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सीएम ने की आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक, जीएसटी क्लेक्शन पर हुई चर्चा

बुधवार को सीएम मनोहर लाल ने आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा बैठक की. इस दौरान विभाग की तरफ से सीएम को बताया गया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21,744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370.33 रुपये है और यह राष्ट्रीय औसत का लगभग 2.5 गुना अधिक है.

cm manohar lal meeting with Excise and Taxation Departmen
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने की आबकारी विभाग के अधिकारियों से बैठक
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Published : Nov 27, 2019, 8:46 PM IST

चंडीगढ़: बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस बैठक में आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई. हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई, 2019 से अक्टूबर तक गत 4 महीनों में माल एवं सेवा कर संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनिय वृद्धि दर दर्ज की.

'फर्जी पंजीकरण को रद्द किया जाए'
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए. जीएसटी व्यवस्था के तहत एक व्यवसाय, जिसका कारोबार 40 लाख रुपये से अधिक का है, इसके लिए एक सामान्य कर योग्य व्यक्ति के रूप में पंजीकृत करना आवश्यक है.

'रिटर्न ना भरने वालों से वजह जानी जाए'
उन्होंने विभाग को ऐसे अधिकारियों को भी नियुक्त करने का निर्देश दिए जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोगों के पास जाएंगे, जो पंजीकृत डीलर हैं, लेकिन उन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया. ताकि रिटर्न दाखिल न करने के कारण का पता लगाया जा सके और उसी के आधार पर कदम उठाए जा सकें.

ये भी पढ़ेंः सिरसा का बदहाल सरकारी स्कूल, अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे छात्र

'6,160 करदाता 80% राजस्व में योगदान देते हैं'
यह भी बताया गया कि 6,160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत योगदान करते हैं. नियमित रूप से कर का भुगतान करने के लिए उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके परिणामस्वरूप पिछले चार महीनों के दौरान रिटर्न में काफी वृद्धि हुई है.

पंजीकरण तिथि के 15 दिनों में भौतिक निरीक्षण अनिवार्य
बैठक में बताया गया कि सभी नए जीएसटी पंजीकरणों के लिए हरियाणा ने पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर एक भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया है. यह भी बताया गया कि जीएसटी के संबंध में उठाए गए प्रवर्तन कदमों के परिणाम स्वरूप विभाग ने 1,262.23 करोड़ रुपये की वसूली की है.

चंडीगढ़: बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. इस बैठक में आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई. हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई, 2019 से अक्टूबर तक गत 4 महीनों में माल एवं सेवा कर संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनिय वृद्धि दर दर्ज की.

'फर्जी पंजीकरण को रद्द किया जाए'
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए. जीएसटी व्यवस्था के तहत एक व्यवसाय, जिसका कारोबार 40 लाख रुपये से अधिक का है, इसके लिए एक सामान्य कर योग्य व्यक्ति के रूप में पंजीकृत करना आवश्यक है.

'रिटर्न ना भरने वालों से वजह जानी जाए'
उन्होंने विभाग को ऐसे अधिकारियों को भी नियुक्त करने का निर्देश दिए जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोगों के पास जाएंगे, जो पंजीकृत डीलर हैं, लेकिन उन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया. ताकि रिटर्न दाखिल न करने के कारण का पता लगाया जा सके और उसी के आधार पर कदम उठाए जा सकें.

ये भी पढ़ेंः सिरसा का बदहाल सरकारी स्कूल, अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे छात्र

'6,160 करदाता 80% राजस्व में योगदान देते हैं'
यह भी बताया गया कि 6,160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत योगदान करते हैं. नियमित रूप से कर का भुगतान करने के लिए उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके परिणामस्वरूप पिछले चार महीनों के दौरान रिटर्न में काफी वृद्धि हुई है.

पंजीकरण तिथि के 15 दिनों में भौतिक निरीक्षण अनिवार्य
बैठक में बताया गया कि सभी नए जीएसटी पंजीकरणों के लिए हरियाणा ने पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर एक भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया है. यह भी बताया गया कि जीएसटी के संबंध में उठाए गए प्रवर्तन कदमों के परिणाम स्वरूप विभाग ने 1,262.23 करोड़ रुपये की वसूली की है.

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में जानकारी दी गई कि हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई, 2019 से अक्टूबर तक गत चार महीनों में माल एवं सेवा कर संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनिय वृद्धि दर दर्ज की है, जो देश में सर्वाधिक है । इस अवधि के दौरान जीएसटी के रूप में 6,930 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं । बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए । Body:वीओ -
आबकारी और कराधान विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई । हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान जुलाई, 2019 से अक्टूबर तक गत 4 महीनों में माल एवं सेवा कर संग्रह के तहत 30.54 प्रतिशत की उल्लेखनिय वृद्धि दर की दर्ज । बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार करने के उद्देश्य से राज्य में जीएसटी के तहत लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण के लिए और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद्द करने के लिए राज्यव्यापी पंजीकरण अभियान शुरू किया जाना चाहिए। जीएसटी व्यवस्था के तहत एक व्यवसाय, जिसका कारोबार 40 लाख रुपये से अधिक का है, के लिए एक सामान्य कर योग्य व्यक्ति के रूप में पंजीकृत करना आवश्यक है। उन्होंने विभाग को ऐसे अधिकारियों को भी नियुक्त करने का निर्देश दिए जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में ऐसे कम से कम 50 लोगों के पास जाएंगे, जो पंजीकृत डीलर हैं, लेकिन उन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया ताकि रिटर्न दाखिल न करने के कारण का पता लगाया जा सके और तदनुसार कदम उठाए जा सकें। बैठक में यह बताया गया कि जीएसटी के तहत कर चोरी को रोकने के लिए विभाग की कर अनुसंधान इकाई द्वारा नियमित रूप से आवक एवं बहिर्गामी आपूर्ति और कर भुगतान के बीच किसी भी बेमेल की पहचान करके पंजीकृत डीलरों की बिक्री की समीक्षा की जाती है । यह भी बताया गया कि 6,160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत योगदान करते हैं। नियमित रूप से कर का भुगतान करने के लिए उन्हें और प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है और इसके परिणामस्वरूप पिछले चार महीनों के दौरान रिटर्न में काफी वृद्धि हुई है। बैठक में बताया गया कि सभी नए जीएसटी पंजीकरणों के लिए हरियाणा ने पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर एक भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया है। यह भी बताया गया कि जीएसटी के संबंध में उठाए गए प्रवर्तन कदमों के परिणामस्वरूप विभाग ने 1,262.23 करोड़ रुपये की वसूली की है। Conclusion:बैठक में बताया गया कि हरियाणा ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया , राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है । यह बताया गया कि हरियाणा में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21,744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370.33 रुपये है और यह राष्ट्रीय औसत का लगभग 2.5 गुना अधिक है ।
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