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Union Budget 2023: केंद्रीय बजट में चंडीगढ़ को मिले 6087.10 करोड़, पीजीआई को 1923.10 करोड़ का तोहफा! - यूनियन बजट 2023

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-2024 के लिए बजट पेश कर दिया है. मोदी सरकार ने करीब 45 लाख करोड़ का बजट पेश किया है. टैक्स स्मैब में 7 लाख तक छूट देकर मोदी सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग को खास तोहफा (announcement for chandigarh in union budget) दिया है. चंडीगढ़ के लिए 6087.10 करोड़ का बजट रखा गया है.

chandigarh received grants from union budget
बजट में चंडीगढ़ को क्या मिला
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Published : Feb 1, 2023, 10:12 PM IST

चंडीगढ़: यूनियन बजट 2023 में हर क्षेत्र को छूने की कोश‌िश की गई है. चंडीगढ़ के लिए 6087.10 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसमें रेवेन्यू हेड में 5365.07 करोड़ और कैपिटल हेड में 722.03 करोड़ रुपए दिए गए हैं. पीजीआई के लिए 1923.10 करोड़ रखे गए हैं. पिछले साल बजट में केंद्र ने चंडीगढ़ को 5,382.79 करोड़ रुपए का ही बजट दिया गया था. भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के डिपार्टमेंट ऑफ ऐक्सपेंडिचर ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करीब 7000 करोड रुपए की मांग की थी. यूटी (यूनियन टेरिटरी) को 6087.10 करोड़ ही मिल पाए हैं.

आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए पीजीआई ने 1923.10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि पिछले वर्ष के मुताबिक संशोधित बजट अनुमान से 73.10 करोड़ अधिक है. सबसे अधिक आवंटन 343.10 करोड़ रुपये के साथ पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किया गया है. पिछले साल इस मद में 270 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए थे. अनुदान सहायता (सामान्य) के तहत वेतन और बजट अनुमान के लिए 1300 करोड़ रुपये और 270 करोड़ रुपये रखा गया है.

पीजीआई ने इस साल के लिए बजट में 2250 करोड़ रुपए का बजट रखते हुए मांग की गई थी. पीजीआई की डीडीआई कुमार गौरव ने बताया कि हमारे पिछले अनुभव के अनुसार हमें इस वर्ष के दौरान व्यय पैटर्न और नए विकास (जैसे नई भर्तियां, परियोजनाएं, आदि) के आधार पर अनुपूरक अनुदान (नवंबर/दिसंबर) के तहत हमेशा आवश्यक धन मिलता है. जो पीजीआई प्रशासन द्वारा मांग की गई ‌थी. उससे तो कम ही‌ हमें बजट मिला है. वहीं, उम्मीद की जा रही है कि इससे हमारे काम में रुकावट पैदा न हो.

ये भी पढ़ें: Budget 2023 Income Tax : जानिए ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम, किसमें ज्यादा फायदा?

बता दें कि पिछले साल चंडीगढ़ प्रशासन ने केंद्र से 5,833 करोड़ रुपए की मांग की थी. इसमें से लगभग 450 करोड़ रुपए कम ही मिले थे. उसमें से 4,843.46 करोड़ रुपए रेवेन्यू हेड के रूप में थे, जिसमें सैलरी भत्ते और अन्य खर्च शामिल थे. 539.33 करोड़ रुपए प्रशासन को कैपिटल हेड के रूप में मिले थे, जिसमें विकास से जुड़े कार्य शामिल थे.

पिछले वर्ष के मुकाबले 704.31 करोड़(13.08) रुपए की वृद्धि की गई है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इस साल बजट में एजुकेशन के लिए 1102.25 करोड़ रुपए, एनर्जी के सेक्टर में 963.30 करोड़ रुपए, हाउसिंग एवं अर्बन सेक्टर में 844.97 करोड़ रुपए, पुलिस के लिए 743.40 करोड़ रुपए, हेल्थ के लिए 661.79 करोड़ रुपए, ट्रांसपोर्ट के लिए 400.68 करोड़ तथा अन्य के लिए 1370.71 करोड़ रुपए मिले हैं.

ये भी पढ़ें: budget 2023: आगामी चुनाव के लिहाज से जानिए मोदी सरकार की 5 बड़ी घोषणाएं

चंडीगढ़: यूनियन बजट 2023 में हर क्षेत्र को छूने की कोश‌िश की गई है. चंडीगढ़ के लिए 6087.10 करोड़ का बजट रखा गया है, जिसमें रेवेन्यू हेड में 5365.07 करोड़ और कैपिटल हेड में 722.03 करोड़ रुपए दिए गए हैं. पीजीआई के लिए 1923.10 करोड़ रखे गए हैं. पिछले साल बजट में केंद्र ने चंडीगढ़ को 5,382.79 करोड़ रुपए का ही बजट दिया गया था. भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस के डिपार्टमेंट ऑफ ऐक्सपेंडिचर ने चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करीब 7000 करोड रुपए की मांग की थी. यूटी (यूनियन टेरिटरी) को 6087.10 करोड़ ही मिल पाए हैं.

आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए पीजीआई ने 1923.10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कि पिछले वर्ष के मुताबिक संशोधित बजट अनुमान से 73.10 करोड़ अधिक है. सबसे अधिक आवंटन 343.10 करोड़ रुपये के साथ पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किया गया है. पिछले साल इस मद में 270 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए थे. अनुदान सहायता (सामान्य) के तहत वेतन और बजट अनुमान के लिए 1300 करोड़ रुपये और 270 करोड़ रुपये रखा गया है.

पीजीआई ने इस साल के लिए बजट में 2250 करोड़ रुपए का बजट रखते हुए मांग की गई थी. पीजीआई की डीडीआई कुमार गौरव ने बताया कि हमारे पिछले अनुभव के अनुसार हमें इस वर्ष के दौरान व्यय पैटर्न और नए विकास (जैसे नई भर्तियां, परियोजनाएं, आदि) के आधार पर अनुपूरक अनुदान (नवंबर/दिसंबर) के तहत हमेशा आवश्यक धन मिलता है. जो पीजीआई प्रशासन द्वारा मांग की गई ‌थी. उससे तो कम ही‌ हमें बजट मिला है. वहीं, उम्मीद की जा रही है कि इससे हमारे काम में रुकावट पैदा न हो.

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बता दें कि पिछले साल चंडीगढ़ प्रशासन ने केंद्र से 5,833 करोड़ रुपए की मांग की थी. इसमें से लगभग 450 करोड़ रुपए कम ही मिले थे. उसमें से 4,843.46 करोड़ रुपए रेवेन्यू हेड के रूप में थे, जिसमें सैलरी भत्ते और अन्य खर्च शामिल थे. 539.33 करोड़ रुपए प्रशासन को कैपिटल हेड के रूप में मिले थे, जिसमें विकास से जुड़े कार्य शामिल थे.

पिछले वर्ष के मुकाबले 704.31 करोड़(13.08) रुपए की वृद्धि की गई है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इस साल बजट में एजुकेशन के लिए 1102.25 करोड़ रुपए, एनर्जी के सेक्टर में 963.30 करोड़ रुपए, हाउसिंग एवं अर्बन सेक्टर में 844.97 करोड़ रुपए, पुलिस के लिए 743.40 करोड़ रुपए, हेल्थ के लिए 661.79 करोड़ रुपए, ट्रांसपोर्ट के लिए 400.68 करोड़ तथा अन्य के लिए 1370.71 करोड़ रुपए मिले हैं.

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