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सीएम खट्टर ने किसान नेताओं से क्यों कहा- जाकर पंजाब में चुनाव लड़ लो

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) पिछले कुछ वक्त से लगातार किसान आंदोलन (farmers protest) को लेकर बयान दे रहे हैं. अब बुधवार को एक बार फिर उन्होंने किसान नेताओं और आंदोलन पर तंज कसते हुए बड़ा बयान दिया है.

manohar lal khattar on farmer leaders
manohar lal khattar on farmer leaders
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Published : Jul 7, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Jul 7, 2021, 3:42 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर किसान नेताओं पर तंज कसा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान आंदोलन (farmers protest) को राजनीति से प्रेरित बताते हुए किसान नेताओं को पंजाब में जाकर चुनाव लड़ने की सलाह दे डाली. दरअसल, बुधवार को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संगठन के पदाधिकारियों, मंत्रियों व विधायकों के साथ कई मुद्दों पर गहन मंथन किया.

बैठक में चुनाव को लेकर भी हुआ मंथन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे सरकार की मौजूदा नीतियों पर फीडबैक भी लिया. बैठक में हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और संगठन मंत्री रविंद्र राजू की मौजूदगी में पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भी मंथन किया गया.

ये भी पढ़ें- मोदी कैबिनेट विस्तारः हरियाणा के ये दो सांसद बन सकते हैं मंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि अब पंचायत चुनाव के लिए माहौल पूरी तरह से माकूल है. 22 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. यदि सुनवाई के बाद कोर्ट फैसला सुना देती है तो उसके तुरंत बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अंत्योदय योजना, माइक्रो इरीगेशन से लेकर तमाम दूसरी सरकारी योजनाओं पर फीडबैक भी लिया.

मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं पर कसा तंज

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा मिशन पंजाब बनाकर चुनाव लड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन व किसान नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी मंशा राजनीतिक है. हम पहले दिन से कह रहे हैं कि ये आंदोलन राजनीति से प्रेरित है. अब किसान नेताओं को पंजाब में चुनाव लड़ लेना चाहिए. साथ ही मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बैठक में कई विधायकों ने कृषि कानूनों को लेकर बहुत अच्छा फीडबैक दिया है और ज्यादातर किसान इन कानूनों के पक्ष में है.

मुख्यमंत्री पहले भी किसानों को दे चुके हैं चेतावनी

बता दें कि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले कुछ वक्त से लगातार किसान आंदोलन को लेकर बयान दे रहे हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा कि था किसान शब्द शुद्ध है और हर कोई उन्हें बहुत सम्मान देता है. कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण यह शब्द कलंकित हो गया है. बहनों-बेटियों की इज्जत छीनी जाती है, हत्याएं हो रही हैं, सड़कें जाम की जा रही हैं. मैं अलोकतांत्रिक घटनाओं की निंदा करता हूं. वे सरकार के संयम की परीक्षा ना लें. संयम की भी कोई सीमा होती है, इस सीमा को पार करना किसी के हित में नहीं है. जिस दिन टकराव होगा उस दिन संयम टूट जाएगा.

सात महीनों से जारी है किसान आंदोलन

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी विधायक दल की बैठक खत्म, पंचायत चुनाव और सरकार के कामकाज पर चर्चा

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर किसान नेताओं पर तंज कसा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसान आंदोलन (farmers protest) को राजनीति से प्रेरित बताते हुए किसान नेताओं को पंजाब में जाकर चुनाव लड़ने की सलाह दे डाली. दरअसल, बुधवार को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संगठन के पदाधिकारियों, मंत्रियों व विधायकों के साथ कई मुद्दों पर गहन मंथन किया.

बैठक में चुनाव को लेकर भी हुआ मंथन

इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे सरकार की मौजूदा नीतियों पर फीडबैक भी लिया. बैठक में हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और संगठन मंत्री रविंद्र राजू की मौजूदगी में पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भी मंथन किया गया.

ये भी पढ़ें- मोदी कैबिनेट विस्तारः हरियाणा के ये दो सांसद बन सकते हैं मंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि अब पंचायत चुनाव के लिए माहौल पूरी तरह से माकूल है. 22 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. यदि सुनवाई के बाद कोर्ट फैसला सुना देती है तो उसके तुरंत बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अंत्योदय योजना, माइक्रो इरीगेशन से लेकर तमाम दूसरी सरकारी योजनाओं पर फीडबैक भी लिया.

मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं पर कसा तंज

वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा मिशन पंजाब बनाकर चुनाव लड़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन व किसान नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी मंशा राजनीतिक है. हम पहले दिन से कह रहे हैं कि ये आंदोलन राजनीति से प्रेरित है. अब किसान नेताओं को पंजाब में चुनाव लड़ लेना चाहिए. साथ ही मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बैठक में कई विधायकों ने कृषि कानूनों को लेकर बहुत अच्छा फीडबैक दिया है और ज्यादातर किसान इन कानूनों के पक्ष में है.

मुख्यमंत्री पहले भी किसानों को दे चुके हैं चेतावनी

बता दें कि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले कुछ वक्त से लगातार किसान आंदोलन को लेकर बयान दे रहे हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री ने कहा कि था किसान शब्द शुद्ध है और हर कोई उन्हें बहुत सम्मान देता है. कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण यह शब्द कलंकित हो गया है. बहनों-बेटियों की इज्जत छीनी जाती है, हत्याएं हो रही हैं, सड़कें जाम की जा रही हैं. मैं अलोकतांत्रिक घटनाओं की निंदा करता हूं. वे सरकार के संयम की परीक्षा ना लें. संयम की भी कोई सीमा होती है, इस सीमा को पार करना किसी के हित में नहीं है. जिस दिन टकराव होगा उस दिन संयम टूट जाएगा.

सात महीनों से जारी है किसान आंदोलन

गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.

ये भी पढ़ें- बीजेपी विधायक दल की बैठक खत्म, पंचायत चुनाव और सरकार के कामकाज पर चर्चा

Last Updated : Jul 7, 2021, 3:42 PM IST
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