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भारत सरकार ने संसद में माना कि हरियाणा में बीजेपी सरकार बनने के बाद बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी - दीपेंद्र हुड्डा - हरियाणा में बेरोजगारी

हरियाणा में बेरोजगारी के मुद्दे पर राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर से सरकार को जमकर घेरा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार ने संसद में माना है कि हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के बाद से बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है.

deepender hooda on unemployment
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Published : Jul 22, 2023, 11:13 AM IST

चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर से हरियाणा में बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार ने संसद के मानसून सत्र 2023 में माना कि हरियाणा में बीजेपी सरकार बनने के बाद बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है. संसद में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी पर सवाल किया था. जिसके जवाब में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जवाब देते हुए आंकड़े जारी किए.

ये भी पढ़ें- मनोहर लाल सरकार पर सुरजेवाला, सैलजा और किरण चौधरी का गंभीर आरोप, कहा- CET युवाओं के साथ भद्दा मजाक

दीपेंद्र हुड्डा के मुताबिक आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार के समय 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9% थी. जो बीजेपी सरकार के दौरान 2021-22 में 9.0% पहुंच गई है. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर को देखें तो ये 4.1% है. इस हिसाब से हरियाणा में ये दर दोगुने से भी ज्यादा है. ये भयावह स्थिति तब है, जब हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी को तीन तरफ से घेर रखा है.

  • आज संसद में मेरे सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने माना कि हरियाणा में BJP-JJP राज में बेरोज़गारी 3 गुना से भी ज़्यादा बढ़ी है जो की उत्तर भारत में सर्वाधिक है।

    बार-बार CMIE के आंकड़ों को नकराने वाले @mlkhattar जी अब क्या कहेंगे?

    2013-14 में हरियाणा में हुड्डा सरकार के समय… pic.twitter.com/IBtFc2dS8g

    — Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश में हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है. जहां भाजपा शासन काल में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है. हरियाणा में बेरोजगारी ने बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है. इतना ही नहीं, बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा उत्तर भारत के राज्यों में नंबर 1 बन गया है. हरियाणा ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात जैसे प्रदेशों को भी पीछे छोड़ दिया है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी की वजह से नशा बढ़ा और नशे की वजह से अपराध बढ़ा. दीपेंद्र ने कहा कि CMIE के आंकड़ों को हरियाणा सरकार ये कह कर नकारती रही है कि ये प्राइवेट एजेंसी के आंकडे हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने संसद में स्वीकार कर लिया है कि हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ने की गति 3 गुना है. सांसद दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा 2014 तक प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश में सबसे आगे था.

राज्यसभा सांसद के मुताबिक पहले रोजगार के मामले में हरियाणा दूसरे प्रदेशों को रास्ता दिखाता था. दूर-दूर से लोग हरियाणा में रोजगार के लिए आते थे, लेकिन आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे युवाओं पर लगातार भर्ती घोटाले, भ्रष्टाचार की मार पड़ रही है. पिछले 9 साल से प्रदेश में कोई नया निवेश, नई फैक्ट्री नहीं लगी. इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रेलकोच फैक्ट्री जैसी हरियाणा की बड़ी और मंजूरशुदा परियोजनाएं दूसरे प्रदेशों में चली गईं.

ये भी पढ़ें- Inflation in Haryana: महंगाई में नंबर वन बना हरियाणा, सभी राज्यों से महंगा हुआ रहन-सहन, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा पहुंची मुद्रास्फीति

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, तो दूसरी तरफ 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं. भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. पक्की नौकरियों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है. कौशल निगम के नाम पर कच्ची भर्ती कर युवाओं का शोषण चल रहा है. कहीं नौकरी निकल भी गई तो बीजेपी-जेजेपी सरकार की गलत नीतियों के चलते उसमें से ज्यादातर नौकरियां हरियाणा के युवाओं को ना मिलकर दूसरे प्रदेशों के लोगों को मिल रही हैं. ऐसे में हरियाणा का युवा पूरी तरह हताश और निराश हो रहा है.

चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एक बार फिर से हरियाणा में बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भारत सरकार ने संसद के मानसून सत्र 2023 में माना कि हरियाणा में बीजेपी सरकार बनने के बाद बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है. संसद में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बेरोजगारी पर सवाल किया था. जिसके जवाब में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जवाब देते हुए आंकड़े जारी किए.

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दीपेंद्र हुड्डा के मुताबिक आंकड़ों में साफ दिखाई दे रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार के समय 2013-14 में बेरोजगारी दर 2.9% थी. जो बीजेपी सरकार के दौरान 2021-22 में 9.0% पहुंच गई है. राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर को देखें तो ये 4.1% है. इस हिसाब से हरियाणा में ये दर दोगुने से भी ज्यादा है. ये भयावह स्थिति तब है, जब हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी को तीन तरफ से घेर रखा है.

  • आज संसद में मेरे सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने माना कि हरियाणा में BJP-JJP राज में बेरोज़गारी 3 गुना से भी ज़्यादा बढ़ी है जो की उत्तर भारत में सर्वाधिक है।

    बार-बार CMIE के आंकड़ों को नकराने वाले @mlkhattar जी अब क्या कहेंगे?

    2013-14 में हरियाणा में हुड्डा सरकार के समय… pic.twitter.com/IBtFc2dS8g

    — Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) July 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश में हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है. जहां भाजपा शासन काल में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है. हरियाणा में बेरोजगारी ने बिहार और झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है. इतना ही नहीं, बेरोजगारी दर के मामले में हरियाणा उत्तर भारत के राज्यों में नंबर 1 बन गया है. हरियाणा ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात जैसे प्रदेशों को भी पीछे छोड़ दिया है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से बढ़ रही बेरोजगारी की वजह से नशा बढ़ा और नशे की वजह से अपराध बढ़ा. दीपेंद्र ने कहा कि CMIE के आंकड़ों को हरियाणा सरकार ये कह कर नकारती रही है कि ये प्राइवेट एजेंसी के आंकडे हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने संसद में स्वीकार कर लिया है कि हरियाणा में बेरोजगारी बढ़ने की गति 3 गुना है. सांसद दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा 2014 तक प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश में सबसे आगे था.

राज्यसभा सांसद के मुताबिक पहले रोजगार के मामले में हरियाणा दूसरे प्रदेशों को रास्ता दिखाता था. दूर-दूर से लोग हरियाणा में रोजगार के लिए आते थे, लेकिन आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे युवाओं पर लगातार भर्ती घोटाले, भ्रष्टाचार की मार पड़ रही है. पिछले 9 साल से प्रदेश में कोई नया निवेश, नई फैक्ट्री नहीं लगी. इंटरनेशनल एयरपोर्ट, रेलकोच फैक्ट्री जैसी हरियाणा की बड़ी और मंजूरशुदा परियोजनाएं दूसरे प्रदेशों में चली गईं.

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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि एक तरफ हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, तो दूसरी तरफ 2 लाख सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं. भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. पक्की नौकरियों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है. कौशल निगम के नाम पर कच्ची भर्ती कर युवाओं का शोषण चल रहा है. कहीं नौकरी निकल भी गई तो बीजेपी-जेजेपी सरकार की गलत नीतियों के चलते उसमें से ज्यादातर नौकरियां हरियाणा के युवाओं को ना मिलकर दूसरे प्रदेशों के लोगों को मिल रही हैं. ऐसे में हरियाणा का युवा पूरी तरह हताश और निराश हो रहा है.

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