति
बता दें कि हरियाणा विधानसभा का कुल एरिया 66430 वर्ग फीट है. जब हरियाणा राज्य पंजाब से अलग हुआ था तो पंजाब को विधानसभा के लिए 30890 वर्ग फीट जगह मिली थी. वहीं हरियाणा को विधानसभा में 24630 वर्ग फीट जगह मिली. स्पीकर का कहना है कि हरियाणा को बंटवारे में कम जगह मिली है.

वीडियो पर क्लिक कर जानें क्या कहा विधानसभा स्पीकर ने

इस तरीके से हुआ था बंटवारा
17 अक्तूबर 1966 को पंजाब और हरियाणा विधानसभा के कार्यालयों का विभाजन हुआ था. उसके मुताबिक पंजाब विधानसभा सचिवालय को 30890 सक्वेयर फीट और पंजाब विधानसभा परिषद को 10910 स्क्वेयर फीट और हरियाणा विधानसभा सचिवालय को 24630 स्क्वेयर फीट जगह आवंटन की गई.

कई सारे मामले पड़े हैं लंबित
1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य ने अपनी अगल पहचान बनाई थी. जिसके बाद से हरियाणा के कई विवाद पंजाब के साथ लंबित हैं. एसवाईएल को लेकर लंबे समय से चल रहा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

एसवाईएल का जल्द हो सकता है समाधान
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल एसवाईएल के मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रख चुके हैं. तो वहीं अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी विधानसभा में हरियाणा के लंबित मुद्दों को प्रमुखता से उठाते नजर आ रहे हैं.

पंजाब से हरियाणा के हक की मांग
हरियाणा को विधानसभा में अपने बंटवारे का पूरा हिस्सा दिए जाने को लेकर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की. जिसके बाद स्पीकर ने बताया कि विधानसभा में हरियाणा का पूरा हिस्सा ना मिलने के चलते किस तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं. वहीं इस मामले पर जल्द पंजाब विधानसभा और हरियाणा विधानसभा सचिवों की बैठक होगी जिसमें इसपर चर्चा की जाएगी.

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने उठाई मांग
स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि हरियाणा को बंटवारे के अनुसार विधानसभा में अपना पूरा हिस्सा नहीं मिला है. ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बंटवारे के समय पंजाब हरियाणा विधानसभा का कुल एरिया 66430 स्क्वायर फिट था. जिसमें से 30890 स्क्वायर फीट पंजाब विधानसभा, सचिवालय को मिला. जबकि हरियाणा विधानसभा को 24630 स्क्वायर फीट हिस्सा मिला.

हरियाणा के स्पीकर ने पंजाब के स्पीकर से की मुलाकात
वहीं पंजाब विधान परिषद का 10910 स्क्वायर फीट भी पंजाब विधानसभा के हिस्से में गया था. लेकिन हरियाणा विधानसभा को केवल 20 हजार स्क्वेयर फीट मिला है. जबकि 4 हजार 630 स्क्वेयर फिट अभी भी पंजाब से नहीं मिला है. ज्ञान चंद गुप्ता ने 20 कमरे हरियाणा को देने की मांग को रखते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की.

विधानसभा के हिस्से को देने की मांग
स्पीकर ने बताया कि फिलहाल हरियाणा को उसका पूरा हिस्सा ना मिलने के चलते विधानसभा के अधिकारियों कर्मचारियों और मंत्रियों को बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों को अपने विभाग के अधिकारियों के साथ आपात स्थितियों में बैठक बुलाने को भी जगह नहीं मिल पाती. इसलिए हरियाणा विधानसभा को आवंटित हिस्सा दिया जाए.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में चुनाव लड़ेगी जेजेपी, किसके साथ लड़ेगी ये दुष्यंत चौटाला बताएंगे- निशान सिंह

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि नेपाल से 16 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ हरियाणा विधानसभा में अध्यन करने आ रहा है. 9 से 11 दिसम्बर को प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में रहेगा. गौरतलब है कि हरियाणा विधान सभा को विधानसभा में उसका पूरा हिस्सा न मिल पाने की मांग पहले भी उठाई जाती रही है और इसको लेकर पत्र भी भेजे जाते रहे हैं, लेकिन अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने इस मामले को उठाने में काफी तेजी दिखाई है.

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब के विधानसभा स्पीकर केपीएस राणा से मुलाकात की. दोनों के बीच विधानसभा के मसलों पर बातचीत हुई. इस दौरान हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब के विधानसभा स्पीकर से हरियाणा को उनका हक देने की मांग की.

