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कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस की ललकार, शुक्रवार का दिन रहा धरना-प्रदर्शनों के नाम - कांग्रेस प्रदर्शन कृषि कानून

चंडीगढ़: तीनों कृषि कानूनों को लेकर सूबे में आग अभी भी सुलग रही है. एक तरफ बीजेपी सरकार इन कानूनों को किसान हितैशी बता कर अपने फैसले पर अड़िग है, वहीं कांग्रेस पार्टी इन कानूनों को किसानों का गला घौटने वाला कानून बता कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नतीजतन शुक्रवार का दिन हरियाणा का हर जिला, हर शहर धरना-प्रदर्शन के नाम रहा.

congress is now in aggressive mode against new agriculture law in haryana
कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस की ललकार
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Published : Oct 2, 2020, 11:05 PM IST

चंडीगढ़: तीनों कृषि कानूनों को लेकर सूबे में आग अभी भी सुलग रही है. एक तरफ बीजेपी सरकार इन कानूनों को किसान हितैशी बता कर अपने फैसले पर अड़िग है, वहीं कांग्रेस पार्टी इन कानूनों को किसानों का गला घौटने वाला कानून बता कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नतीजतन शुक्रवार का दिन हरियाणा का हर जिला, हर शहर धरना-प्रदर्शन के नाम रहा.

पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन!

कैथल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी, पंचकूला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, यमुनानगर जहां नजर उठाओ विरोध और नारेबाजी का शोर है. कांग्रेसी नेता तीनों कृषि कानून के खिलाफ कहीं पैदल मार्च कर रहे हैं तो कहीं ट्रैक्टर पर रैली, कहीं पुतले फूंके जा रहे हैं, तो कहीं हाथों में तख्तियां थामें विरोध जता रहे हैं. पूरे प्रदेश में दिनभर बस यही माजरा देखने को मिला.

कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस की ललकार, देखिए वीडियो

कैथल में रणदीप सुरजेवाला का ललकार

कांग्रेस के दिग्गज नेता भी शांत नहीं दिखे. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कैथल में हरियाणा और केंद्र सरकार को ललकारा. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी, खट्टर और दुष्यंत की जोड़ी ने खेत, खलिहान, अनाज मंडी के ऊपर तीन नए कानून बनाकर क्रूर प्रहार किया है.

उन्होंने कहा कि अब ये साफ है कि मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों के जरिए ईस्ट इंडिया कंपनी बना रहे हैं. अन्नदाता किसान व मजदूर की मेहनत को मुट्ठी भर पूंजीपतियों की जंजीरों में जकड़ना चाहती है. किसान को लागत और साथ में 50 प्रतिशत मुनाफा का सपना दिखा सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 कानूनों के माध्यम से खेती के खात्में का पूरा उपन्यास लिख दिया.

ये पढ़ें- कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने कृषि कानूनों के खिलाफ किया प्रदर्शन

हरियाणा में राहुल गांधी की एंट्री पर संग्राम!

यही नहीं कांग्रेस पार्टी अभी इस मुद्दे को इतने सस्ते में छोड़ने के मूड में कतई नहीं दिख रही है. 6 अक्टूबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा के पेहवा में रैली करना चाहते हैं,... ऐसे में अगर राहुल गांधी हरियाणा आए तो ये सुलगता मुद्दा और ज्यादा भभकने लगेगा... और ऐसा हरियाणा सरकार कतई नहीं चाहती है... हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उनकी एंट्री पर रोक लगा दी.

गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर लगाई रोक, बवाल शुरू!

जैसे ही गृह मंत्री ने हरियाणा में एंट्री पर रोक लगाई, तो कांग्रेस ने एक के बाद एक तीखे सवाल दागने शुरू कर दिए. कुमारी सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी चोरी करने नहीं आ रहे. पता नहीं बीजेपी के पैर क्यों लड़खड़ा रहे हैं.

यही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो गृह मंत्री से पूछा कि, 'हरियाणा में जंगल राज है क्या? जहाँ आप किसी को भी रोक सकते हो, यहाँ तक कि राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी के एक चुने हुए नेता को भी किसानों के साथ हुई बेइन्साफी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए राज्य में दाखिल होने से रोक सकते हो।'

फिलहाल ऐसा लगता है कि ये धरना प्रदर्शन का दौर थमने वाला नहीं है. कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता अड़े हुए हैं, वहीं अब 6 अक्टूबर को देखना होगा कि हरियाणा सरकार के रोक के बावजूद क्या राहुल गांधी हरियाणा में प्रवेश कर पाते हैं या उन्हें वापस पंजाब लौटना पड़ेगा.

