चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने एनसीआर में Haryana State Industrial & Infrastructure Development Corporation (HSIIDC) की सात निविदाओं के कार्य आवंटन में 2.61 करोड़ रुपये की बचत की है. इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति में मुख्यमंत्री के अलावा श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं HSIIDC के चेयरमैन वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी समेत कई अधिकारी शामिल हैं.
चंडीगढ़ में हुई बैठक में जानकारी दी गई कि निविदा सूचना (डिटेल नोटिस इनवाइटिंग टेंडर) जारी करते समय परियोजनाओं की कुल लागत 227.76 करोड़ रुपये की थी. एचएसआईआईडीसी के प्रबन्ध निदेशक की अध्यक्षता में बोलीदाताओं के साथ हुई बातचीत में 207.43 करोड़ रुपये की निविदाओं पर सहमति बनी थी. मुख्यमंत्री ने स्वयं बोलीदाताओं से बातचीत की और ठेकेदारों ने 204.82 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के लिए अंतिम बोली दी. जिन परियोजनाओं के लिए कार्य आवंटित किए गये उनमें आईएमटी सोहना, इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज निकासी, उपचारित जल संशोधन, ड्रेनेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट इत्यादि इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं विकसित करना शामिल है. यह कार्य मैसर्ज जैन कन्स्ट्रक्शन को 122.99 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया.
इसी प्रकार, औद्योगिक सम्पदा राई, फेस-2, सोनीपत में सड़कों के अपग्रेडेशन के कार्य मैसर्ज अजीत कन्स्ट्रक्शन को 12.15 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया. बावल, आईएमटी-2 में सड़कों के अपग्रेडेशन के कार्य मैसर्ज नरेन्द्र सिंह कॉन्ट्रैक्टर को 8.95 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया. औद्योगिक सम्पदा बरही में सड़कों के अपग्रेडेशन के कार्य अजीत कन्स्ट्रक्शन को 8.29 करोड़ रुपये में दिया गया.
आईएमटी बावल में सड़क, जलापूर्ति, सीवरेज निकासी, उपचारित जल संशोधन, ड्रेनेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइट इत्यादि इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं विकसित करने का कार्य धर्मपाल एण्ड कम्पनी को 9.86 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया. केएमपी एक्सप्रेस वे पर स्वचालित टॉल सिस्टम का कार्य वान इन्फ्रास्ट्रक्चर को 31 करोड़ रुपये में दिये गये. इसी प्रकार, केएमपी के मानेसर-पलवल भाग की री-कार्पेटिंग का कार्य मैसर्ज धर्मपाल एण्ड कम्पनी को 11.60 करोड़ रुपये में आवंटित किया गया.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोर्टल पर हरियाणा शेड्यूल्ड रेट पब्लिक डोमेन में डालें ताकि हर किसी को विकास कार्यों की जानकारी मिले. इसके अलावा, एल-1 के साथ-साथ 5 प्रतिशत कम बोली देने वाले सभी ठेकेदारों को उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष बुलाया जाए ताकि उनमें विश्वास बने कि कार्य आवंटन में पारदर्शिता बरती जा रही है.
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