चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) ऑफ साऊथ एशिया के वर्चुअल वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया है. इस अवधि के दौरान औद्योगिक और आर्थिक सुधारों पर सरकार ने काम किया है. जिसके परिणाम स्वरूप 60 बड़ी कंपनियों ने हरियाणा में निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कोरोना काल में राज्य की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करने के लिए एक रोड-मैप तैयार किया है, जिसके तहत विभिन्न प्रमुख व्यक्तियों की अध्यक्षता में कई कार्य समूहों का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कंपनियों ने चीन से अपना आधार (बेस) बदलना शुरू कर दिया है और वो हरियाणा को निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य के रूप में देख रही हैं.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में ना केवल उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बनाया है, बल्कि राज्य में नई इकाइयों की स्थापना के लिए एक छत के नीचे आवश्यक मंजूरी समेत विभिन्न सुविधाएं भी प्रदान की हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने भूमि और श्रम सुधारों पर काम किया है. इसके तहत, राज्य में नई इकाइयां स्थापित करने के तहत पहले 1000 दिनों के लिए कारखाना अधिनियम और औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों में राहत प्रदान की जाएगी.
इसके अलावा, हरियाणा के इतिहास में पहली बार, राज्य सरकार ने भी प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों को लीज होल्ड पर जमीन देने की अनुमति देने का फैसला भी किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विदेशी निवेशकों के साथ उचित समन्वय बनाए रखने के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कई आईएएस अधिकारियों को नियुक्त किया है. इसके अलावा ‘विदेश सहयोग विभाग’ अलग से बनाया है. राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों में कलस्टर स्थापित करने की योजना भी तैयार की है.
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सीएम ने कहा कि भारतीय मूल के लोग जो दूसरे देशों में रह रहे थे और अब वापस आ गए हैं, उन्हें भी इन कलस्टरों में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा है कि राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज होना चाहिए और इसी कड़ी में प्रदेश में वर्तमान में 11 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं तथा तीन अन्य निर्माणाधीन हैं. इसके अलावा, हाल ही में सिरसा, यमुनानगर और कैथल जिलों में 3 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की भी मंजूरी दी है.