ETV Bharat / state

आखिर कैसे शुरू हो सके बच्चों की क्लास, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बनाई ये खास बुकलेट - haryana latest news

कोरोना की तीसरी लहर के चलते बंद हुए स्कूलों को धीर-धीरे वापस खोला जा रहा है. ऐसे में स्कूलों में बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए डीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. रविंद्र खैवाल ने एक बुकलेट (corona prevention guidebook for schools) तैयार की है. जिसमें बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने से संबंधित जानकारी दी गई है.

corona prevention guidebook for schools
corona prevention guidebook for schools
author img

By

Published : Feb 2, 2022, 6:14 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद स्कूलों को एक बार फिर से बंद कर दिया गया था, लेकिन अब मामले कम होने के साथ-साथ स्कूलों को भी धीरे-धीरे खोला जा रहा है. हालांकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. खास तौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन भी नहीं लगी है. जिससे उन पर खतरा ज्यादा है और इसे देखते हुए चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने खास बुकलेट तैयार की (corona prevention guidebook for schools) है. जिसमें यह बताया गया है कि बच्चों को कौन सी बातें सिखाई जाए, जिससे वे स्कूल में भी कोरोना से बचकर रह सके.

इस बुकलेट को भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है. जिसमें कई ऐसे नियम बताए गए हैं, जिनसे बच्चों को ऑफलाइन क्लासेज के दौरान कोरोना से बचाया जा सकता है और बच्चों की ऑफलाइन क्लासेज जारी रह सकती हैं. बुकलेट के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. रविंदर खैवाल ने (Dr. Ravindra Khaiwal booklet for children safety) बताया कि इसमें चित्रों के माध्यम से ये सभी दिशा निर्देश बताए गए हैं. डॉ. रविंद्र खैवाल ने बताया कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए ये बुकलेट सामूहिक जिम्मेदारी बनती है. जिसमें स्कूल अथॉरिटी, पेरेंट्स, टीचर्स और इसके अलावा सरकार की तरफ से भी बहुत सारी पहल की गई है. जिनके बारे में इस बुकलेट में बताया गया है.

आखिर कैसे शुरू हो सके बच्चों की क्लास, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बनाई ये खास बुकलेट

ये भी पढ़ें- आजकल कोरोना के इस नए वेरिएंट का खौफ, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर से जानिए ये कितना घातक

स्कूल अथॉरिटी की जिम्मेदारी

भारत सरकार द्वारा जारी बुकलेट में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए स्कूल अथॉरिटी की जिम्मेदारी निश्चित की गई है. जो निम्न हैं:-

  • स्कूल बस में बच्चों को उचित दूरी पर बैठाया जाए ताकि बच्चों का आपस में संपर्क कम से कम हो.
  • जब स्कूल बस एक चक्कर लगाकर दोबारा बच्चों को लेने जाए तो स्कूल बस को सैनिटाइज किया जाए.
  • स्कूल प्रबंधन स्कूल में मास्क, सैनिटाइजर और साबुन का पर्याप्त बंदोबस्त करें.
  • स्कूल में ई-ऑफिस को बढ़ावा दें, ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन हो ताकि फाइलों के आधार प्रदान से बचा जा सके.
  • स्कूल में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी हेल्पलाइन नंबर और नजदीकी अस्पतालों के पते और फोन नंबर होने चाहिए.
  • जिन स्कूलों में जगह हो, वहां मौसम अच्छा होने पर कक्षाएं खुले मैदान में लगाई जाएं.
  • जिस स्कूल में कक्षाएं क्लास रूम में लगाई जाती हैं, वहां वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • स्कूल के सभी कमरे हवादार होना चाहिए और कक्षाओं को समय-समय सैनिटाइज पर भी करना चाहिए.

टीचर्स की जिम्मेदारी- वहीं इस बुकलेट में बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए टीचर्स की भी जिम्मेदारी निश्चित की गई है. जिसमें बताया गया है कि टीचर्स जितना हो सके उतना ट्रेवल करने से बचें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से भी बचें. साथ ही टीचर्स को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि बच्चे लंच करते समय आपस में उचित दूरी बनाकर रखें और टिफिन या पानी की बोतलों की अदला-बदली ना करें.

special booklet for children safety from corona
कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए तैयार बुकलेट

पेरेंट्स की जिम्मेदारी- बच्चों को कोरोना से दूर रखने के लिए माता-पिता की जिम्मेदारी के बारे में इस बुकलेट में बताया गया है कि माता-पिता बच्चों को एक किट बना कर दें. जिसमें एक्स्ट्रा मास्क और हैंड सैनिटाइजर हो. साथ ही माता-पिता बच्चों को अच्छा खाना खाने के लिए प्रेरित करें और स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें.

सरकार द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम- डॉ. रविंद्र खैवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने मोनू दर्पण नाम से कार्यक्रम शुरू किया है ताकि बच्चों कि मनोस्थिति को सुधारा जा सके. कोरोना और लंबे समय तक घर में रहने की वजह से अगर किसी बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ा है, तो उसे ठीक किया जा सके.

special booklet for children safety from corona
कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए तैयार बुकलेट

ये भी पढ़ें- आज से हरियाणा में खुले 10वीं से 12वीं के स्कूल, इन नियमों का करना होगा पालन

इस बुकलेट में कोविड-19 लक्षण के बारे में भी बताया गया है ताकि टीचर और माता-पिता बच्चों में ऐसा कोई लक्षण दिखाई देने पर तुरंत मेडिकल सहायता ले सकें. जैसे अगर बच्चे ज्यादा थकान महसूस करते हैं या उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है या उन्हें दस्त लगे हैं तो यह भी करोना का लक्षण हो सकता है. इस तरह से इस किताब में तमाम बातें सम्मिलित की गई हैं. जिससे बच्चों को स्कूल जाते हुए भी कोरोना वायरस से सुरक्षित रखा जा सके और उनकी पढ़ाई जारी रह सके.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

चंडीगढ़: कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद स्कूलों को एक बार फिर से बंद कर दिया गया था, लेकिन अब मामले कम होने के साथ-साथ स्कूलों को भी धीरे-धीरे खोला जा रहा है. हालांकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. खास तौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन भी नहीं लगी है. जिससे उन पर खतरा ज्यादा है और इसे देखते हुए चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने खास बुकलेट तैयार की (corona prevention guidebook for schools) है. जिसमें यह बताया गया है कि बच्चों को कौन सी बातें सिखाई जाए, जिससे वे स्कूल में भी कोरोना से बचकर रह सके.

