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प्री बजट पर मुख्यमंत्री ने की बैंकर्स के साथ बैठक, कहा- हर बैंक 50 गांवों में खोले शाखाएं - हर गांव होगी बैंक

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैंकर्स से आह्वान किया कि वे एक साल के भीतर प्रदेश के हर गांव पंचायत तक अपनी शाखाएं पहुंचाना सुनिश्चित करें. योजनाएं चाहे केंद्रीय वित्त पोषित हो या राज्य सरकार की हों, आखिर बैंकों के माध्यम से ही पूरी होती हैं. हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अंत्योदय की भावना से कार्य कर रहे हैं. सरकार के इस लक्ष्य को बैंकों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है.

cm manohar lal
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Published : Jan 24, 2020, 10:58 AM IST

Updated : Jan 24, 2020, 11:12 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा आरंभ की जा रही ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ तथा ‘परिवार पहचान पत्र’ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में बैंकर्स की अहम भूमिका रहेगी. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 5684 बैंक शाखाएं, 5911 बैंक मित्र हैं तथा 6055 एटीएम संचालित हैं. केंद्र सरकार की हर पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना को हरियाणा में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है.

हरियाणा में बैंक खोलने का लक्ष्य

नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के स्टेट फोकस पेपर में ‘‘उच्च तकनीक वाली कृषि पद्धतियों’’ को मुख्य रूप से फोकस किया है तथा हरियाणा राज्य के लिए 1,46,733 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता तैयार की है. इसी प्रकार, बैंकों द्वारा हरियाणा के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 1,45,777 करोड़ रुपये का वार्षिक ऋण योजना तैयार की है, जिसमें फसल ऋण के लिए 55642 करोड़ रुपये, कृषि सावधि ऋण के लिए 29035 करोड़ रुपये, एमएसएमई के लिए 42,492 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्र के लिए 18,408 करोड़ रुपये शामिल हैं.

प्री बजट पर मुख्यमंत्री ने की बैंकर्स से बैठक, कहा- हर बैंक 50 गांवों में खोले शाखाएं

बीपीएल परिवार की पहचान के लिए परिवार की आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक की शर्त रखी गई है. ऐसे परिवारों को सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 6 हजार रुपये वार्षिक की सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अलावा, सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’, जैसी योजनाओं को भी मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के साथ जोड़ने का कार्यक्रम भी तैयार किया है.

हरियाणा तालाब प्राधिकरण

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खेतों के लिए सभी कच्चे राजस्व रास्तों को पक्का करने की योजना तैयार की है और इसी प्रकार प्रदेश के लगभग 14 हजार तालाबों के पानी को उपचारित कर सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाने के लिए हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया है. सरकार की इन दोनों योजनाओं में बैंकर्स व नाबार्ड फंडिंग के लिए अहम भूमिका निभा सकती है. इसके लिए सरकार की गांरटी रहेगी.

  • मुख्यमंत्री ने सभी बैंकर्स से अपील करते हुए कहा कि वे एक वर्ष के भीतर प्रदेश के हर गांव पंचायत तक अपनी शाखाएं पहुंचाना सुनिश्चित करें, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचने में आसानी हो।

    इसके साथ ही युवाओं के लिए शिक्षा ऋण सुगमता से उपलब्ध करवाएं।

    — CMO Haryana (@cmohry) January 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वे मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के वित्त मंत्री भी है, इसके लिए वे हितधारकों के साथ चार बैठकें कर चुके हैं. इसके अलावा, उन्होंने विधायकों से भी बजट प्रस्तुत करने से पूर्व बजट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की पहल ही है ताकि आने वाले बजट को बेहतर बजट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी एक बैंकर्स के नाते नहीं बल्कि हरियाणा के नागरिक होने के नाते बजट के लिए लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं.

किसानों की सहायता में बैंक का योगदान

बैंकर्स से कहा कि सरकार द्वारा लघु सिंचाई योजनाओं के लिए किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है और बैंकर्स इसमें किसानों की सहायता कर सकते हैं. इस प्रकार, किसान अपने खेत में ही लघु वेयर हाउसिंग का निर्माण कर अन्न भण्डारण कर सकेंगे, इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है. बैंकर्स किसानों को इसके लिए भी ऋण उपलब्ध करवा सकते हैं.

छोटे कस्बों में बैंक की मदद

छोटे कस्बों और शहरों में जब लोग को तत्काल पैसे की जरूरत पड़ती है तो वे साहूकरों के पास जाते हैं और साहूकार उनसे मनमाना ब्याज वसूलते हैं. लोगों को इस समस्या से बचाने के लिए बैंकों को संकटकाल ऋण योजना (Crisis Loan) तैयार करनी चाहिए. मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाओं तैयार की जा रही हैं और बैंक इनके लिए युवाओं को ऋण उपलब्ध करवा सकता है ताकि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हों सकें. देश के भौगोलिक क्षेत्र का 1.7 प्रतिशत तथा जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होने के बावजूद देश की आर्थिक विकास दर में अहम योगदान है.