ये है विधानसभा की परिस्थिति
बता दें कि हरियाणा विधानसभा का कुल एरिया 66430 वर्ग फीट है. जब हरियाणा राज्य पंजाब से अलग हुआ था तो पंजाब को विधानसभा के लिए 30890 वर्ग फीट जगह मिली थी. वहीं हरियाणा को विधानसभा में 24630 वर्ग फीट जगह मिली. स्पीकर का कहना है कि हरियाणा को बंटवारे में कम जगह मिली है.

वीडियो पर क्लिक कर जानें क्या कहा विधानसभा स्पीकर ने

इस तरीके से हुआ था बंटवारा
17 अक्तूबर 1966 को पंजाब और हरियाणा विधानसभा के कार्यालयों का विभाजन हुआ था. उसके मुताबिक पंजाब विधानसभा सचिवालय को 30890 सक्वेयर फीट और पंजाब विधानसभा परिषद को 10910 स्क्वेयर फीट और हरियाणा विधानसभा सचिवालय को 24630 स्क्वेयर फीट जगह आवंटन की गई.

कई सारे मामले पड़े हैं लंबित
1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य ने अपनी अगल पहचान बनाई थी. जिसके बाद से हरियाणा के कई विवाद पंजाब के साथ लंबित हैं. एसवाईएल को लेकर लंबे समय से चल रहा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

एसवाईएल का जल्द हो सकता है समाधान
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल एसवाईएल के मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रख चुके हैं. तो वहीं अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी विधानसभा में हरियाणा के लंबित मुद्दों को प्रमुखता से उठाते नजर आ रहे हैं.

पंजाब से हरियाणा के हक की मांग
हरियाणा को विधानसभा में अपने बंटवारे का पूरा हिस्सा दिए जाने को लेकर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की. जिसके बाद स्पीकर ने बताया कि विधानसभा में हरियाणा का पूरा हिस्सा ना मिलने के चलते किस तरह की परेशानियां पेश आ रही हैं. वहीं इस मामले पर जल्द पंजाब विधानसभा और हरियाणा विधानसभा सचिवों की बैठक होगी जिसमें इसपर चर्चा की जाएगी.

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने उठाई मांग
स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि हरियाणा को बंटवारे के अनुसार विधानसभा में अपना पूरा हिस्सा नहीं मिला है. ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बंटवारे के समय पंजाब हरियाणा विधानसभा का कुल एरिया 66430 स्क्वायर फिट था. जिसमें से 30890 स्क्वायर फीट पंजाब विधानसभा, सचिवालय को मिला. जबकि हरियाणा विधानसभा को 24630 स्क्वायर फीट हिस्सा मिला.

हरियाणा के स्पीकर ने पंजाब के स्पीकर से की मुलाकात
वहीं पंजाब विधान परिषद का 10910 स्क्वायर फीट भी पंजाब विधानसभा के हिस्से में गया था. लेकिन हरियाणा विधानसभा को केवल 20 हजार स्क्वेयर फीट मिला है. जबकि 4 हजार 630 स्क्वेयर फिट अभी भी पंजाब से नहीं मिला है. ज्ञान चंद गुप्ता ने 20 कमरे हरियाणा को देने की मांग को रखते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की.

विधानसभा के हिस्से को देने की मांग
स्पीकर ने बताया कि फिलहाल हरियाणा को उसका पूरा हिस्सा ना मिलने के चलते विधानसभा के अधिकारियों कर्मचारियों और मंत्रियों को बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों को अपने विभाग के अधिकारियों के साथ आपात स्थितियों में बैठक बुलाने को भी जगह नहीं मिल पाती. इसलिए हरियाणा विधानसभा को आवंटित हिस्सा दिया जाए.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में चुनाव लड़ेगी जेजेपी, किसके साथ लड़ेगी ये दुष्यंत चौटाला बताएंगे- निशान सिंह

स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि नेपाल से 16 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ हरियाणा विधानसभा में अध्यन करने आ रहा है. 9 से 11 दिसम्बर को प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में रहेगा. गौरतलब है कि हरियाणा विधान सभा को विधानसभा में उसका पूरा हिस्सा न मिल पाने की मांग पहले भी उठाई जाती रही है और इसको लेकर पत्र भी भेजे जाते रहे हैं, लेकिन अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने इस मामले को उठाने में काफी तेजी दिखाई है.

