चंडीगढ़: गुरुवार को चंडीगढ़ में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. कर्मचारियों का आरोप है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनका शोषण कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि वे अपने-अपने विभागों में 10 से 15 सालों से नौकरी कर रहे हैं. लेकिन उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है. इसलिए उनके घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है.
कर्मचारियों का कहना है कि जो सरकारी नौकरी में हैं. उन्हें सातवां वेतन आयोग दिया जा रहा है. जबकि उन्हें उसी काम के लिए सरकारी रेट से भी कम वेतन दिया जा रहा है.कर्मचारियों की प्रशासन से मांग है कि उन्हें समान काम, समान वेतन दिया जाए या फिर केंद्र सरकार ने जो कच्चे कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतनमान तय किया है. उन्हें वह वेतनमान दिया जाए.
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कर्मचारी नेता महावीर सिंह रावत ने कहा कि हमारा प्रदर्शन काफी समय से जारी है. लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. रावत ने कहा कि जब हम अपनी मांगों को चंडीगढ़ प्रशासन के सामने रखते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि इन मांगो को केंद्र सरकार ही लागू कर सकती है और जब हम अपनी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखते हैं तो केंद्र सरकार का जवाब आता है कि इन मांगों पर स्थानीय प्रशासन ही कोई कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग प्रशासन से यह है कि हमारे वेतनमान बढ़ाए जाएं और हमारी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दी जाए. साथ ही हमारी यह भी मांग है कि हमारे जिन साथियों को नौकरी से निकाला गया है, उन्हें भी वापस नौकरी पर रखा जाए.