चंडीगढ़: कृषि कानूनों के चलते बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक तरफ जहां किसान बॉर्डरों पर डटे हुए हैं. वहीं अब हरियाणा में सरकार पर संकट नजर आ रहा है. दरअसल आज से हरियाणा का बजट सत्र शुरू हो गया है. जिसमें कांग्रेस हरियाणा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई है.
कांग्रेस के मुताबिक इस अविश्वास प्रस्ताव पर 28 विधायकों का हस्ताक्षर है. इस अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस विधायक कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने सौंपा है. 90 सीटों वाले इस विधानसभा में अपनी सरकार बचाने के लिए मनोहर लाल खट्टर को 45 विधायकों का समर्थन चाहिए.
अल्पमत में है हरियाणा सरकार- सैलजा
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी अविश्वास प्रस्ताव पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की जनता ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए वोट नहीं दिया था. ये सरकार शुरू से ही अल्पमत में हैं.
क्या है विधानसभा की रूपरेखा?
- हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं
- दो सीटें खाली है.
- मौजूदा विधानसभा में सदस्यों की संख्या 88 है
- 40 बीजेपी, 30 कांग्रेस, सात निर्दलीय, 10 जेजेपी विधायक, एक हलोपा
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बता दें कि, ऐलनाबाद विधानसभा सीट से अभय चौटाला विधायक थे. उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ अभी हाल ही में अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिसके बाद हरियाणा विधानसभा में एक सीट कम हो गई है. इसी लिए अब मनोहर लाल खट्टर को 45 विधायकों का समर्थन चाहिए. गौरतलब है कि मनोहर लाल खट्टर के पास 55 विधायकों का समर्थन था, लेकिन कृषि कानूनों को लेकर सरकार का विरोध करते हुए कई विधायकों ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया है.
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