Intro:खबर फीड रूम में भेजी जा चुकी है

साल 1966 में पंजाब से अलग हुए हरियाणा के अभी भी कई मुद्दों को लेकर विवाद पंजाब के साथ लंबित हैं । एसवाईएल को लेकर लंबे समय से चल रही लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में अभी लंबित है । वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले जहां पंजाब को एसवाईएल के मुद्दे को लेकर अपनी राय बेबाकी से रखी वहीं अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी विधानसभा में हरियाणा के लंबित इससे की मांग को प्रमुखता से उठाते नजर आ रहे हैं । हरियाणा को विधानसभा में अपने बंटवारे का पूरा हिस्सा दिए जाने की लेकर हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की । इसके उपरांत हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ आंकड़े भी सामने रखते हुए बताया कि विधानसभा में हरियाणा का पूरा हिस्सा न मिलने के चलते किस तरह की परेशानियां पेश आ रही है । वहीं इस मामले पर जल्द पंजाब विधानसभा और हरियाणा विधानसभा सचिवों की बैठक होगी जिसमें इसपर चर्चा की जाएगी ।


Body:वीओ -
साल 1966 में पंजाब से हरियाणा अलग हुआ था उस दौरान राजधानी , पानियों के समेत कई मुद्दों पर दोनों प्रदेशों के बीच बंटवारा हुआ था लेकिन इस बंटवारे के तहत पंजाब हरियाणा विधानसभा में आज तक भी हरियाणा को उसका पूरा हिस्सा नहीं मिल पाया है । चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हरियाणा को बंटवारे के अनुसार विधानसभा में अपना पूरा हिस्सा नही मिला है । ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि बंटवारे के समय पंजाब हरियाणा विधानसभा का कुल एरिया 66430 स्क्वायर फिट था। जिसमें से 30890 स्क्वायर फीट पंजाब विधान सभा ओर सचिवालय और हरियाणा विधानसभा को 24630 मिला था । वहीं पंजब विधान परिषद का 10910 स्क्वायर फीट भी पंजाब विधानसभा के हिस्से में गया था । लेकिन हरियाणा विधानसभा को केवल 20 हजार स्क्वेयर फीट मिला है जबकि 4 हजार 630 स्क्वेयर फिट अभी भी पंजाब से नही मिला है ।
बाइट - ज्ञानचंद गुप्ता , स्पीकर हरियाणा विधानसभा
वीओ -
ज्ञान चंद गुप्ता ने 20 कमरे हरियाणा को देने की मांग को रखते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात की । रंजन गुप्ता ने कहा कि फिलहाल हरियाणा को उसका पूरा हिस्सा न मिलने के चलते विधानसभा के अधिकारियों कर्मचारियों ने मंत्रियों को बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों को अपने विभाग के अधिकारियों के साथ आपात स्थितियों में बैठक बुलाने को भी जगह नहीं मिल पाती इसलिए हरियाणा विधान सभा को आवंटित हिस्सा दिया जाए यह मांग रखी गई है । दोनों विधानसभा के स्पीकर ओं से की हुई बैठक के बाद यह तय किया गया है कि पंजाब और हरियाणा विधानसभा के सचिव जल्द ही आपस में एक बैठक करेंगे जिसमें हल निकाला जाएगा ।
बाइट - ज्ञानचंद गुप्ता , स्पीकर हरियाणा विधानसभा
वीओ -
ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि नेपाल से 16 सदस्यीय एक प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ हरियाणा विधानसभा में अध्यन करने आ रहे है । 9 से 11 दिसम्बर को प्रतिनिधि मंडल चंडीगढ़ रहेगा ।



Conclusion:गौरतलब है कि हरियाणा विधान सभा को विधानसभा में उसका पूरा हिस्सा न मिल पाने की मांग पहले भी उठाई जाती रही है और इसको लेकर पत्र भी भेजे जाते रहे हैं लेकिन अब हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने इस मामले को उठाने में काफी तेजी दिखाई है । ज्ञान चंद गुप्ता के अनुसार इससे पहले हरियाणा विधानसभा के स्पीकर कंवरपाल गुर्जर की तरफ से चंडीगढ़ के चीफ सेक्टरी को पत्र लिख था । लेकिन अब गुप्ता इसे प्रमुखता से उठा रहे है । देखना यह होगा कि आने वाले समय में दोनों सचिवों की बैठक में क्या हल निकलता है ।
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