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कोरोना के खौफ में कड़े नियमों के बीच हो रही JEE मेन्स की परीक्षा - जेईई नीट परीक्षा 2020 चंडीगढ़

कोरोना वायरस महामारी फुल स्पीड में है. राजनेताओं से लेकर कोरोना वॉरियर्स तक, कोरोना वायरस सबको अपनी चपेट में लेता जा रहा है. कोरोना के नए मामले हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं. ऐसे माहौल में आज से जेईई की परीक्षा शुरू हो गई है.

chandigarh students and parents on jee net exam 2020
कोरोना काल में छात्रों का 'इम्तिहान'!
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Published : Sep 1, 2020, 1:25 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना काल और भारी विरोध के बीच आज से देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग परीक्षा, जेईई मेन्स 2020 की शुरुआत हो चुकी है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार का दावा है कि पूरी एहतिहात बरतते हुए छात्रों को परीक्षा दिलाई जा रही तो दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे पर लामबंद नजर आ रहा है.

हाल ही में कांग्रेस की ओर से जेईई और नीट परीक्षा के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन भी किया गया था. अब बात जरा उन छात्रों की भी कर लेते हैं जिनका भविष्य इन परीक्षओं पर टिका है. परीक्षा केंद्र पहुंचे छात्रों बताया कि आज नहीं तो कल परीक्षा होनी ही थी, कोरोना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. उनके लिए परीक्षा देना ज्यादा जरूरी है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

वहीं नीट की तैयारी कर रही आस्था ने बताया कि वो नहीं चाहती हैं कि उनकी परीक्षा कोरोना की वजह से रद्द हो, क्योंकि इन परीक्षाओं से लाखों बच्चों का भविष्य जुड़ा है. अगर ये परीक्षाएं टलती हैं तो बच्चों को काफी नुकसान होगा. परीक्षा लेट होने से बच्चों के परिणाम पर बुरा असर पड़ेगा और अगर इस साल परीक्षाएं नहीं हुई तो लाखों बच्चों का 1 साल बर्बाद हो जाएगा.

केंद्र सरकार का दावा है कि जेईई-नीट परीक्षा के लिए पूरी एहतिहात बरती जा रही है. परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर तमाम वो नियम फॉलो किए जा रहे हैं. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा ना बढ़े.

परीक्षा केंद्र पर करना होगा इन नियमों का पालन

  • परीक्षा केंद्र पर छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ करेंगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
  • सभी छात्रों को 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी.
  • छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ का तापमान मापा जाएगा.
  • जिन छात्रों को बुखार या तापमान ज्यादा होगा, उनके लिए अलग कमरे का इंतजाम होगा.
  • छात्र को सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा कि वो कोरोना पॉजिटिव नहीं है और ना ही किसी मरीज के संपर्क में आया है.
  • छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले साबुन से हाथ भी धोने होंगे.
  • छात्र घर से पानी की बोतल ले जाएंगे, क्योंकि सेंटर पर पानी की व्यवस्था नहीं की जाएगी.
  • छात्रों को परीक्षा केंद्र में नया थ्री प्लाई फेस मास्क, ग्लव्ज दिया जाएगा, जिसको पहनना अनिवार्य होगा.
  • परीक्षा केंद्रों पर की गई व्यवस्था से चंडीगढ़ के छात्र संतुष्ट नजर आए. उनकी मानें तो ऐसा करके वो एग्जाम भी दे सकेंगे और कोरोना से दूर भी रह पाएंगे.

अगर बात जेईई-नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों के अभिभावकों की करें तो वो भी यही चाहते हैं कि तय वक्त पर परीक्षाएं हो. अभिभावकों ने कहा कि कोरोना का खौफ तो है, लेकिन चिंता अपने बच्चों के भविष्य की भी है जो परीक्षा नहीं होने की वजह से अधर में लटक सकता है.

