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डॉक्टर भर्ती प्रक्रिया अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित, CMO ने अप्रूवल देने के बाद पलटा फैसला

सीएमओ और गृह विभाग में सीआईडी को लेकर हुई तनातनी के बाद सीएमओ की ओर से 450 डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है. इस भर्ती के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से मंजूरी दे दी गई थी और आगामी करवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा गया था.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज
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Published : Jan 18, 2020, 12:35 PM IST

चंडीगढ़: लंबे अरसे से प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है. इन स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की भी बात स्वास्थ्य विभाग की ओर से जा रही थी, लेकिन अब अनिश्चितकालीन के लिए डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है.

सीएमओ ने रोकी 450 डॉक्टरों की भर्ती
सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है. डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते साल 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था.

सीएमओ ने डॉक्टर्स की भर्ती रोकी

सीएमओ और गृह विभाग में सीआईडी को लेकर हुई तनातनी के बाद सीएमओ की ओर से इन डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है. इस भर्ती के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से मंजूरी दे दी गई थी और आगामी करवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा गया था.

गृह मंत्रालय ने दी थी हरी झंडी
जानकारी के अनुसार सीएमओ की ओर से इस भर्ती के लिए अप्रूवल के बाद वित्त मंत्रालय ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी और जिसके बाद इस के लिए विज्ञापन भी निकाला जा चुका था, लेकिन गृह मंत्रालय और सीएमओ में बढ़ी तकरार के बाद इस भर्ती को कैंसिल करने का निर्णय लिया गया है.

आखिरी वक्त में रोकी गई भर्तियां
बताया जा रहा है कि 450 पदों के लिए जब भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच गई थी. इस पर अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया. इतना ही नहीं एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़िए: टैक्सी ड्राइवर से ऑस्ट्रेलिया के काउंसलर तक का सफर, इस हरियाणवी ने ऐसे छुआ ये मुकाम

कैसे दी जाएगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं?

प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पहले से बनी हुई है अब अगर एक बार फिर से डॉक्टरों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से भर्ती करने की अनुमति दी जाती है तो इससे काफी समय लग सकता है.

इस लंबी प्रक्रिया के चलते डॉक्टरों की ओर से दूसरे प्रदेशों का रुख भी किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में जनता को स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मुहैया करवाना एक चुनौती साबित हो सकती है.

चंडीगढ़: लंबे अरसे से प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है. इन स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की भी बात स्वास्थ्य विभाग की ओर से जा रही थी, लेकिन अब अनिश्चितकालीन के लिए डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है.

सीएमओ ने रोकी 450 डॉक्टरों की भर्ती
सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है. डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते साल 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था.

सीएमओ ने डॉक्टर्स की भर्ती रोकी

सीएमओ और गृह विभाग में सीआईडी को लेकर हुई तनातनी के बाद सीएमओ की ओर से इन डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है. इस भर्ती के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से मंजूरी दे दी गई थी और आगामी करवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा गया था.

गृह मंत्रालय ने दी थी हरी झंडी
जानकारी के अनुसार सीएमओ की ओर से इस भर्ती के लिए अप्रूवल के बाद वित्त मंत्रालय ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी और जिसके बाद इस के लिए विज्ञापन भी निकाला जा चुका था, लेकिन गृह मंत्रालय और सीएमओ में बढ़ी तकरार के बाद इस भर्ती को कैंसिल करने का निर्णय लिया गया है.

आखिरी वक्त में रोकी गई भर्तियां
बताया जा रहा है कि 450 पदों के लिए जब भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच गई थी. इस पर अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया. इतना ही नहीं एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़िए: टैक्सी ड्राइवर से ऑस्ट्रेलिया के काउंसलर तक का सफर, इस हरियाणवी ने ऐसे छुआ ये मुकाम

कैसे दी जाएगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं?

प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पहले से बनी हुई है अब अगर एक बार फिर से डॉक्टरों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से भर्ती करने की अनुमति दी जाती है तो इससे काफी समय लग सकता है.

इस लंबी प्रक्रिया के चलते डॉक्टरों की ओर से दूसरे प्रदेशों का रुख भी किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में जनता को स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मुहैया करवाना एक चुनौती साबित हो सकती है.

Intro:चंडीगढ़, लंबे अरसे से प्रदेश सरकार की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है । इन स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की भी बात स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही थी लेकिन अब अनिश्चितकालीन के लिए डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है सीएमओ की ओर से डॉक्टरों की भर्ती एचपीएससी को दिए जाने की सिफारिश कर दी गई है । डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया लंबी होने के चलते वर्ष 2009 में इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था ।

सीएमओ व गृह विभाग में सीआईडी को लेकर हुई तनातनी के बाद सीएमओ की ओर से इन डॉक्टरों की भर्ती को रोक दिया गया है । इस भर्ती के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा अप्रूव दे दी गई थी और आगामी करवाई हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा गया था । मिली जानकारी के अनुसार सीएमओ द्वारा भी इस भर्ती के लिए अप्रूवल के बाद वित्त मंत्रालय ने भी इसे हरी झंडी देदी थी और जिस के बाद इस के लिए विज्ञापन भी निकाला जा चुका था, लेकिन गृह मंत्रालय व सीएमओ में बढ़ी तकरार के बाद इस भर्ती को कैंसिल करने का निर्णय लिया गया है ।




Body:अहम सूत्रों के अनुसार 450 पदों के लिए जब भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में पहुंच गई थी इस पर अचानक ही सीएमओ की ओर से कुछ आपत्तियां लगाकर रद्द कर दिया गया इतना ही नहीं एक बार फिर डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग को दिए जाने की तैयारी की जा रही है ।







Conclusion:प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पहले से बनी हुई है अब अगर एक बार फिर से डॉक्टरों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से भर्ती करने की अनुमति दी जाती है तो इससे काफी समय लग सकता है इस लंबी प्रक्रिया के चलते डॉक्टरों द्वारा दूसरे प्रदेशों का रुख भी किया जा सकता है अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में जनता को स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मुहैया करवाना एक चुनौती साबित हो सकती है ।
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