चंडीगढ़: वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू होने बाद लोग अब कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाह होते जा रहे हैं. लोग ना सिर्फ बाजारों में बेखौफ घूम रहे बल्कि मास्क पहनने से भी गुरेज खा रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के बस स्टैंड जाकर हरियाणा रोडवेज की बसों में हालातों का जायजा लिया.
चंडीगढ़ के बस स्टैंड पर हालांकि लॉकडाउन के बाद भीड़-भाड़ पहले से कम नजर आई, लेकिन इसके बाद भी बसों में सवारियों को लेकर कोई खास एतीयात नहीं किए गए थे. इसके अलावा बस स्टैंड पर ना ही सैनिटाइजेश को लेकर कोई व्यवस्था थी और ना ही तापमान जांच करने का इंतजाम.
हर रोज सफर करते हैं सैकड़ों यात्री
बता दें कि चंडीगढ़ सेक्टर 17 के बस स्टैंड से रोजाना 300 से ज्यादा बसें पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और हिमाचल के लिए रवाना होती हैं. ऐसे में जो इंतजाम इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए होने चाहिए वो बस स्टैंड पर नजर नहीं आए . इसके साथ ही हरियाणा रोडवेज ने खुद को घाटे से उभारने के लिए बसों को फुल करने के आदेश जारी किए हैं. हालांकि अभी खुद लोग बसों में सफर करने से बच रहे हैं, लेकिन अगर सवारियां ज्यादा आ जाए तो उस वक्त बस के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी.
चंडीगढ़ बस स्टैंड पर हरियाणा रोडवेज के एसआई राजेंद्र ने बताया कि फिलहाल सभी रूटों पर बसें सुचारू रूप से चल रही हैं, लेकिन 70% ही लोगों की आवाजाही नजर आती है. उन्होंने बताया कि बसों में आने जाने वाली सवारियों को मास्क लगाए रखने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए बार-बार कहा जाता है. इसके अलावा जो हिदायत विभाग की तरफ से जारी की गई हैं. उसके तहत काम किया जाता है.
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वहीं परिचालकों ने बताया कि उनकी तरफ से समय-समय पर सवारियों से मास्क लगाए रखने को लेकर कहा जाता है, लेकिन कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी सीटों पर सवारियों को ले जाने के आदेश में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना मुश्किल रहता है.
ऐसे कैसे होगी नियमों की पालना?
बसों में पूरी सीटों पर सवारियों को बैठाने के आदेश के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना मुमकिन नहीं है. दूसरी तरफ सीटें खाली होने के बावजूद भी सभी यात्री खुद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के इच्छुक नजर नहीं आते. बेहद कम लोग ही मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. दूसरी तरफ चालकों और परिचालकों की तरफ से सिर्फ यात्रियों से मास्क लगाने को लेकर अनुरोध ही किया जा सकता है. किसी तरह की सख्ती नहीं की जा सकती. ऐसे में ही बसों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना रोडवेज कर्मचारियों के लिए मुश्किल है.