ETV Bharat / state

चंडीगढ़: सरकारी रेट से कम वेतन मिलने पर कच्चे कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा - चंडीगढ़ न्यूज

चंडीगढ़ में कच्चे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनका शोषण कर रही है. प्रशासन पर कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें डीसी रेट से भी काफी कम वेतन दिया जा रहा है.

कच्चे कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Sep 12, 2019, 9:33 PM IST

चंडीगढ़: गुरुवार को चंडीगढ़ में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. कर्मचारियों का आरोप है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनका शोषण कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि वे अपने-अपने विभागों में 10 से 15 सालों से नौकरी कर रहे हैं. लेकिन उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है. इसलिए उनके घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है.

कर्मचारियों का कहना है कि जो सरकारी नौकरी में हैं. उन्हें सातवां वेतन आयोग दिया जा रहा है. जबकि उन्हें उसी काम के लिए सरकारी रेट से भी कम वेतन दिया जा रहा है.कर्मचारियों की प्रशासन से मांग है कि उन्हें समान काम, समान वेतन दिया जाए या फिर केंद्र सरकार ने जो कच्चे कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतनमान तय किया है. उन्हें वह वेतनमान दिया जाए.

चंडीगढ़ प्रशासन के विरोध में संविदा कर्मचारी

इसे भी पढ़ें: कर्मचारियों का करनाल में रोष प्रदर्शन, बोले- खट्टर सरकार ने नहीं पूरा किया मेनिफेस्टो का वादा

कर्मचारी नेता महावीर सिंह रावत ने कहा कि हमारा प्रदर्शन काफी समय से जारी है. लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. रावत ने कहा कि जब हम अपनी मांगों को चंडीगढ़ प्रशासन के सामने रखते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि इन मांगो को केंद्र सरकार ही लागू कर सकती है और जब हम अपनी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखते हैं तो केंद्र सरकार का जवाब आता है कि इन मांगों पर स्थानीय प्रशासन ही कोई कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारी मांग प्रशासन से यह है कि हमारे वेतनमान बढ़ाए जाएं और हमारी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दी जाए. साथ ही हमारी यह भी मांग है कि हमारे जिन साथियों को नौकरी से निकाला गया है, उन्हें भी वापस नौकरी पर रखा जाए.

चंडीगढ़: गुरुवार को चंडीगढ़ में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. कर्मचारियों का आरोप है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनका शोषण कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि वे अपने-अपने विभागों में 10 से 15 सालों से नौकरी कर रहे हैं. लेकिन उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है. इसलिए उनके घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है.

कर्मचारियों का कहना है कि जो सरकारी नौकरी में हैं. उन्हें सातवां वेतन आयोग दिया जा रहा है. जबकि उन्हें उसी काम के लिए सरकारी रेट से भी कम वेतन दिया जा रहा है.कर्मचारियों की प्रशासन से मांग है कि उन्हें समान काम, समान वेतन दिया जाए या फिर केंद्र सरकार ने जो कच्चे कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतनमान तय किया है. उन्हें वह वेतनमान दिया जाए.

चंडीगढ़ प्रशासन के विरोध में संविदा कर्मचारी

इसे भी पढ़ें: कर्मचारियों का करनाल में रोष प्रदर्शन, बोले- खट्टर सरकार ने नहीं पूरा किया मेनिफेस्टो का वादा

कर्मचारी नेता महावीर सिंह रावत ने कहा कि हमारा प्रदर्शन काफी समय से जारी है. लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. रावत ने कहा कि जब हम अपनी मांगों को चंडीगढ़ प्रशासन के सामने रखते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि इन मांगो को केंद्र सरकार ही लागू कर सकती है और जब हम अपनी मांगों को केंद्र सरकार के सामने रखते हैं तो केंद्र सरकार का जवाब आता है कि इन मांगों पर स्थानीय प्रशासन ही कोई कार्रवाई कर सकता है. ऐसे में हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारी मांग प्रशासन से यह है कि हमारे वेतनमान बढ़ाए जाएं और हमारी नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दी जाए. साथ ही हमारी यह भी मांग है कि हमारे जिन साथियों को नौकरी से निकाला गया है, उन्हें भी वापस नौकरी पर रखा जाए.

Intro:चंडीगढ़ में कच्चे कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों का कहना था कि चंडीगढ़ प्रशासन इन लोगों का जमकर शोषण कर रहा है। कर्मचारियों के हालात इतने खराब हैं कि उन्हें अपना घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। क्योंकि उन्हें बहुत कम वेतन दिया जा रहा है। यह वेतन सरकार द्वारा डीसी रेट से भी काफी कम है।


Body:वीरवार को चंडीगढ़ में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों ने चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला। कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी भी की। लोगों का आरोप है कि चंडीगढ़ प्रशासन उनका शोषण कर रहा है। इन लोगों का कहना था कि वे अपने-अपने विभागों में 10 से 15 साल से नौकरी कर रहे हैं और इतने सालों में उनके वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसलिए उनका घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है ।जो लोग सरकारी नौकरी में है उन्हें तो सातवां वेतन आयोग दिया जा रहा है। जबकि हमें उसी काम के लिए डीसी रेट भी नहीं दिए जा रहे।
इन लोगों ने प्रशासन के सामने यह मांग उठाई है कि उन्हें समान काम समान वेतन दिया जाए या फिर केंद्र सरकार ने हाल ही में कच्चे कर्मचारियों के लिए जो न्यूनतम वेतनमान तय किया है। उन्हें वह वेतनमान दिया जाए।
इन कर्मचारियों कहना था कि हमारा प्रदर्शन पिछले काफी समय से जारी है ।लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन हमारी सुनवाई नहीं कर रहा है । जब हम चंडीगढ़ प्रशासन के सामने अपनी मांगे रखते हैं तो अधिकारी कहते हैं कि इन मांगो में केंद्र सरकार ही हस्तक्षेप कर सकती है और जब हम केंद्र सरकार को अर्जी देते हैं तो केंद्र सरकार की ओर से यह जवाब आता है कि इन मांगों पर स्थानीय प्रशासन ही कोई कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में हमारी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है ।उन्होंने कहा कि एक तो हमारा वेतन बहुत कम है। साथ ही हमारी नौकरी की कोई गारंटी भी नहीं है। हमारे बहुत से लोगों को बिना चेतावनी नौकरी से निकाल दिया गया। हमारी मांग है कि हमें वेतनमान बढ़ाए जाने के साथ-साथ नौकरी सुरक्षा की गारंटी भी दी जाए और हमारे जिन साथियों को नौकरी से निकाला गया है उन्हें भी वापस नौकरी पर रखा जाए।

बाइट - महावीर सिंह रावत, नेता , कर्मचारी यूनियन


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.