इस बुकलेट को भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है. जिसमें कई ऐसे नियम बताए गए हैं, जिनसे बच्चों को ऑफलाइन क्लासेज के दौरान कोरोना से बचाया जा सकता है और बच्चों की ऑफलाइन क्लासेज जारी रह सकती हैं. बुकलेट के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. रविंदर खैवाल ने (Dr. Ravindra Khaiwal booklet for children safety) बताया कि इसमें चित्रों के माध्यम से ये सभी दिशा निर्देश बताए गए हैं. डॉ. रविंद्र खैवाल ने बताया कि बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए ये बुकलेट सामूहिक जिम्मेदारी बनती है. जिसमें स्कूल अथॉरिटी, पेरेंट्स, टीचर्स और इसके अलावा सरकार की तरफ से भी बहुत सारी पहल की गई है. जिनके बारे में इस बुकलेट में बताया गया है.

आखिर कैसे शुरू हो सके बच्चों की क्लास, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर ने बनाई ये खास बुकलेट

ये भी पढ़ें- आजकल कोरोना के इस नए वेरिएंट का खौफ, चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर से जानिए ये कितना घातक

स्कूल अथॉरिटी की जिम्मेदारी

भारत सरकार द्वारा जारी बुकलेट में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए स्कूल अथॉरिटी की जिम्मेदारी निश्चित की गई है. जो निम्न हैं:-

  • स्कूल बस में बच्चों को उचित दूरी पर बैठाया जाए ताकि बच्चों का आपस में संपर्क कम से कम हो.
  • जब स्कूल बस एक चक्कर लगाकर दोबारा बच्चों को लेने जाए तो स्कूल बस को सैनिटाइज किया जाए.
  • स्कूल प्रबंधन स्कूल में मास्क, सैनिटाइजर और साबुन का पर्याप्त बंदोबस्त करें.
  • स्कूल में ई-ऑफिस को बढ़ावा दें, ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन हो ताकि फाइलों के आधार प्रदान से बचा जा सके.
  • स्कूल में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी हेल्पलाइन नंबर और नजदीकी अस्पतालों के पते और फोन नंबर होने चाहिए.
  • जिन स्कूलों में जगह हो, वहां मौसम अच्छा होने पर कक्षाएं खुले मैदान में लगाई जाएं.
  • जिस स्कूल में कक्षाएं क्लास रूम में लगाई जाती हैं, वहां वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए.
  • स्कूल के सभी कमरे हवादार होना चाहिए और कक्षाओं को समय-समय सैनिटाइज पर भी करना चाहिए.

टीचर्स की जिम्मेदारी- वहीं इस बुकलेट में बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए टीचर्स की भी जिम्मेदारी निश्चित की गई है. जिसमें बताया गया है कि टीचर्स जितना हो सके उतना ट्रेवल करने से बचें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से भी बचें. साथ ही टीचर्स को इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा कि बच्चे लंच करते समय आपस में उचित दूरी बनाकर रखें और टिफिन या पानी की बोतलों की अदला-बदली ना करें.

special booklet for children safety from corona
कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए तैयार बुकलेट

पेरेंट्स की जिम्मेदारी- बच्चों को कोरोना से दूर रखने के लिए माता-पिता की जिम्मेदारी के बारे में इस बुकलेट में बताया गया है कि माता-पिता बच्चों को एक किट बना कर दें. जिसमें एक्स्ट्रा मास्क और हैंड सैनिटाइजर हो. साथ ही माता-पिता बच्चों को अच्छा खाना खाने के लिए प्रेरित करें और स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें.

सरकार द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम- डॉ. रविंद्र खैवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने मोनू दर्पण नाम से कार्यक्रम शुरू किया है ताकि बच्चों कि मनोस्थिति को सुधारा जा सके. कोरोना और लंबे समय तक घर में रहने की वजह से अगर किसी बच्चे के दिमाग पर बुरा असर पड़ा है, तो उसे ठीक किया जा सके.

special booklet for children safety from corona
कोरोना से बच्चों के बचाव के लिए तैयार बुकलेट

ये भी पढ़ें- आज से हरियाणा में खुले 10वीं से 12वीं के स्कूल, इन नियमों का करना होगा पालन

इस बुकलेट में कोविड-19 लक्षण के बारे में भी बताया गया है ताकि टीचर और माता-पिता बच्चों में ऐसा कोई लक्षण दिखाई देने पर तुरंत मेडिकल सहायता ले सकें. जैसे अगर बच्चे ज्यादा थकान महसूस करते हैं या उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है या उन्हें दस्त लगे हैं तो यह भी करोना का लक्षण हो सकता है. इस तरह से इस किताब में तमाम बातें सम्मिलित की गई हैं. जिससे बच्चों को स्कूल जाते हुए भी कोरोना वायरस से सुरक्षित रखा जा सके और उनकी पढ़ाई जारी रह सके.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.