चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 38 दिनों से पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में पड़ रही ठंड के चलते हर दिन कोई ना कोई किसान अपनी जान गंवा रहे हैं. वहीं कई किसानों ने कृषि कानूनों के समर्थन में आत्महत्या तक कर लिया है. जिसको लेकर हरियाणा कांग्रेस ने चंडीगढ़ में सोमवार को अपने विधायक दल की बैठक बुलाई. जिसमें कांग्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया है.
आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को दिया जाएगा 2-2 लाख रुपये
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि सभी कांग्रेस विधायकों ने मिलकर ये फैसला लिया है कि विधायक दल निजी कोष से शहीद किसानों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए देगा. साथ ही भविष्य में ऐसे परिवारों की हर संभव मदद के लिए प्रयास जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान परिवारों को अधिक से अधिक मदद पहुंचाने की कोशिशें की जाएगी.
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सभी कांग्रेस विधायकों ने मिलकर ये फ़ैसला लिया है कि कांग्रेस विधायक दल निजी कोष से आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगा।
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भविष्य में भी इन परिवारों की हर संभव मदद के प्रयास जारी रहेंगे। उन्हें अधिक से अधिक मदद पहुंचाने की कोशिश होगी। pic.twitter.com/TlFHf8slhMसभी कांग्रेस विधायकों ने मिलकर ये फ़ैसला लिया है कि कांग्रेस विधायक दल निजी कोष से आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देगा।
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भविष्य में भी इन परिवारों की हर संभव मदद के प्रयास जारी रहेंगे। उन्हें अधिक से अधिक मदद पहुंचाने की कोशिश होगी। pic.twitter.com/TlFHf8slhM
सरकार आंदोलन में कुर्बानी देने वाले किसानों के परिवार को दे सरकारी नौकरी: हुड्डा
इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश सरकार से भी इस आंदोलन के दौरान जान की क़ुर्बानी देने वाले किसानों के परिवारों को उचित आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की मांग की. उन्होंने कहा कि ऐसा करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है. क्योंकि किसानों की शहादत के लिए सरकार का अड़ियल रवैया और संवेदनहीनता ही जिम्मेदार है. ऐसे में सरकार को बिना देरी किए प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. हुड्डा ने कहा कि अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो भविष्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर ये काम किया जाएगा.
सरकार नहीं देगी तो कांग्रेस की सरकार बनने पर दी जाएगी नौकरी: हुड्डा
गौरतलब है कि इनेलो-बीजेपी सरकार के दौरान हुए कंडेला कांड के बाद जब हरियाणा में हुड्डा सरकार बनी थी तो उसने कंडेला कांड के शहीद परिवारों को आर्थिक मदद और नौकरियां दी थीं. हुड्डा का कहना है कि हमारी सरकार की तरह इस सरकार को भी ऐसा करना चाहिए. बता दें कि, किसानों के आंदोलन को लेकर हुड्डा इससे पहले भी सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके है.
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क्या था कंडेला कांड?
दरअसल साल 1992 में भारतीय किसान यूनियन ने बिजली के रेट बढ़ाने और सप्लाई कम करने के खिलाफ 1992 में एक आंदोलन शुरू किया था. ये आंदोलन 1996 में चौधरी बंसीलाल के सरकार में भी ये चलता रहा. गौरतलब है कि ये सरकार बीजेपी और इनेलो ने मिलकर बनाई थी. चौटाला सरकार ने साल 2000 में गांवों में सप्लाई होने वाली बिजली में कटौती शुरू कर दी. जिसके खिलाफ किसानों ने कंडेला गांव में जमकर प्रदर्शन किया. इसी दौरान किसान नेता रामफल कंडेला को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
जिसके खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने 2001 में बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया. करीब 60-70 दिन तक किसान सड़कों पर ही डटे रहे. तब कंडेला और गुलकनी गांव में किसानों पर गोलियां बरसाई गई थी. इस गोलीकांड में काफी लोग घायल हुए थे. वहीं गुलकनी में 8 किसानों की मौत भी हुई थी. इसी कांड को कंडेला कांड के नाम से जाना जाता है.