चंडीगढ़ः कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सरकार ने समूचे देश में लॉकडाउन लगाया था. जिसका असर अनलॉक के तीसरे चरण में भी देखने मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान सूबे के क्राइम ग्राफ में मामूली गिरावट देखने को मिली. सूबे में पिछले साल की तुलना में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 49,978 मामले दर्ज किए जबकि 2019 में इस अवधि में 51,928 मामले दर्ज किए गए थे. लिहाजा कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के बीच भी अपराध दर में ज्यादा तो नहीं लेकिन 3.75 फीसदी की कमी आई है.
कितनी हत्याएं हुई?
एक ओर जहां कोरोना वायरस से लगातार लोगों की जान जा रही है तो वहीं हत्या के मामलों भी इजाफा हो रहा है. महामारी के बीच 2020 में जनवरी से जून तक हत्या के 488 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 590 मामले दर्ज किए गए थे यानि हत्या के मामलों में करीब 17.28 फीसदी की कमी आई है.
हत्या की कोशिश सहित अन्य मामले
लॉकडाउन के दौरान भी हत्या के प्रयास के मामले कमोबेश ऐसे ही बने रहे, जो 64 से घटकर इस साल 62 रह गए. इसी अवधि के दौरान दहेज हत्या के मामले 24 से कम होकर 22 दर्ज हुए. धोखाधड़ी के मामलों में भी अधिक गिरावट नहीं हुई, क्योंकि अप्रैल 2019 तक जहां 293 मामले सामने आए थे तो वहीं अप्रैल 2020 में 287 मामले दर्ज किए गए. हरियाणा में चोरी, लूट और डकैती के मामलों में पिछले साल के शुरुआती छह महीनों की तुलना में 31.12 प्रतिशत की कमी आई है.
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नहीं थमे रेप और गैंगरेप जैसे संगीन अपराध
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में क्राइम अगेंस्ट वूमेन लगातार बढ़ता गया. ताजा स्थिति के मुताबिक क्राइम अगेंस्ट वूमेन इस लॉकडाउन में 80% बढ़ गया है. हालात ये हैं कि हरियाणा अब महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के लिए बदनाम है. जहां 5 साल की बच्ची से लेकर एक 70 साल की बुजुर्ग महिला भी रेप, गैंगरेप जैसे संगीन वारदातों की शिकार हो रही हैं.
महिलाओं के लिए असुरक्षित हरियाणा!
इसी तरह कई और भी वारदातें लॉकडाउन के दौरान हमारे सामने आई है जिसमें से पानीपत में एक 21 वर्षीय महिला को यमुना पार करने में मदद का लालच देकर चार लोगों ने गैंगरेप किया. जींद में, तीन युवकों ने एक 14 वर्षीय लड़की के साथ स्कूल की इमारत में कथित तौर पर गैंगरेप किया. बता दें कि, NCRB की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में हरियाणा देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध में तीसरे नंबर पर था.