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कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर सीएम ने की केंद्रीय मंत्री रविशंकर से बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोविड-19 से निपटने के लिए जो कदम हरियाणा सरकार ने उठाए उसके बारे में जानकारी दी.

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Published : Apr 28, 2020, 10:15 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की जा रही सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पहलों के माध्यम से कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता और खरीद सेवाओं को सक्षम करने में सहयोग मिला है.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने ई-पीडीएस के माध्यम से संकटग्रस्त लोगों को भी 'डिस्ट्रेस राशन टोकन' बनाकर कर तीन महीने का नि:शुल्क राशन देने का प्रावधान किया है.

मुख्यमंत्री ने ये जानकारी केन्द्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा नई दिल्ली से देशभर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, आईटी मंत्रियों व सचिवों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान दी.

'हरियाणा सरकार ने चलाया पीपीपी कार्यक्रम'

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा चलाया जा रहा परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) कार्यक्रम एक राज्य-व्यापी कार्यक्रम है. जिसके तहत सरकार द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों, सेवाओं और योजनाओं से जोड़ा जा सकता है.

'मेरी फसल मेरा ब्योरा' से किसानों को पहुंचा लाभ- सीएम

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' (एमएफएमबी) कार्यक्रम दो साल पहले लॉन्च किया और ये जमीन के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत होता है.

इसमें किसान को उसके द्वारा व्यक्तिगत भूमि के स्वामित्व वाली जमीन पर उसके द्वारा बोई गई फसल को पंजीकृत करने में सक्षम बनाता है. उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम फसल की उपज की खरीद के लिए आधार रिकॉर्ड बनाता है, जिसकी वजह से सरकार कोविड-19 महामारी के दौरान प्रत्येक किसान को खरीद के लिए उसकी अपनी बारी की सूचना देने के लिए संदेश भेजने में सक्षम है.

'किसानों ने 12 लाख किसानों को करवाया रजिस्ट्रेशन'

उन्होंने बताया कि 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' कार्यक्रम में लगभग 12 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. उन्होंने राज्य के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने रिमोट सेंसिंग, ड्रोन और जीआईएस का उपयोग करते हुए मैपिंग के लिए एक तंत्र के बारे में विचार किया और इस योजना का कार्यान्वयन सर्वे ऑफ इंडिया के सहयेाग से राज्य सरकार के विभागों के माध्यम से किया जा रहा है.

केन्द्रीय मंत्री को ये भी अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर घोषणा की है, कि 6 राज्यों से शुरू होने वाली देश भर में 'स्वामित्व' नामक योजना को लागू किया जाएगा, जोकि हरियाणा सरकार के आईटी विभाग की योजना को ही एक प्रकार से लागू किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि इस बैठक में केन्द्र या राज्य सरकारों द्वारा जो भी बेहतर कार्य-प्रणालियां बताई जाएंगी, उन्हें हरियाणा सरकार अपने यहां लागू करने पर अवश्य विचार करेगी.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की जा रही सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पहलों के माध्यम से कोविड-19 महामारी के दौरान सहायता और खरीद सेवाओं को सक्षम करने में सहयोग मिला है.

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया जाएगा, क्योंकि राज्य सरकार ने ई-पीडीएस के माध्यम से संकटग्रस्त लोगों को भी 'डिस्ट्रेस राशन टोकन' बनाकर कर तीन महीने का नि:शुल्क राशन देने का प्रावधान किया है.

मुख्यमंत्री ने ये जानकारी केन्द्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा नई दिल्ली से देशभर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, आईटी मंत्रियों व सचिवों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान दी.

'हरियाणा सरकार ने चलाया पीपीपी कार्यक्रम'

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत के दौरान बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा चलाया जा रहा परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) कार्यक्रम एक राज्य-व्यापी कार्यक्रम है. जिसके तहत सरकार द्वारा प्रदान किए गए सभी लाभों, सेवाओं और योजनाओं से जोड़ा जा सकता है.

'मेरी फसल मेरा ब्योरा' से किसानों को पहुंचा लाभ- सीएम

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' (एमएफएमबी) कार्यक्रम दो साल पहले लॉन्च किया और ये जमीन के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत होता है.

इसमें किसान को उसके द्वारा व्यक्तिगत भूमि के स्वामित्व वाली जमीन पर उसके द्वारा बोई गई फसल को पंजीकृत करने में सक्षम बनाता है. उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम फसल की उपज की खरीद के लिए आधार रिकॉर्ड बनाता है, जिसकी वजह से सरकार कोविड-19 महामारी के दौरान प्रत्येक किसान को खरीद के लिए उसकी अपनी बारी की सूचना देने के लिए संदेश भेजने में सक्षम है.

'किसानों ने 12 लाख किसानों को करवाया रजिस्ट्रेशन'

उन्होंने बताया कि 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' कार्यक्रम में लगभग 12 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. उन्होंने राज्य के गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने रिमोट सेंसिंग, ड्रोन और जीआईएस का उपयोग करते हुए मैपिंग के लिए एक तंत्र के बारे में विचार किया और इस योजना का कार्यान्वयन सर्वे ऑफ इंडिया के सहयेाग से राज्य सरकार के विभागों के माध्यम से किया जा रहा है.

केन्द्रीय मंत्री को ये भी अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर घोषणा की है, कि 6 राज्यों से शुरू होने वाली देश भर में 'स्वामित्व' नामक योजना को लागू किया जाएगा, जोकि हरियाणा सरकार के आईटी विभाग की योजना को ही एक प्रकार से लागू किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि इस बैठक में केन्द्र या राज्य सरकारों द्वारा जो भी बेहतर कार्य-प्रणालियां बताई जाएंगी, उन्हें हरियाणा सरकार अपने यहां लागू करने पर अवश्य विचार करेगी.

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