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सीएम मनोहर लाल ने कर्मचारी नेताओं से की बैठक, इन बातों पर नहीं बनी सहमति

सीएम मनोहर लाल ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सीएम मनोहर लाल ने कर्मचारी नेताओं से कई मुद्दों पर बात की. वहीं, सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत में कोई सहमति नहीं बनी है.

CM Manohar meeing with employee leaders in chandigarh
CM Manohar meeing with employee leaders in chandigarh
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Published : Apr 29, 2020, 12:17 AM IST

चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. सीएम ने ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. बैठक के बाद सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत में कोई सहमति नहीं बनी है.

उन्होंने बताया कि सरकार कर्मचारियों के डीए, एलटीसी और अन्य भत्तों को काटने के फैसले पर अड़ी है, जबकि जीपीएफ से पैसे निकालने पर रोक लगा दी है. सुभाष लाम्बा ने कहा कि हमने सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा है कि बिना बातचीत के सरकार को एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहिए था.

सुभाष लांबा ने कहा की हमने सरकार को सुझाव दिया था कि डीए अगर डेढ़ साल के बाद भी मिले तो हमें स्वीकार है. सरकार किस्तों में डीए का भुगतान करे, लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी. लांबा ने कहा कि करीब 1 साल तक सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी सरकार ने रोक दी है. लांबा ने कहा कि सरकार आर्थिक संकट से बचने के लिए पूंजीपतियों पर कर (TAX) लगाने की बजाए कर्मचारियों को ही अपना सॉफ्ट टारगेट बना रही है.

ये भी जानें-कुरुक्षेत्र: फूड इंस्पेक्टर आशीष दांगी के मरने से पहले का वीडियो आया सामने

उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं. सभी कर्मचारियों से सहमति बनाकर अगली रणनीति तैयार की जाएगी. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि दर्जनों महकमों में वेतन नहीं मिल रहा, जबकि कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है. एनपीएस को समाप्त करके पुरानी पेंशन बहाल करने और फंड के पैसे का इस्तेमाल का सुझाव दिया है.

कर्मचारी नेताओं ने कई सुझाव देते हुए कहा कि आज ही 68 हजार 660 करोड़ का आरबीआई ने 50 पूंजीपतियों का कर्जा माफ कर दिया है. पिछले 5 साल में 7. 76 लाख करोड़ का कर्ज पूंजीपतियों का माफ किया गया है.

चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. सीएम ने ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. बैठक के बाद सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत में कोई सहमति नहीं बनी है.

उन्होंने बताया कि सरकार कर्मचारियों के डीए, एलटीसी और अन्य भत्तों को काटने के फैसले पर अड़ी है, जबकि जीपीएफ से पैसे निकालने पर रोक लगा दी है. सुभाष लाम्बा ने कहा कि हमने सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा है कि बिना बातचीत के सरकार को एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहिए था.

सुभाष लांबा ने कहा की हमने सरकार को सुझाव दिया था कि डीए अगर डेढ़ साल के बाद भी मिले तो हमें स्वीकार है. सरकार किस्तों में डीए का भुगतान करे, लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी. लांबा ने कहा कि करीब 1 साल तक सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी सरकार ने रोक दी है. लांबा ने कहा कि सरकार आर्थिक संकट से बचने के लिए पूंजीपतियों पर कर (TAX) लगाने की बजाए कर्मचारियों को ही अपना सॉफ्ट टारगेट बना रही है.

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उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं. सभी कर्मचारियों से सहमति बनाकर अगली रणनीति तैयार की जाएगी. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि दर्जनों महकमों में वेतन नहीं मिल रहा, जबकि कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है. एनपीएस को समाप्त करके पुरानी पेंशन बहाल करने और फंड के पैसे का इस्तेमाल का सुझाव दिया है.

कर्मचारी नेताओं ने कई सुझाव देते हुए कहा कि आज ही 68 हजार 660 करोड़ का आरबीआई ने 50 पूंजीपतियों का कर्जा माफ कर दिया है. पिछले 5 साल में 7. 76 लाख करोड़ का कर्ज पूंजीपतियों का माफ किया गया है.

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