केंद्रीय योजनाओं में मदद

बैंकर्स से आह्वान किया कि वर्ष 2020-21 राज्य सरकार का लोगों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए जिन योजनाओं पर मुख्य फोकस रहेगा उनमें स्टाम्प डयूटी कम करना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान समूहों के ऋण, डीआरआई अग्रिम तथा फसल अवशेषों के माध्यम से बॉयागैस तैयार करने लिए संयंत्र लगाना तथा शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने की योजनाएं शामिल हैं. इसलिए बैंकों को इन योजनाओं को ध्यान में रखकर अपने कार्यक्रम तैयार करने चाहिएं.

ये भी पढे़ं:- SYL का पानी देने से पंजाब ने किया साफ इनकार, अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने लीड बैंक पीएनबी के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक श्री डी.के.जैन को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं के लिए एक टास्क फोर्स गठित करें, जिसमें सरकार की तरफ से अधिकारियों को शामिल किया जाए और एक सप्ताह के भीतर इस सन्दर्भ में रिपोर्ट दें. बैंकर्स को इन योजनाओं को विशेष ऋण कैंप का आयोजन करना चाहिए. इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव नीरजा शेखर के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, बैंकों के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा नाबार्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे.

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा आरंभ की जा रही ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ तथा ‘परिवार पहचान पत्र’ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में बैंकर्स की अहम भूमिका रहेगी. बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 5684 बैंक शाखाएं, 5911 बैंक मित्र हैं तथा 6055 एटीएम संचालित हैं. केंद्र सरकार की हर पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना को हरियाणा में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है.

हरियाणा में बैंक खोलने का लक्ष्य

नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के स्टेट फोकस पेपर में ‘‘उच्च तकनीक वाली कृषि पद्धतियों’’ को मुख्य रूप से फोकस किया है तथा हरियाणा राज्य के लिए 1,46,733 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता तैयार की है. इसी प्रकार, बैंकों द्वारा हरियाणा के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 1,45,777 करोड़ रुपये का वार्षिक ऋण योजना तैयार की है, जिसमें फसल ऋण के लिए 55642 करोड़ रुपये, कृषि सावधि ऋण के लिए 29035 करोड़ रुपये, एमएसएमई के लिए 42,492 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्र के लिए 18,408 करोड़ रुपये शामिल हैं.

प्री बजट पर मुख्यमंत्री ने की बैंकर्स से बैठक, कहा- हर बैंक 50 गांवों में खोले शाखाएं

बीपीएल परिवार की पहचान के लिए परिवार की आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक की शर्त रखी गई है. ऐसे परिवारों को सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 6 हजार रुपये वार्षिक की सहायता प्रदान की जा रही है. इसके अलावा, सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’, जैसी योजनाओं को भी मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के साथ जोड़ने का कार्यक्रम भी तैयार किया है.

हरियाणा तालाब प्राधिकरण

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खेतों के लिए सभी कच्चे राजस्व रास्तों को पक्का करने की योजना तैयार की है और इसी प्रकार प्रदेश के लगभग 14 हजार तालाबों के पानी को उपचारित कर सिंचाई और अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाने के लिए हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया है. सरकार की इन दोनों योजनाओं में बैंकर्स व नाबार्ड फंडिंग के लिए अहम भूमिका निभा सकती है. इसके लिए सरकार की गांरटी रहेगी.

  • मुख्यमंत्री ने सभी बैंकर्स से अपील करते हुए कहा कि वे एक वर्ष के भीतर प्रदेश के हर गांव पंचायत तक अपनी शाखाएं पहुंचाना सुनिश्चित करें, जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचने में आसानी हो।

    इसके साथ ही युवाओं के लिए शिक्षा ऋण सुगमता से उपलब्ध करवाएं।

    — CMO Haryana (@cmohry) January 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वे मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के वित्त मंत्री भी है, इसके लिए वे हितधारकों के साथ चार बैठकें कर चुके हैं. इसके अलावा, उन्होंने विधायकों से भी बजट प्रस्तुत करने से पूर्व बजट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की पहल ही है ताकि आने वाले बजट को बेहतर बजट के रूप में प्रस्तुत किया जा सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी एक बैंकर्स के नाते नहीं बल्कि हरियाणा के नागरिक होने के नाते बजट के लिए लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं.

किसानों की सहायता में बैंक का योगदान

बैंकर्स से कहा कि सरकार द्वारा लघु सिंचाई योजनाओं के लिए किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है और बैंकर्स इसमें किसानों की सहायता कर सकते हैं. इस प्रकार, किसान अपने खेत में ही लघु वेयर हाउसिंग का निर्माण कर अन्न भण्डारण कर सकेंगे, इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है. बैंकर्स किसानों को इसके लिए भी ऋण उपलब्ध करवा सकते हैं.

