नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (sidhu moose wala murder case) में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो शूटरों को गिरफ्तार किया. दोनों शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गैंग के बताए जा रहे हैं. गिरफ्तार दोनों शूटर में एक अंकित नाम का शूटर है. जिसकी उम्र मजह 18 साल है. बताया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के दौरान अंकित ने दोनों हाथों से सबसे करीब जाकर गोलियां चलाई थीं. हत्या के बाद पुलिस को चकमा देकर अंकित छह राज्यों में जाकर छिपा.
अंत में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार (delhi police arrested shooter ankit) कर लिया. पकड़ा गया उसका साथी सचिन चौधरी छिपने में शूटरों की मदद कर रहा था. विशेष आयुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल के अनुसार, सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में स्पेशल सेल भी छानबीन कर रही थी. बीते जून में दो शूटरों सहित तीन लोगों को गुजरात से स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. इस मॉड्यूल को प्रियव्रत उर्फ फौजी लीड कर रहा था. उन आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया था.
जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. छानबीन के बाद पुलिस टीम को पता चला कि इस गैंग में अंकित नाम का शूटर शामिल था. उसने सबसे ज्यादा गोलियां सिद्धू मूसेवाला के करीब जाकर चलाई थी. वो दोनों हाथ में दो पिस्तौल लेकर गोलियां चला रहा था. स्पेशल सेल की टीम को पता चला कि शूटर एवं उन्हें शरण देने वाले कई राज्यों में घूम रहे हैं. वो झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में छुप रहे हैं.
इन सभी जगहों पर स्पेशल सेल की टीम छापेमारी कर रही थी, लेकिन बदमाश भागने में कामयाब हो रहे थे. रविवार रात स्पेशल सेल को पता चला कि अंकित सेरसा अपने साथी सचिन के साथ कश्मीरी गेट बस अड्डे के पास आएगा. इस जानकारी पर डीसीपी प्रमोद कुशवाहा की देखरेख में इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से पंजाब पुलिस की तीन वर्दी और हथियार बरामद हुए हैं.
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वारदात से एक दिन पहले विदेश से कॉल आया था और उन्हें हत्या के लिए तैयार रहने को कहा गया था. वारदात वाले दिन शाम चार बजे विदेश से कॉल कर बताया गया कि बड़े वाले गेट से सिद्धू निकला है. उसके साथ कोई गनमैन भी नहीं है. इस कॉल के बाद उन्होंने दो गाड़ियों से पीछा किया और हत्याकांड को अंजाम दिया. हत्याकांड के बाद वो पंजाब से हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, यूपी आदि राज्यों में छिप रहे थे.
आरोपियों ने बताया कि वो किसी भी जगह 24 से 48 घंटे तक ही रहते थे. इसके बाद नया ठिकाना तलाश लेते थे. विशेष आयुक्त हरगोविंद सिंह धालीवाल के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि वो प्रियव्रत के साथ गुजरात में थे. वहां पर प्रियव्रत बिना मास्क के घूमता था. इसकी वजह से उन्हें लगा कि वो पकड़े जा सकते हैं. इस वजह से कुछ लोगों ने उनका साथ छोड़ दिया था. उन्होंने अपने साथ पंजाब पुलिस की वर्दी रखी हुई थी, ताकि अगर वह फंसे तो इसका इस्तेमाल अपने बचाव के लिए कर सकें.