चंडीगढ़: खरीफ की फसल मंडियों में आने वाली है. ऐसे में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मंडी में फसल लेकर आने वाले किसी भी किसान को कोई समस्या नहीं आनी चाहिए. मंडियों में शैड, सड़कें, पैकेजिंग के लिए बैग, तुलाई मशीनें आदि ठीक कर लें ताकि किसान परेशान न हो. फसल खरीद में कोताही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सोमवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड, हैफेड, हरियाणा वेयरहॉऊसिंग कारपोरेशन, भारतीय खाद्य निगम समेत अन्य एजेंसियों के अधिकारियों से खरीफ फसलों की खरीद के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा कर रहे थे.
25 सितंबर से खरीद के लिए पत्र लिखने के दिए निर्देश
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों से कहा कि एक अक्तूबर से प्रस्तावित खरीफ की फसलों की खरीद पूरी तैयारी की जाए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली के लिए खरीदी जाने वाली धान की खरीद एक अक्तूबर की बजाए 25 सितंबर से शुरू करने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाए.
धान खरीद के लिए बनेंगे 200 केंद्र
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम ने बताया कि इस वर्ष धान खरीद के लिए 200 खरीद केंद्र ज्यादा बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि ये खरीद केंद्र प्रदेश के उन आठ जिलों में बनाए जाएंगे जिनमें धान की पैदावार अधिक होती है. दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हिसार, सिरसा, भिवानी क्षेत्र में बाजरा की पैदावार अच्छी है. किसनों को बाजरे की फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े इसलिए पिछले साल के मुकाबले खरीद केंद्र करीब दोगुने कर दिए गये है.
मूंग दाल खरीद के लिए बनेंगे 30 केंद्र
इसी तरह मूंग की खरीद के लिए भी 15 से बढ़ाकर 30 खरीद केंद्र बनाने का फैसला लिया गया है. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि मक्का, कपास व गन्ना की फसल खरीदने को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा हुई है और अगली बैठक में अधिकारी इस संबंध में रिपोर्ट देंगे.
खरीद के दौरान होंगे सुरक्षा के इंतजाम
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि रबी की फसल खरीद प्रक्रिया में कोरोना का संक्रमण था परंतु कर्मचारियों एवं किसानों के कारण एक भी व्यक्ति खरीद प्रक्रिया के दौरान इस महामारी की चपेट में नहीं आया. उन्होंने कहा कि इस बार भी ऐसी व्यवस्था करने के प्रयास किए जाएंगे कि मंडी में आने वाला किसान, व्यापारी और कर्मचारी इस महामारी से सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास रहेगा कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाए और उसे किसी तरह की कोई परेशानी न आए.
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