चंडीगढ़: हथनीकुंड बैराज से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. मारकंडा नदी भी खतरे के निशान को पार कर लोगों के लिए खतरनाक साबित होती जा रही है. यमुना के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. यमुना और मारकंडा नदी में जलस्तर बढ़ने से हजारों एकड़ फसल भी जलमग्न हो चुकी है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा
बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में हवाई निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने पांच जिलों में बाढ़ राहत प्रबंधों की जानकारी ली और तटीय क्षेत्रों में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए है. जिला उपायुक्तों को हर संभव मदद और परिस्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.
भाखड़ा डैम से छोड़ा गया पानी
बता दें कि पिछले दिनों हुई लगातार बरसात के चलते भाखड़ा डैम का जलस्तर बढ़ने के बाद पानी छोड़ा गया था. पानी छोड़े जाने से पहले ही भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तरफ से इसके बारे में राज्यों को जानकरी भेजी गई थी. जिसके आधार पर मुख्यमंत्री ने जिलों के उपायुक्तों को फोन पर बातचीत कर उचित प्रबंध करने के आदेश दिए थे.