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चंडीगढ़: वाल्मीकि समाज के लोगों ने खोला पूर्व मेयर राजेश कालिया के खिलाफ मोर्चा - चंडीगढ़ वाल्मीकि समाज प्रदर्शन

वाल्मीकि समाज के लोगों ने पूर्व मेयर राजेश कालिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वाल्मीकि समाज के लोगों ने पूर्व मेयर राजेश कालिया पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

chandigarh valmiki samaj protest
पूर्व मेयर राजेश कालिया के खिलाफ वाल्मीकि समाज
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Published : Feb 11, 2020, 2:45 PM IST

Updated : Feb 11, 2020, 2:51 PM IST

चंडीगढ़ः वाल्मीकि समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने बताया कि पूर्व मेयर राजेश कालिया ने अपनी निजी रंजिश के चलते अपने ही समाज के साथ धोखा किया है. उनका आरोप है कि राजेश कालिया ने साल 2019 में वाल्मीकि समाज के एक धार्मिक समारोह को लेकर उन्हें एक नोटिस थमा दिया है. जिसमें उनपर 68 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

साथ ही इस संबंध में उन्हीं के समाज के एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है. उनका कहना है कि पूर्व मेयर की इस तरह की कार्रवाई सरासर गलत है और पूरा वाल्मीकि समाज राजेश कालिया के इस कदम की कड़ी निंदा करता है. वाल्मीकि समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने बताया कि पूर्व मेयर राजेश कालिया से नाराज वाल्मीकि समाज इसीलिए उनका विरोध कर रहा है.

पूर्व मेयर राजेश कालिया के खिलाफ वाल्मीकि समाज

क्या है मामला?
कंवरपाल ने बताया कि साल 2019 में वाल्मीकि समाज की ओर से भगवान वाल्मीकि जी की शोभा यात्रा निकाली गई थी. उस समय राजेश कालिया चंडीगढ़ के मेयर थे. इस शोभायात्रा में तत्कालीन मेयर राजेश कालिया को नहीं बुलाया गया था. क्योंकि वो किसी दूसरे धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे. लेकिन उन्हें ये बात नागवार गुजरी. जिसके चलते उन्होंने हमारी धार्मिक संस्था के खिलाफ रंजिश पाल ली.

ये भी पढ़ेंः अनूठी पहल से सुर्खियों में बना शादी का ये कार्ड, हर कोई कर रहा है तारीफ

'पुरानी रंजिश के चलते भेजा नोटिस'
इसी निजी रंजिश के चलते उन्होंने हमें एक नोटिस थमा दिया और हमारे कर्मचारी को नौकरी से भी निकलवा दिया. कंवरपाल ने कहा कि नोटिस में यह कहा गया है कि हमने नगर निगम से शोभायात्रा की आज्ञा नहीं ली थी और इस शोभायात्रा में अवैध होर्डिंग्स भी लगाए गए थे जबकि ये गलत है.

'किया जा रहा है धार्मिक उत्पीड़न'
उन्होंने कहा कि हमने एक भी होर्डिंग नहीं लगाया था. ये होर्डिंग शहर के अलग सेक्टर्स में अलग-अलग धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए थे, लेकिन इन होर्डिंग्स को लेकर हम पर कार्रवाई करना जायज नहीं है. कंवरपाल दहलोत ने कहा कि हमारे ही समाज के लोग हमारा ही धार्मिक उत्पीड़न कर रहे हैं.

'NCSC आयोग के पास जाएगी शिकायत'
वाल्मीकि समाज अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने कहा कि हमने नगर निगम से एक सूची की मांग की थी. जिसमें ये ब्यौरा दिया जाए कि नगर निगम की ओर से पिछले 3 सालों में कितनी धर्म धार्मिक संस्थाओं पर कार्रवाई की गई है. लेकिन वो जवाब हमें आज तक नहीं दिया गया और ना ही हमारे नोटिस को वापस लिया जा रहा है. इसलिए अब हम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में राजेश कालिया के खिलाफ शिकायत करेंगे और उनके खिलाफ विरोध जारी रहेगा.

चंडीगढ़ः वाल्मीकि समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने बताया कि पूर्व मेयर राजेश कालिया ने अपनी निजी रंजिश के चलते अपने ही समाज के साथ धोखा किया है. उनका आरोप है कि राजेश कालिया ने साल 2019 में वाल्मीकि समाज के एक धार्मिक समारोह को लेकर उन्हें एक नोटिस थमा दिया है. जिसमें उनपर 68 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

साथ ही इस संबंध में उन्हीं के समाज के एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है. उनका कहना है कि पूर्व मेयर की इस तरह की कार्रवाई सरासर गलत है और पूरा वाल्मीकि समाज राजेश कालिया के इस कदम की कड़ी निंदा करता है. वाल्मीकि समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने बताया कि पूर्व मेयर राजेश कालिया से नाराज वाल्मीकि समाज इसीलिए उनका विरोध कर रहा है.

पूर्व मेयर राजेश कालिया के खिलाफ वाल्मीकि समाज

क्या है मामला?
कंवरपाल ने बताया कि साल 2019 में वाल्मीकि समाज की ओर से भगवान वाल्मीकि जी की शोभा यात्रा निकाली गई थी. उस समय राजेश कालिया चंडीगढ़ के मेयर थे. इस शोभायात्रा में तत्कालीन मेयर राजेश कालिया को नहीं बुलाया गया था. क्योंकि वो किसी दूसरे धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे. लेकिन उन्हें ये बात नागवार गुजरी. जिसके चलते उन्होंने हमारी धार्मिक संस्था के खिलाफ रंजिश पाल ली.

