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निर्भया के दोषियों को फांसी होने पर चंडीगढ़ की महिलाओं ने लड्डू बांटकर मनाई खुशी

निर्भया मामले में दोषियों को फांसी होने के बाद देश की हर महिला में खुशी है. अब महिलाएं ये उम्मीद कर रही हैं कि ऐसी सजा के बाद दूसरे लोगों को भी सबक मिलेगा और वो इस तरह के घिनौने अपराध करने से डरेंगे.

chandigarh womens are happy after Nirbhaya convicts hanged
chandigarh womens are happy after Nirbhaya convicts hanged
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Published : Mar 20, 2020, 7:43 PM IST

चंडीगढ़: निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिलने के बाद चंडीगढ़ में महिलाओं ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया और खुशी मनाई. जब हमने महिलाओं से बात की तो इन महिलाओं का कहना था कि ये एक ऐतिहासिक कदम है जब कोर्ट ने रेप के आरोपियों को फांसी पर लटकाया है. इस सजा के बाद दूसरे लोग भी इस तरह के अपराध करने से डरेंगे.

महिलाओं ने कहा कि देश की बेटियों के साथ हम भी इस समय सुरक्षित महसूस कर रही हैं. इन महिलाओं का कहना था कि वो भी मां है और उन्हें भी अपनी बेटियों की चिंता होती है, लेकिन इस कदम के बाद हमें थोड़ा सुकून मिला है. अगर हमारी न्यायपालिका इस तरह के घिनौने अपराधों की ऐसी कड़ी सजा देगी तो एक दिन ऐसा आएगा जब इन बेटियों के साथ कोई इस तरह का अपराध करने के बारे में सोचेगा भी नहीं.

चंडीगढ़ की महिलाओं ने लड्डू बांटकर मनाई खुशी, देखें वीडियो

इन महिलाओं के साथ- साथ हमने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की वकील दीपा दुबे से भी बात की. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी पर जरूर लटका दिया गया है, लेकिन इससे हमारी न्यायपालिका की लचर व्यवस्था भी सामने आ गई है. दोषियों के वकील ने पूरे देश को ये समझा दिया कि अपराध चाहे कितना भी बड़ा हो उसे बहुत हद तक दबाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- तिहाड़ में फांसी के बाद निर्भया को इंसाफ, मां ने सरकार और न्यायपालिका का आभार जताया

उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका को कठोर होना चाहिए और जो भी कमजोर कड़ी है उसे ठीक किया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि कई घिनौने अपराधों में नाबालिक अपराधी शामिल होते हैं और वो न्यायपालिका की लचर व्यवस्था का बहुत फायदा उठाते हैं.

यहां पर मौजूद महिलाओं ने ये भी कहा कि निर्भया की मां का संघर्ष भी बहुत मुश्किल रहा, लेकिन उन्होंने इस लड़ाई को अंत तक लड़ा और दोषियों को सजा दिलवा कर ही रहीं. उन्होंने कहा एक मां होने के नाते हम उनकी भावनाओं को और उनके संघर्ष को समझ सकते हैं कि कितने बड़े दुख में भी उन्होंने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी.

गौरतलब है कि साल 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में सात साल, तीन महीने से ज्यादा समय के बाद 20 मार्च को इंसाफ हो गया. तमाम कानून दांव-पेंच के बाद निर्भया के दोषियों को 20 मार्च तड़के 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया.

चंडीगढ़: निर्भया मामले में दोषियों को फांसी मिलने के बाद चंडीगढ़ में महिलाओं ने एक दूसरे को लड्डू खिलाकर कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया और खुशी मनाई. जब हमने महिलाओं से बात की तो इन महिलाओं का कहना था कि ये एक ऐतिहासिक कदम है जब कोर्ट ने रेप के आरोपियों को फांसी पर लटकाया है. इस सजा के बाद दूसरे लोग भी इस तरह के अपराध करने से डरेंगे.

महिलाओं ने कहा कि देश की बेटियों के साथ हम भी इस समय सुरक्षित महसूस कर रही हैं. इन महिलाओं का कहना था कि वो भी मां है और उन्हें भी अपनी बेटियों की चिंता होती है, लेकिन इस कदम के बाद हमें थोड़ा सुकून मिला है. अगर हमारी न्यायपालिका इस तरह के घिनौने अपराधों की ऐसी कड़ी सजा देगी तो एक दिन ऐसा आएगा जब इन बेटियों के साथ कोई इस तरह का अपराध करने के बारे में सोचेगा भी नहीं.

चंडीगढ़ की महिलाओं ने लड्डू बांटकर मनाई खुशी, देखें वीडियो

इन महिलाओं के साथ- साथ हमने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट की वकील दीपा दुबे से भी बात की. उन्होंने कहा कि दोषियों को फांसी पर जरूर लटका दिया गया है, लेकिन इससे हमारी न्यायपालिका की लचर व्यवस्था भी सामने आ गई है. दोषियों के वकील ने पूरे देश को ये समझा दिया कि अपराध चाहे कितना भी बड़ा हो उसे बहुत हद तक दबाया जा सकता है.

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उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका को कठोर होना चाहिए और जो भी कमजोर कड़ी है उसे ठीक किया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि कई घिनौने अपराधों में नाबालिक अपराधी शामिल होते हैं और वो न्यायपालिका की लचर व्यवस्था का बहुत फायदा उठाते हैं.

यहां पर मौजूद महिलाओं ने ये भी कहा कि निर्भया की मां का संघर्ष भी बहुत मुश्किल रहा, लेकिन उन्होंने इस लड़ाई को अंत तक लड़ा और दोषियों को सजा दिलवा कर ही रहीं. उन्होंने कहा एक मां होने के नाते हम उनकी भावनाओं को और उनके संघर्ष को समझ सकते हैं कि कितने बड़े दुख में भी उन्होंने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी.

गौरतलब है कि साल 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में सात साल, तीन महीने से ज्यादा समय के बाद 20 मार्च को इंसाफ हो गया. तमाम कानून दांव-पेंच के बाद निर्भया के दोषियों को 20 मार्च तड़के 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया.

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