छोटे कस्बों में बैंक की मदद

छोटे कस्बों और शहरों में जब लोग को तत्काल पैसे की जरूरत पड़ती है तो वे साहूकरों के पास जाते हैं और साहूकार उनसे मनमाना ब्याज वसूलते हैं. लोगों को इस समस्या से बचाने के लिए बैंकों को संकटकाल ऋण योजना (Crisis Loan) तैयार करनी चाहिए. मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाओं तैयार की जा रही हैं और बैंक इनके लिए युवाओं को ऋण उपलब्ध करवा सकता है ताकि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हों सकें. देश के भौगोलिक क्षेत्र का 1.7 प्रतिशत तथा जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होने के बावजूद देश की आर्थिक विकास दर में अहम योगदान है.

केंद्रीय योजनाओं में मदद

बैंकर्स से आह्वान किया कि वर्ष 2020-21 राज्य सरकार का लोगों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए जिन योजनाओं पर मुख्य फोकस रहेगा उनमें स्टाम्प डयूटी कम करना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान समूहों के ऋण, डीआरआई अग्रिम तथा फसल अवशेषों के माध्यम से बॉयागैस तैयार करने लिए संयंत्र लगाना तथा शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने की योजनाएं शामिल हैं. इसलिए बैंकों को इन योजनाओं को ध्यान में रखकर अपने कार्यक्रम तैयार करने चाहिएं.

ये भी पढे़ं:- SYL का पानी देने से पंजाब ने किया साफ इनकार, अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने लीड बैंक पीएनबी के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक श्री डी.के.जैन को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं के लिए एक टास्क फोर्स गठित करें, जिसमें सरकार की तरफ से अधिकारियों को शामिल किया जाए और एक सप्ताह के भीतर इस सन्दर्भ में रिपोर्ट दें. बैंकर्स को इन योजनाओं को विशेष ऋण कैंप का आयोजन करना चाहिए. इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव नीरजा शेखर के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, बैंकों के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा नाबार्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे.

