चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने शनिवार को चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल जीवन मिशन योजना को राज्य में आगे बढ़ाते हुए जल संरक्षण के लिए धान बाहुल्य क्षेत्रों में आरंभ की गई नई योजना 'मेरा पानी मेरी विरासत' पोर्टल का विधिवत लॉन्च किया है. इससे धान की रोपाई से पहले ही किसान इस योजना के बारे जागरूक हों और भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण में सरकार का सहयोग देने का मन बनाएं.
इस पोर्टल के माध्यम से किसान धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की बुआई का ब्यौरा देकर योजना के तहत 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से वित्तीय सहायता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. नई फसल विविधिकरण योजना ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के अंतर्गत धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों को उगाकर विविधीकरण करने की एवज में किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा पहले की जा चुकी है.
अब मुख्यमंत्री की तरफ से वेबपोर्टल लॉन्च किया गया है, जिस पर किसान अन्य फसल का ब्यौरा देकर सरकार की तरफ से तय प्रोत्साहन राशि ले पाएंगे. गौरतलब है कि इसके तहत 8 खंडों जिनमें, फतेहाबाद जिले का रतिया, कैथल जिले का सिवान और गुहला, कुरुक्षेत्र जिले के पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद को चिहिन्त किया गया है, जहां भू-जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा नीचे है.
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, उप अतिरिक्त प्रधान सचिव आशिमा बराड़, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक विजय सिहं दहिया के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
गौरतलब है कि सरकार की योजना के दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के राज्यप्रधान इस योजना पर विरोध प्रकट कर चुके है दूसरी तरफ सरकार चिन्हित खंडों पर पानी बचाने को लेकर जारी योजना पर निरंतर आगे बढ़ रही है.