ये भी पढ़िए: पिंडदान के लिए पिहोवा नहीं आ रहे श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहितों पर रोजी-रोटी का संकट

इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि लाखों छात्रों ने परीक्षा की तैयारी की है. अगर इस साल एडमिशन नहीं हुए तो अगले साल सीटें तो इतनी ही रहेंगी, लेकिन परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी हो चुकी होगी. इसका नुकसान भी छात्रों को ही होगा. यही वजह है कि चंडीगढ़ के छात्र भी परीक्षा तय वक्त पर होने का ही समर्थन कर रहे हैं.

चंडीगढ़: कोरोना काल और भारी विरोध के बीच आज से देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग परीक्षा, जेईई मेन्स 2020 की शुरुआत हो चुकी है. एक तरफ जहां केंद्र सरकार का दावा है कि पूरी एहतिहात बरतते हुए छात्रों को परीक्षा दिलाई जा रही तो दूसरी तरफ विपक्ष इस मुद्दे पर लामबंद नजर आ रहा है.

हाल ही में कांग्रेस की ओर से जेईई और नीट परीक्षा के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन भी किया गया था. अब बात जरा उन छात्रों की भी कर लेते हैं जिनका भविष्य इन परीक्षओं पर टिका है. परीक्षा केंद्र पहुंचे छात्रों बताया कि आज नहीं तो कल परीक्षा होनी ही थी, कोरोना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. उनके लिए परीक्षा देना ज्यादा जरूरी है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

वहीं नीट की तैयारी कर रही आस्था ने बताया कि वो नहीं चाहती हैं कि उनकी परीक्षा कोरोना की वजह से रद्द हो, क्योंकि इन परीक्षाओं से लाखों बच्चों का भविष्य जुड़ा है. अगर ये परीक्षाएं टलती हैं तो बच्चों को काफी नुकसान होगा. परीक्षा लेट होने से बच्चों के परिणाम पर बुरा असर पड़ेगा और अगर इस साल परीक्षाएं नहीं हुई तो लाखों बच्चों का 1 साल बर्बाद हो जाएगा.

केंद्र सरकार का दावा है कि जेईई-नीट परीक्षा के लिए पूरी एहतिहात बरती जा रही है. परीक्षा केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर तमाम वो नियम फॉलो किए जा रहे हैं. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा ना बढ़े.

परीक्षा केंद्र पर करना होगा इन नियमों का पालन

  • परीक्षा केंद्र पर छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ करेंगे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
  • सभी छात्रों को 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी.
  • छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ का तापमान मापा जाएगा.
  • जिन छात्रों को बुखार या तापमान ज्यादा होगा, उनके लिए अलग कमरे का इंतजाम होगा.
  • छात्र को सेल्फ डिक्लेरेशन देना होगा कि वो कोरोना पॉजिटिव नहीं है और ना ही किसी मरीज के संपर्क में आया है.
  • छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले साबुन से हाथ भी धोने होंगे.
  • छात्र घर से पानी की बोतल ले जाएंगे, क्योंकि सेंटर पर पानी की व्यवस्था नहीं की जाएगी.
  • छात्रों को परीक्षा केंद्र में नया थ्री प्लाई फेस मास्क, ग्लव्ज दिया जाएगा, जिसको पहनना अनिवार्य होगा.
  • परीक्षा केंद्रों पर की गई व्यवस्था से चंडीगढ़ के छात्र संतुष्ट नजर आए. उनकी मानें तो ऐसा करके वो एग्जाम भी दे सकेंगे और कोरोना से दूर भी रह पाएंगे.

अगर बात जेईई-नीट की परीक्षा देने वाले छात्रों के अभिभावकों की करें तो वो भी यही चाहते हैं कि तय वक्त पर परीक्षाएं हो. अभिभावकों ने कहा कि कोरोना का खौफ तो है, लेकिन चिंता अपने बच्चों के भविष्य की भी है जो परीक्षा नहीं होने की वजह से अधर में लटक सकता है.

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इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि लाखों छात्रों ने परीक्षा की तैयारी की है. अगर इस साल एडमिशन नहीं हुए तो अगले साल सीटें तो इतनी ही रहेंगी, लेकिन परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी हो चुकी होगी. इसका नुकसान भी छात्रों को ही होगा. यही वजह है कि चंडीगढ़ के छात्र भी परीक्षा तय वक्त पर होने का ही समर्थन कर रहे हैं.

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