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'पुरानी रंजिश के चलते भेजा नोटिस'
इसी निजी रंजिश के चलते उन्होंने हमें एक नोटिस थमा दिया और हमारे कर्मचारी को नौकरी से भी निकलवा दिया. कंवरपाल ने कहा कि नोटिस में यह कहा गया है कि हमने नगर निगम से शोभायात्रा की आज्ञा नहीं ली थी और इस शोभायात्रा में अवैध होर्डिंग्स भी लगाए गए थे जबकि ये गलत है.

'किया जा रहा है धार्मिक उत्पीड़न'
उन्होंने कहा कि हमने एक भी होर्डिंग नहीं लगाया था. ये होर्डिंग शहर के अलग सेक्टर्स में अलग-अलग धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए थे, लेकिन इन होर्डिंग्स को लेकर हम पर कार्रवाई करना जायज नहीं है. कंवरपाल दहलोत ने कहा कि हमारे ही समाज के लोग हमारा ही धार्मिक उत्पीड़न कर रहे हैं.

'NCSC आयोग के पास जाएगी शिकायत'
वाल्मीकि समाज अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने कहा कि हमने नगर निगम से एक सूची की मांग की थी. जिसमें ये ब्यौरा दिया जाए कि नगर निगम की ओर से पिछले 3 सालों में कितनी धर्म धार्मिक संस्थाओं पर कार्रवाई की गई है. लेकिन वो जवाब हमें आज तक नहीं दिया गया और ना ही हमारे नोटिस को वापस लिया जा रहा है. इसलिए अब हम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में राजेश कालिया के खिलाफ शिकायत करेंगे और उनके खिलाफ विरोध जारी रहेगा.

Intro:चंडीगढ़ में वाल्मीकि समाज के लोगों ने पूर्व में राजेश कालिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वाल्मीकि समाज के लोगों ने पूर्व मेयर राजेश कालिया पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। राजेश कालिया भी वाल्मीकि समाज से जाते हैं और उन्हें इस समय अपने ही समाज का विरोध झेलना पड़ रहा है।


Body:इस बारे में बात करते हुए बाल्मीकि समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष कंवरपाल गहलोत ने बताया की पूर्व मेयर राजेश कालिया ने अपनी निजी रंजिश के चलते अपने ही समाज के साथ धोखा किया है। क्योंकि राजेश कालिया ने साल 2019 में बाल्मीकि समाज के एक धार्मिक समारोह को लेकर उन्हें एक नोटिस थमा दिया है। जिसमें उन पर 68 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है
साथ ही इस संबंध में उन्हीं के समाज के एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया है। यह सरासर गलत है और पूरा वाल्मीकि समाज राजेश कालिया के इस कदम की कड़ी निंदा करता है। इसीलिए उनका विरोध किया जा रहा है।
कंवरपाल ने बताया कि साल 2019 में वाल्मीकि समाज की ओर से भगवान वाल्मीकि जी की शोभा यात्रा निकाली गई थी । उस समय राजेश कालिया चंडीगढ़ के मेयर थे। इस शोभायात्रा में तत्कालीन मेयर राजेश कालिया को नहीं बुलाया गया था। क्योंकि वह किसी दूसरे धार्मिक कार्यक्रम में व्यस्त थे। लेकिन उन्हें यह बात नागवार गुजरी। जिसके चलते उन्होंने हमारी धार्मिक संस्था के खिलाफ रंजीश पाल ली।
इसी निजी रंजिश के चलते उन्होंने हमें एक नोटिस थमा दिया और हमारे कर्मचारी को नौकरी से भी निकलवा दिया।
कंवरपाल ने कहा कि नोटिस में यह कहा गया है कि हमने नगर निगम से शोभायात्रा की आज्ञा नहीं ली थी और इस शोभायात्रा में अवैध होर्डिंग्स भी लगाए गए थे जबकि यह गलत है।
मैंने कहा कि हमने एक भी होर्डिंग नहीं लगाया था । यह होर्डिंग शहर के अलग सेक्टर्स में अलग-अलग धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगाए गए थे। लेकिन इन होर्डिंग्स को लेकर हम पर कार्रवाई करना जायज नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे ही समाज के लोग हमारा ही धार्मिक उत्पीड़न कर रहे हैं। हमने नगर निगम से एक सूची की मांग की थी । जिसमें यह ब्यौरा दिया गया हो कि नगर निगम की ओर से पिछले 3 सालों में कितनी धर्म धार्मिक संस्थाओं पर कार्रवाई की गई है । लेकिन वह जवाब हमें आज तक नहीं दिया गया और ना ही हमारे नोटिस को वापस लिया जा रहा है। इसलिए अब हम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में राजेश कालिया के खिलाफ शिकायत करेंगे और उनके खिलाफ विरोध जारी रहेगा।

one2one with -कंवरपाल गहलोत, अध्यक्ष, बाल्मीकि समाज संघर्ष समिति



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Last Updated : Feb 11, 2020, 2:51 PM IST
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