चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि नीति आयोग ने हरियाणा सरकार के उन सभी दावों की हवा निकाल दी है, जिनमें प्रदेश के चहुंमुखी विकास का बखान किया जा रहा था. नीति आयोग की ओर से राज्यों की तरक्की के जो प्रमुख मापदंड तय किये गए थे उनमें हरियाणा पिछड़ गया है.
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और उद्योगों से जुड़े मानकों में हरियाणा का स्थान गिरा है, जिसके चलते प्रदेश में बेरोजगारी दर साल 2019 के मुकाबले और ज्यादा बढ़ गई है. मैन्युफैक्चरिंग युनिट्स में रोजगार घटा है, जबकि राजनितिक और भौगोलिक परिस्थिति के हिसाब से हरियाणा में बेरोजगारी दर देश में सबसे कम होनी चाहिए. इसके विपरीत अपराधों में बढ़ोत्तरी हुई है.
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राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ये भी कहा कि नीति आयोग की ओर से तय भुखमरी खत्म करने के मानक में मामूली सुधार हुआ है, जिसका श्रय सरकार को नहीं उन किसानों को जाता है जिनको राहत देने की बजाय आए दिन सरकार उन पर लाठियां बरसा रही है.
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सांसद दीपेंद्रने कहा कि 7 साल पहले हुड्डा सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन और बड़ी परियोजना की स्थापना जैसे विकास के तमाम पैमानों के हिसाब से हरियाणा पहले पायदान पर था. दुख की बात ये है कि हरियाणा आज बेरोजगारी और अपराध में नंबर वन बन गया है.
कई मानकों में पिछड़ा हरियाणा
बता दें कि देश में विकास की गति को तेज करने और हर एक व्यक्ति तक मूल भूत सुविधाएं पहुंचे इसके लिए केंद्र सरकार ने 17 मानक तय किए हैं. इन सभी मानको को पूरा करने की अवधि 2030 तय की गई है. इन्हीं मानकों के आधार पिछले तीन सालों से नीति आयोग हर राज्य की स्थिति और उसके विकास की दर की रिपोर्ट जारी करती है और राज्यों को उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर रैंक दी जाती है. इस साल हरियाणा कई मानकों में पिछड़ गया है.
हरियाणा में बेरोजगारी दर बढ़ी
आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 2019 के मुकाबले बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी हुई है. हरियाणा में 2019 में 8.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी, जो साल 2020 में बढ़कर 9.81 प्रतिशत हो गई है.