चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar lal) ने कहा कि नौकरियों में पारदर्शिता उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य है. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग से हो रही भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. उनकी सरकार ने बिना पर्ची और खर्ची के 7 साल के कार्यकाल में 83 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं. मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में 56वें हरियाणा दिवस पर आयोजित पत्रकारवार्ता में सवालों का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि भर्तियों में पारदर्शिता की तारीफ लोग चंडीगढ़ तक आकर कर रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण हरियाणा पुलिस में महिला सब इंस्पेक्टर की भर्ती है, जिसमें चयनित 64 लड़कियों में से 58 ऐसे गरीब परिवारों से हैं, जिनके घर में पहले कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं है. इनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने मेवात जिले से चयनित महिला सब इंस्पेक्टर का भी उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि चयनित लड़की ने उन्हें खुद फोन कर सूचित किया कि वह मेवात जिले की पहली लड़की है जो सब इंस्पेक्टर भर्ती हुई है और वह गरीब परिवार से है.
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एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप-सी और डी के लिए आयोजित होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को मार्च 2022 तक आयोजित किए जाने की संभावना है. इसे आयोजित करने वाली एंजेंसी को पत्र लिख दिया गया है. अभी तक साढ़े 7 लाख युवाओं ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन किया है. जब भी कोई नौकरी के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा, पुनः इसके पोर्टल को रजिस्ट्रेशन के लिए खोला जाएगा. मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आने वाले दिनों में वे प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे और जनता से रूबरू होंगे. कोरोना महामारी के चलते पिछले कुछ समय से दौरा नहीं हो पाया था. अब अगले दो महीने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, इस दौरान लोगों के बीच जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्केट कमेटियों के पदाधिकारियों की नियुक्त आगामी रबी फसल की खरीद प्रक्रिया से पूर्व कर ली जाएगी. कमेटियों का कार्य फसल खरीद के दौरान मंडियों में किसानों और व्यापारियों के बीच समन्वय स्थापित करना है. इस बार फसल खरीद लगभग पूरी हो चुकी है. जल्द इस संबंध में सरकार फैसला लेगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उद्योगों को भी सीएनजी और पीएनजी का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी गाइडलाइन जारी की है.
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उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा बंद किए गए सिंघू और टिकरी बॉर्डर को खुलवाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. बातचीत के माध्यम से ही समस्या का समाधान हो सकता है. इस मामले में गृह सचिव की अध्यक्षता में हरियाणा सरकार ने कमेटी गठित कर रखी है. बातचीत अब भी जारी है. इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है. बॉर्डर बंद होने से आवागमन करने वाले लोगों के साथ-साथ स्थानीय निवासी व व्यापारी बहुत परेशान हैं. रास्ता रोके बैठे लोगों को उनकी यह समस्या समझनी चाहिए और बातचीत के लिए आगे आना चाहिए.