चंडीगढ़: हरियाणा के सोनीपत जिले के राई विधानसभा क्षेत्र से मात्र तीन मतों के अंतर से चुनाव जीते कांग्रेस विधायक जयतीर्थ दहिया के भाग्य का फैसला अब 25 सितंबर को होगा. हालांकि जयतीर्थ दहिया को विधायक के पद पर पांच साल पूरे हो ही चुके हैं, लेकिन कोर्ट इस मामले में अब फैसला सुना सकता है.
वहीं हाईकोर्ट में जयतीर्थ दहिया की तरफ से एक याचिका दायर कर कहा गया कि हरियाणा में चुनाव घोषित हो चुका है ओर वो विधानसभा में अपना इस्तीफा दे चुके हैं. हाईकोर्ट ने उनके इस दलील को ना मानते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया. अब उम्मीद है कि बुधवार यानी कल हाईकोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकती है.
क्या है पूरा मामला ?
अक्टूबर 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में राई विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जयतीर्थ दहिया को 36,403 वोट मिले थे, जबकि इनेलो प्रत्याशी इंद्रजीत दहिया को 36,400 वोट मिले थे. मात्र तीन वोट से हारने वाले इंद्रजीत दहिया ने जयतीर्थ दहिया की जीत और अपनी हार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर हाईकोर्ट ने कुछ बूथों की ईवीएम सील करने के निर्देश दिए थे.
हाईकोर्ट में ये मामला 2014 से चल रहा है. अब मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर में खत्म हो रहा है, तो हाईकोर्ट के फैसले पर सबकी निगाहें टिक गई हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले पर आखिरी सुनवाई 16 जुलाई को की थी. उस दौरान कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन 25 सितंबर को इस मामले पर कोर्ट का फैसला संभव है.
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अब तक क्या हुआ ?
हाईकोर्ट ने बीते 15 मई को ईवीएम जमा कराने के निर्देश दिए, लेकिन लोकसभा चुनाव होने के कारण ईवीएम जमा नहीं हो पाई थी. फिर बढ़ खालसा के बूथ नं 83 और कुंडली के बूथ नं 131 के पोलिंग आफिसर्स ने हाईकोर्ट में रिकॉर्ड पेश किया था.
आरोप है कि इसमें दीपचंद और किताब कौर नाम के मतदाताओं का कुंडली और बढ़ खालसा दोनों जगह वोट मिला. दोनों जगह वोट डाला भी गया. अब दीपचंद की मौत हो चुकी है, इसलिए ईवीएम के डिकोड के बाद ही कोर्ट निर्णय पर पहुंच सकेगा.
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जयतीर्थ की विधायकी रद्द हुई, तो वेतन और सुविधाओं की होगी रिकवरी
अब अगर 25 सितंबर को कोर्ट ने इंद्रजीत दहिया के पक्ष में फैसला सुनाया तो कांग्रेस विधायक जयतीर्थ दहिया का चुनाव रद्द हो जाएगा और उनसे सभी सुविधाएं और वेतन की रिकवरी होगी, जो उन्हें एक विधायक के तौर पर मिली थी.