चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भविष्य के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने की दिशा में किसानों को धान के अलावा कम पानी से तैयार होने वाली अन्य फसलें अपनाने के लिए प्रेरित किया. सीएम ने किसान नेताओं से आह्वान करते हुए कहा कि वो 'जल ही जीवन' अभियान को एक आंदोलन के रूप में अपनाएं.
-
भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने हेतु चलाए गए ‘जल ही जीवन है’ अभियान के तहत सभी किसान धान बाहुल्य जिलों में धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें अपनाने के लिए विडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा विभिन्न किसान संघों के नेताओं से आह्वान किया। pic.twitter.com/lyqsAio7I8
— Manohar Lal (@mlkhattar) April 24, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने हेतु चलाए गए ‘जल ही जीवन है’ अभियान के तहत सभी किसान धान बाहुल्य जिलों में धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें अपनाने के लिए विडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा विभिन्न किसान संघों के नेताओं से आह्वान किया। pic.twitter.com/lyqsAio7I8
— Manohar Lal (@mlkhattar) April 24, 2020भावी पीढ़ी के लिए पानी की बचत सुनिश्चित करने हेतु चलाए गए ‘जल ही जीवन है’ अभियान के तहत सभी किसान धान बाहुल्य जिलों में धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली अन्य वैकल्पिक फसलें अपनाने के लिए विडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा विभिन्न किसान संघों के नेताओं से आह्वान किया। pic.twitter.com/lyqsAio7I8
— Manohar Lal (@mlkhattar) April 24, 2020
सीएम ने किसान संघ के नेताओं से कहा कि वो किसानों धान के स्थान पर मक्का, अरहर, ग्वार, तिल, ग्रीष्म मूंग (बैशाखी मूंग) व अन्य फसलों की बुआई करने के लिए प्रेरित करें. मुख्यमंत्री ने ये आह्वान चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न किसान संघों के नेताओं से बातचीत करने के दौरान किया.
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई किसान नेताओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों का स्वागत करते हुए इन्हें भविष्य की योजनाओं में शामिल करने का आश्वासन दिया.
मुख्यमंत्री ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक विजय दहिया को निर्देश भी दिए कि जिन किसान नेताओं द्वारा सुझाव दिए गए हैं, उनको शीघ्र ही कृषि निदेशालय में बुलाकर पूरी जानकारी लें. साथ ही 15 दिनों के अंदर-अंदर जल संरक्षण की नई योजनाएं तैयार करें.
सीएम ने कहा कि ये जरूरी है कि अब किसान नेता भी इस पहल के लिए आगे आएं, ताकि हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए पानी की बचत सुनिश्चित कर सकें. उन्होंने कहा कि सबको ये संदेश देना होगा कि पानी बचाना है तो धान नहीं लगाना है, बल्कि धान के स्थान पर इसके बराबर आमदनी वाली फसलें उगानी हैं.