ये पढ़ें- राहुल गांधी के हरियाणा दौरे का कार्यक्रम बदला, 6 अक्टूबर को पेहवा से निकालेंगे किसान यात्रा

चंडीगढ़: तीनों कृषि कानूनों को लेकर सूबे में आग अभी भी सुलग रही है. एक तरफ बीजेपी सरकार इन कानूनों को किसान हितैशी बता कर अपने फैसले पर अड़िग है, वहीं कांग्रेस पार्टी इन कानूनों को किसानों का गला घौटने वाला कानून बता कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नतीजतन शुक्रवार का दिन हरियाणा का हर जिला, हर शहर धरना-प्रदर्शन के नाम रहा.

पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन!

कैथल, पानीपत, कुरुक्षेत्र, चरखी दादरी, पंचकूला, फतेहाबाद, फरीदाबाद, यमुनानगर जहां नजर उठाओ विरोध और नारेबाजी का शोर है. कांग्रेसी नेता तीनों कृषि कानून के खिलाफ कहीं पैदल मार्च कर रहे हैं तो कहीं ट्रैक्टर पर रैली, कहीं पुतले फूंके जा रहे हैं, तो कहीं हाथों में तख्तियां थामें विरोध जता रहे हैं. पूरे प्रदेश में दिनभर बस यही माजरा देखने को मिला.

कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस की ललकार, देखिए वीडियो

कैथल में रणदीप सुरजेवाला का ललकार

कांग्रेस के दिग्गज नेता भी शांत नहीं दिखे. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कैथल में हरियाणा और केंद्र सरकार को ललकारा. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी, खट्टर और दुष्यंत की जोड़ी ने खेत, खलिहान, अनाज मंडी के ऊपर तीन नए कानून बनाकर क्रूर प्रहार किया है.

उन्होंने कहा कि अब ये साफ है कि मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों के जरिए ईस्ट इंडिया कंपनी बना रहे हैं. अन्नदाता किसान व मजदूर की मेहनत को मुट्ठी भर पूंजीपतियों की जंजीरों में जकड़ना चाहती है. किसान को लागत और साथ में 50 प्रतिशत मुनाफा का सपना दिखा सत्ता में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 कानूनों के माध्यम से खेती के खात्में का पूरा उपन्यास लिख दिया.

ये पढ़ें- कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने कृषि कानूनों के खिलाफ किया प्रदर्शन

हरियाणा में राहुल गांधी की एंट्री पर संग्राम!

यही नहीं कांग्रेस पार्टी अभी इस मुद्दे को इतने सस्ते में छोड़ने के मूड में कतई नहीं दिख रही है. 6 अक्टूबर को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हरियाणा के पेहवा में रैली करना चाहते हैं,... ऐसे में अगर राहुल गांधी हरियाणा आए तो ये सुलगता मुद्दा और ज्यादा भभकने लगेगा... और ऐसा हरियाणा सरकार कतई नहीं चाहती है... हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उनकी एंट्री पर रोक लगा दी.

गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर लगाई रोक, बवाल शुरू!

जैसे ही गृह मंत्री ने हरियाणा में एंट्री पर रोक लगाई, तो कांग्रेस ने एक के बाद एक तीखे सवाल दागने शुरू कर दिए. कुमारी सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी चोरी करने नहीं आ रहे. पता नहीं बीजेपी के पैर क्यों लड़खड़ा रहे हैं.

यही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो गृह मंत्री से पूछा कि, 'हरियाणा में जंगल राज है क्या? जहाँ आप किसी को भी रोक सकते हो, यहाँ तक कि राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी के एक चुने हुए नेता को भी किसानों के साथ हुई बेइन्साफी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए राज्य में दाखिल होने से रोक सकते हो।'

फिलहाल ऐसा लगता है कि ये धरना प्रदर्शन का दौर थमने वाला नहीं है. कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता अड़े हुए हैं, वहीं अब 6 अक्टूबर को देखना होगा कि हरियाणा सरकार के रोक के बावजूद क्या राहुल गांधी हरियाणा में प्रवेश कर पाते हैं या उन्हें वापस पंजाब लौटना पड़ेगा.

ये पढ़ें- राहुल गांधी के हरियाणा दौरे का कार्यक्रम बदला, 6 अक्टूबर को पेहवा से निकालेंगे किसान यात्रा

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