Intro:एंकर -
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैंकर्स का आह्वान किया कि वे एक वर्ष के भीतर प्रदेश के हर गांव पंचायत तक अपनी शाखाएं पहुंचाना सुनिश्चित करें क्योंकि योजनाएं चाहे केन्द्रीय वित्त पोषित हो या राज्य सरकार की हों, आखिर बैंकों के माध्यम से ही पूरी होती हैं । हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अंत्योदय की भावना से कार्य कर रहे हैं और सरकार के इस लक्ष्य को बैंकों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है । मुख्यमंत्री बैंकिंग क्षेत्र के साथ राज्य ऋण सेमिनार-सह-प्री-बजट सलाह के लिए आयोजित बैठक में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति को सम्बांधित कर रहे थे । इस अवसर पर उन्होंने नाबार्ड द्वारा हरियाणा राज्य के लिए तैयार किया गया स्टेट फोकस पेपर 2020-21 व बैंकिंग क्षेत्र के साथ राज्य की वार्षिक ऋण योजना 2020-21 पुस्तिका का विमोचन भी किया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए उल्लेखनीय प्रदर्शन करने के लिए विभिन्न बैंकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया । बैठक के बाद मुख्यमंत्री बैठक में 18 बैंकों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने पहुँचें थे । सभी बैंकों को सरकारी योजनाओं की जानकरी दी गई है । उनका क्या योगदान चल रहा और रैंकिंग के बारे में भी जानकरी दी गई है । बहुत से बैंक अच्छा काम कर रहे है और जिनकी स्कीम की परफॉरमेंस कम है उनको कहा गया है कि सुधारे । हर गांव में बैंक ब्रांच कैसे हो इसके बारे में बताया गया है 900 गांव ऐसे है जिनमे बैंक ब्रांच नही है । हर बैंक 50 गांव में ब्रांच खोले इस प्रकार से 6500 ब्रान्च खुलनी चाहिए । बजट में सुझाव को इम्प्लीमेंट करेंगे । मुख्यमंत्री ने यह भी स्मरण करवाया कि 480 रुपये का शिक्षा ऋण उन्होंने उस समय लिया था जब वे प्री-मेडिकल की तैयारी कर रहे थे । मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकर्स को अपने स्तर पर यह सनिश्चित करना होगा कि दिया जा रहा शिक्षा ऋण के लिए विद्यार्थी व संस्थान वास्तव में अस्तित्व में हैं या नहीं ।Body:वीओ -
हरियाणा सरकार द्वारा आरंभ की जा रही ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना’ तथा ‘परिवार पहचान पत्र’ का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में बैंकर्स की अहम भूमिका रहेगी ।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 5684 बैंक शाखाएं, 5911 बैंक मित्र हैं तथा 6055 एटीएम संचालित हैं। केन्द्र सरकार की हर पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने की योजना का हरियाणा में सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।
नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के स्टेट फोकस पेपर में ‘‘उच्च तकनीक वाली कृषि पद्धतियों’’ को मुख्य रूप से फोकस किया है तथा हरियाणा राज्य के लिए 1,46,733 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता तैयार की है। इसी प्रकार, बैंकों द्वारा हरियाणा के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 1,45,777 करोड़ रुपये का वार्षिक ऋण योजना तैयार की है, जिसमें फसल ऋण के लिए 55642 करोड़ रुपये, कृषि सावधि ऋण के लिए 29035 करोड़ रुपये, एमएसएमई के लिए 42,492 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्र के लिए 18,408 करोड़ रुपये शामिल है।
बीपीएल परिवार की पहचान के लिए परिवार की आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक की शर्त रखी गई है । उन्होंने कहा कि ऐसे परिवारों को सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत 6000 रुपये वार्षिक की सहायता प्रदान की जा रही है । इसके अलावा, सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’, जैसी योजनाओं को भी मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के साथ जोडऩे का कार्यक्रम भी तैयार किया है ।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खेतों के लिए सभी कच्चे राजस्व रास्तों को पक्का करने की योजना तैयार की है और इसी प्रकार प्रदेश के लगभग 14000 तालाबों के पानी को उपचारित कर सिंचाई व अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाने के लिए हरियाणा तालाब प्राधिकरण का गठन किया गया है । उन्होंने कहा कि सरकार की इन दोनों योजनाओं में बैंकर्स व नाबार्ड फंडिंग के लिए अहम भूमिका निभा सकती है। इसके लिए सरकार की गांरटी रहेगी। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के वित्त मंत्री भी है, इसके लिए वे हितधारकों के साथ चार बैठकें कर चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने विधायकों से भी बजट प्रस्तुत करने से पूर्व बजट पर विधानसभा में चर्चा करवाने की पहल ही है ताकि आने वाले बजट को बेहतर बजट के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी एक बैंकर्स के नाते नहीं बल्कि हरियाणा के नागरिक होने के नाते बजट के लिए लिखित में अपने सुझाव दे सकते हैं।
बैंकर्स से कहा कि सरकार द्वारा लघु सिंचाई योजनाओं के लिए किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है और बैंकर्स इसमें किसानों की सहायता कर सकते हैं । इस प्रकार, किसान अपने खेत में ही लघु वेयरहाउसिंग का निर्माण कर अन्न भण्डारण कर सकेंगे, इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही है। बैंकर्स किसानों को इसके लिए भी ऋण उपलब्ध करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे कस्बों व शहरों में आज भी जब लोग को तत्काल पैसे की जरूरत पड़ती है तो वे साहूकरों के पास जाते हैं और साहूकार उनसे मनमाना ब्याज वसूलते हैं। लोगों को इस समस्या से बचाने के लिए बैंकों को संकटकाल ऋण योजना (Crisis Loan) तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर योजनाओं तैयार की जा रही हैं और बैंक इनके लिए युवाओं को ऋण उपलब्ध करवा सकता है ताकि उन्हें रोजगार के अवसर भी प्राप्त हों सकें । देश के भौगोलिक क्षेत्र का 1.7 प्रतिशत तथा जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत प्रतिनिधित्व होने के बावजूद देश की आर्थिक विकास दर में अहम योगदान है ।
बैंकर्स से आह्वान किया कि वर्ष 2020-21 राज्य सरकार का लोगों को ऋण उपलब्ध करवाने के लिए जिन योजनाओं पर मुख्य फोकस रहेगा उनमें स्टाम्प डयूटी कम करना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान समूहों के ऋण, डीआरआई अग्रिम तथा फसल अवशेषों के माध्यम से बॉयागैस तैयार करने लिए संयंत्र लगाना तथा शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाने की योजनाएं शामिल हैं । इसलिए बैंकों को इन योजनाओं को ध्यान में रखकर अपने कार्यक्रम तैयार करने चाहिएं ।Conclusion:मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने लीड बैंक पीएनबी के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक श्री डी.के.जैन को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं के लिए एक टास्क फोर्स गठित करे, जिसमें सरकार की तरफ से अधिकारियों को शामिल किया जाए और एक सप्ताह के भीतर इस सन्दर्भ में रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि बैंकर्स को इन योजनाओं को विशेष ऋण कैंपस का आयोजन करना चाहिए । इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रधान सचिव नीरजा शेखर के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, बैंकों के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा नाबार्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे ।
Last Updated : Jan 24, 2020, 11:12 AM IST
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