चंडीगढ़: कोरोना महामारी एक बार फिर से तेजी से पैर पसार रही है. अब इसके नए वैरिएंट स्ट्रेन के आने के बाद ये और घातक हो गया है. दोगुना तेजी से कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस महामारी से कैसे बचा जाए.
चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर सोनू गोयल ने ईटीवी भारत हरियाणा के साथ बातचीत में बताया कि अगर हम कुछ सावधानियों को अपनाएं तो करोना से काफी हद तक बचा जा सकता है.
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इससे पहले डॉक्टर सोनू गोयल ने खान पान में बदलाव करने की सलाह दी थी जिससे हमारी इम्यूनिटी पॉवर बढ़े. लेकिन अब उन्होंने और विस्तार से जानकारी देते हुए बताया है कि कोरोना का नया स्ट्रेन लोगों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.
स्ट्रेन के लक्षण
डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि पहले कोरोना के कई लक्षण सामने आते थे लेकिन नए स्ट्रेन के लक्षणों का हमें आसानी से पता नहीं लगता और इसका असर बच्चों पर ज्यादा देखने को मिल रहा है. इसके अलावा आंखें लाल हो जाती है और बुखार भी देखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चों का सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि स्ट्रेन के बहुत से मामलों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता और व्यक्ति पॉजिटिव हो जाता है और उसके फेफड़ों पर बहुत बुरा असर होत है. अगर व्यक्ति को सांस लेने में थोड़ी भी समस्या हो उसे तुरंत टेस्ट करवाना चाहिए.
युवाओं और बच्चों पर भी स्ट्रेन का असर
डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि युवाओं और बच्चों के मुकाबले बुजुर्ग कोरोना की चपेट में ज्यादा आते थे लेकिन स्ट्रेन की चपेट में युवा पीढ़ी और बच्चे ज्यादा आ रहे हैं इसलिए कम आयु वर्ग के लोगों की भी मौतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अब हमें बुजुर्गों के साथ-साथ कम उम्र के लोगों का भी ध्यान रखना होगा.
टेस्टिंग करने पर आंदोलन और चुनावी रैलियों में मिलेगा बड़ी मात्रा में संक्रमण
देश में कई जगह चुनावी रैलियां चल रही है इसके अलावा किसान आंदोलन भी जारी है तो इन जगहों पर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. इस मामले पर बात करते हुए डॉक्टर सोनू गोयल ने कहा कि ये बेहद खतरनाक है क्योंकि जहां पर भीड़ होगी वहां पर आपको कोरोना वायरस भी मिलेगा.
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उन्होंने कहा कि आजकल चुनाव के चक्कर में कई रैलिया हो रही है जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं और दूसरी तरफ किसान आंदोलन भी जारी है. अगर वहां भी टेस्टिंग की जाए तो बड़ी संख्या में संक्रमित लोग मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अभी रैली या आंदोलन में शामिल लोगों के टेस्ट नहीं हो रहे हैं अगर टेस्ट किए जाए तो स्थिति और खराब होगी.