चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली से हरियाणा की ओर से ट्रकों, डॉक्टरों, नर्सों और कोर्ट स्टाफ को जाने से रोकने के हरियाणा सरकार के आदेश पर फटकार लगाई है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने 11 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. बार्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग याचिका ओपी गुप्ता ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार केंद्र सरकार के 15 अप्रैल के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रही है.
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दे, ताकि जरुरी सामानों जैसे सब्जियों, फलों, दूध, दवाइयां की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहे. नौकरी के लिए आने-जाने वालों को असुविधा याचिका में कहा गया है कि हरियाणा से सटे सिंघु, टिकरी, गुड़गांव, आया नगर और बदरपुर पर दिल्ली से हरियाणा में जरुरी सामानों वाले वाहनों को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.
याचिका में कहा गया है कि हरियाणा में रहने वाले लोग जो दिल्ली में नौकरी करते हैं उन्हें भी अपने घर से आने-जाने की सुविधा मिलनी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने 30 अप्रैल के अपने आदेश में हरियाणा और दिल्ली के आवागमन को रोकने का आदेश जारी किया हुआ है.
सोनीपत के डीएम का आदेश गलत- हाई कोर्ट
यहां तक की जरुरी सामानों की भी सोनीपत में आपूर्ति नहीं करने दिया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि सोनीपत में रहने वाले या वहां नौकरी करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, कोर्ट स्टाफ को भी दिल्ली से आने-जाने नहीं दिया जा रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सोनीपत के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का आदेश संविधान की धारा 19(1)(डी) और धारा 301 का उल्लंघन है.
हरियाणा सरकार ने दावों को गलत बताया
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल को संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें सामानों को ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही की अनुमति दी गई है. हरियाणा सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता के दावों को गलत बताया.