चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही में धोलीदारों की जमीन का मुद्दा एक बार फिर चर्चा और हंगामे की वजह बन गया. इस मुद्दे पर आवाज उठाने वाले एक कांग्रेसी विधायक कुलदीप वत्स ने जब पटल पर अपनी बात रखी और जब सरकार की ओर से माकूल जवाब नहीं मिला तो कुलदीप वत्स ने सदन से वॉक आउट कर दिया.
वॉकआउट के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुलदीप वत्स ने धोलीदार जमीन मामले को लेकर सरकार के फैसले को अन्यायपूर्ण करार दिया, कुलदीप वत्स ने कहा कि प्रदेश की 8 से 10 जातियों के साथ सरकार ने एक तरह से ज्यादती की है जिससे उनकी जमीन छीनी जाएगी.
'गरीबों की जमीन छीनने की कोशिश की'
वक्त ने बताया कि 1952 में देश में पंचायती सिस्टम आया था जब की आजादी से सौ डेढ़ सौ साल पहले ही इन जातियों को दान में यह जमीन मिली थी और अब जाकर देश के आजाद होने के 70 साल बाद सरकार गरीब लोगों की जमीन छीनने की कोशिश कर रही है.
'सरकार में घोटाले हो रहे हैं भ्रष्टाचार फैल रहा है'
कुलदीप वत्स ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर वार करते हुए कहा कि पहले दुष्यंत चौटाला चुनाव प्रचार में बीजेपी पार्टी और बीजेपी के नेताओं पर बड़े-बड़े आरोप लगाते थे और यमुनापार भेजने की बात करते थे, लेकिन अब खुद बीजेपी की गोदी में बैठ गए हैं और गर्दन झुका कर काम कर रहे है. वत्स ने यह भी कहा कि बीजेपी और जेजेपी ने बड़े-बड़े वादों लोगों से किए थे, लेकिन अब तक एक भी वादा पूरा नहीं हुआ सरकार में घोटाले हो रहे हैं भ्रष्टाचार फैल रहा है.
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जांच कराने का शौक है इस धोली दार मामले की भी जांच करानी चाहिए साथ ही उन्होंने कहा कि अगर गांव में उनकी या उनके किसी रिश्तेदार की डोली की जमीन होगी तो राजनीति छोड़ देंगे.
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