चंजीगढ़: चंडीगढ़ पीजीआई को लंग कैंसर का बेहतर इलाज करने के लिए IASLC अवॉर्ड दिया गया है. पीजीआई को यह अवार्ड स्पेन के बार्सीलोना शहर में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में दिया गया. यह अवॉर्ड लंग कैंसर की बीमारी की दुनिया में सबसे बेहतरीन इलाज मुहैया करवाने के लिए दिया जाता है.
पीजीआई की ओर से यह अवार्ड प्रो. डी बहरा, डॉ. नवनीत सिंह और डॉ. अमरजीत ने प्राप्त किया. प्रोफेसर डी बहरा को लंग कैंसर के इलाज का जनक माना जाता है. उन्होंने ही सबसे पहले पीजीआई में 1982 में लंग कैंसर के इलाज की शुरुआत की थी.
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इस मौके पर पीजीआई की प्रवक्ता मंजू वडवलकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भारतीय अस्पताल को लंग कैंसर की बीमारी की सबसे बेहतर इलाज के लिए अवॉर्ड मिलना सम्मान की बात है. मंजू ने कहा कि चंडीगढ़ पीजीआई मरीजों को हमेशा से सबसे बेहतर इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इस तरह के अवॉर्ड ना सिर्फ भारतीय चिकित्सा जगत को दुनिया में एक पहचान दिलाते हैं, बल्कि लोगों में भी भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास को बढ़ाते हैं.
कैसे होता है लंग कैंसर ?
फेफड़े के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान, तंबाकू, गुटखा और पान खाना होता है. इसके लक्षण बहुत ही मुश्किल से समझ में आते हैं. यह धुंआ, फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल और ज्यादा प्रदूषण से भी होता है. यह ज्यादातर 55-80 आयुवर्ग के लोगों को अपना शिकार बनाता है. इसके अलावा 15-16 साल से लगातार धूमपान करने वालों को भी फेफड़े के कैंसर का खतरा हो सकता है.