चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राज्य गीत के चयन पर चर्चा हुई. शुक्रवार 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस संबंध में सदन में प्रस्ताव रखा. जिसमें तीन गीतों को सेलेक्ट किया गया. तीन में से एक गीत को सभी विधायकों की सहमति के बाद एक साल के लिए राज्य गीत बनाया जाएगा. राज्य गीत को लेकर सभी विधायकों ने अपने-अपने विचार रखे.
जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने राज्य गीत के चुनाव के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि राज्य गीत के चुनाव के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई जाएगी. जिसमें एक महिला विधायक भी शामिल रहेगी. जिसके बाद पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई. इस कमेटी में विधायक विशंभर वाल्मीकि, नीरज शर्मा,लक्ष्मण यादव, जोगी राम सिहाग और गीता भुक्कल शामिल हैं. विधायक लक्ष्मण यादव कमेटी के चेयरमैन होंगे. विधानसभा के अगले सत्र में राज्य के गीत पर फैसला लिया जाएगा.
राज्य गीत को लेकर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि तीनों में से पहले वाला गीत अच्छा है, लेकिन उसमें गोरी नार शब्द है. हमारी काली नार कहां जाएंगी. वहीं कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि गीत में शब्द है नई नई बिजली, लेकिन हरियाणा में तो 70 के दशक से ही बिजली है. इसलिए ये शब्द हटाया जाए. वहीं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि पहला गीत अच्छा है, लेकिन इसमें सिख धर्म का जिक्र नहीं है. सिख धर्म का भी जिक्र होना चाहिए. वहीं कांग्रेस विधायक अमित सिहाग ने कहा कि इसका चुनाव करने का मौका जनता को भी देना चाहिए. तभी ये राज्य का गीत बन पाएगा.
बता दें कि शुक्रवार को सदन में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश का कोई राज्य गीत नहीं है. जो प्रदेश के लोगों और संस्कृति को प्रस्तुत करता हो. इसलिए सदन में तीन गीतों को विकल्प के तौर पर लाया गया है. जिसमें एक गीत को राज्य गीत के तौर पर चुना जाएगा. जो अगले एक साल तक राज्य गीत रहेगा. इसपर कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा था कि ये अच्छी बात है कि प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को दिखाने वाला गीत होना चाहिए. लेकिन हमें इसकी कल्पना करने का मौका दिया जाना चाहिए. ये और बेहतर हो सकता है. वहीं कांग्रेस विधायकों ने ये भी कहा था कि राज्य गीत सिर्फ एक साल के लिए ही क्यों. बल्कि हमेशा के लिए रहना चाहिए. बार-बार राज्यगीत बदलना सही नहीं है.