चंडीगढ़: हरियाणा के 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने बताया कि बाढ़ से हरियाणा में 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहीं, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में आई बाढ़ के बाद लगातार इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी हो रही है. कभी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बाढ़ से पैदा हुए हालात के बाद हरियाणा पर निशाना साधते हैं, तो वहीं दिल्ली में आई बाढ़ के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं. इन सबके बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब और दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है.
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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि अगर इनको सूझबूझ होती और अगर एसवाईएल बनी होती, तो आज जो इनके वहां पानी फैला है जिसका यह शोर मचा रहे हैं, तो वे उससे बच जाते. एसवाईएल बनने पर पानी को हम दक्षिण हरियाणा ले जाते या राजस्थान भेजते. जिससे उनके पानी का स्तर और नीचे आ सकता था. एसवाईएल के तौर पर एक वैकल्पिक रास्ता पानी को मिल जाता.
सीएम ने कहा कि, अभी भी जो एसवाईएल के लगते इलाके में पानी आया है. बाढ़ वाले दिन एसवाईएल पूरे उफान पर थी और इधर घग्गर और टांगरी नदियां उफान पर थी. वहीं, नरवाना ब्रांच भी उस दिन फुल फ्लो में थी. उन्होंने कहा कि, इन सभी ब्रांच का पानी कुरुक्षेत्र के आसपास जमा हो गया, जिससे वहां नुकसान हुआ. उसका पानी इकट्ठा होने से कुरुक्षेत्र से कैथल तक इसका असर हुआ. हालांकि उन्होंने कहा कि नहरों के ऊपर बरसात के पानी की निर्भरता नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि नहरें सिंचाई के पानी के लिए होती हैं. ऐसे में बैराज और नदियों के पानी को नहरों में नहीं छोड़ा जा सकता.
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यमुना नदी के पानी पर हरियाणा के तीन जिले निर्भर: वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से आईटीओ बैराज को उनको सौंपे जाने की मांग की जा रही है. इस संबंध में सीएम मनोहर लाल ने कहा कि, यह इंटरस्टेट मामला है. एक बैराज हरियाणा के पास है, एक उत्तर प्रदेश के और एक दिल्ली के पास है. वजीराबाद दिल्ली के पास है, ओखला उत्तर प्रदेश के पास है और आईटीओ हरियाणा के पास है. उन्होंने कहा कि, इसमें तीनों स्टेट के हित हैं और इससे पानी को रेगुलेट किया जाता है. उन्होंने कहा कि, जैसे बीबीएमबी में विभिन्न राज्यों के स्टेकहोल्डर है, वैसे ही इसमें भी हैं. उन्होंने कहा कि यमुना नदी के पानी पर हरियाणा के तीन जिले फरीदाबाद, पलवल और नूंह भी निर्भर हैं.
'ITO बैराज दिल्ली को सौंपने का सवाल ही नहीं': हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हम आईटीओ बैराज दिल्ली सरकार को नहीं सौंपेंगे. संयुक्त रूप से कोई मेंटेनेंस की बात हो तो उस पर विचार किया जा सकता है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आईटीओ बैराज कि मेंटेनेंस में इंद्रप्रस्थ पावर हाउस ही एक्टिव था. उन्होंने कहा कि इंद्रप्रस्थ पावर हाउस 2018 में बंद हो गया. 2018 के बाद दिल्ली सरकार इस मामले में कभी भी आगे नहीं आई, 2022 में एक पत्र आया. उसमें भी यही कहा था कि इस को हमारे हवाले कर दो. लेकिन, उन्होंने यह नहीं कहा कि इससे कोई कठिनाई आ सकती है.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मामला बिल्कुल वैसा ही है, जैसे हम एसवाईएल को लेकर बात करते हैं. दिल्ली सरकार ने कभी भी तीनों बैराज को लेकर जॉइंट फ्लड कंट्रोल मीटिंग में कभी भी नहीं कहा कि हम इसकी सफाई करते हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस मामले की जांच के लिए कमेटी बना चुके हैं. ताकि हमें वास्तविकता का भी पता चल जाए कि कहां पर लापरवाही हुई है. उन्होंने कहा कि, इस मामले में हरियाणा से ज्यादा दिल्ली को चिंता करनी चाहिए थी. इंद्रप्रस्थ पावर हाउस की मेंटेनेंस के लिए पैसा आता था उनको वह भी देना चाहिए था.
दिल्ली सरकार पर बरसे सीएम मनोहर लाल: हरियाणा के सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार समझती है कि सब कुछ फ्री मिल जाए. सब फ्री कभी भी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हम उन्हें 1049 क्यूसेक पानी दे रहे हैं, जबकि हमें उन्हें 750 क्यूसेक पानी देना होता था. लेकिन, हरियाणा को उस पानी का पैसा भी नहीं मिल रहा है. आम आदमी पार्टी द्वारा आरोप लगाया गया है कि हरियाणा की ओर से आईटीओ बैराज की जांच के लिए बनाई गई टीम के लोग राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनके भी टेक्निकल लोगों को ले गए और जो भी अच्छे टेक्निकल लोग होंगे उनको इसमें शामिल करेंगे.
वहीं, इन सबके बीच हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारी देवेंद्र सिंह ने कहा कि 2022 में जब उन्होंने गेट बंद करने के बारे में चिट्ठी लिखी थी. उस वक्त उन्होंने बैराज की बिजली कनेक्शन भी काट दिया था. जबकि, 2018 में उन्होंने मेंटेनेंस भी बंद कर दी थी. वहीं, हरियाणा सरकार ने अपने खर्चे पर उसके बिजली के कनेक्शन को भी रिस्टोर करवाया था.
SYL पर पंजाब सरकोर को CM मनोहर लाल की नसीहत: वहीं, बाढ़ के मामले को लेकर लगातार राजनीतिक बयानबाजी पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि, एसवाईएल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई, सुप्रीम कोर्ट ने बैठकों के लिए कहा. हमने तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बैठक भी कर ली, लेकिन फिर भी ढाक के तीन पात की तरह कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि बाढ़ को लेकर भी मैंने सुझाव दिया है कि आप एसवाईएल बना दो. उन्होंने कहा कि मैं उनके फ्लड की चिंता कर रहा हूं, मैं अपने फ्लड के मामले में उन पर कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं. उन्होंने कहा कि अगर एसवाईएल बनती है तो उनके वहां भी फ्लड नहीं आएगा और उसके पानी को हम दक्षिण हरियाणा में इस्तेमाल कर सकते हैं.