चंडीगढ़ः कोरोना महामारी के दौरान में पुलिस कर्मचारी, अधिकारी, डॉक्टर, नर्स आदि सभी कोरोना के खिलाफ फ्रंट लाइन वॉरियर्स के रुप में खड़े हैं. ऐसे में चंडीगढ़ की एसएसपी निलांबरी जगदाले भी ऐसे ही कोरोना योद्धाओं का एक सशक्त उदाहरण है.
एसएसपी निलांबरी जगदाले के पास चंडीगढ़ शहर की सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी है. शहर को कोरोना से बचाने का भार भी उनके कंधों पर है. वह एक पत्नी भी हैं और एक मां भी हैं. इतनी सारी जिम्मेदारियों के बावजूद अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत की.
सुबह जल्दी घर से निकली हैं निलांबरी जगदाले
ईटीवी से बात करते हुए निलांबरी जगदाले ने बताया कि वह सुबह जल्दी घर से निकल जाती हैं और पूरा दिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाती हैं. इस दौरान उन्हें कई तरह की काम करने पड़ते हैं. बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करना, लोगों तक खाना पहुंचाना, गरीबों तक मदद पहुंचाना, शहर में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना आदि. जिसके चलते वे हर रोज 12 से 16 घंटे घर से बाहर रहती हैं. हालांकि यह कोई आसान काम नहीं है. लेकिन फिर भी लोगों को बचाने के लिए इस जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाना बेहद जरूरी है.
बिना मां के घर में रहती है 5 साल की बेटी
उन्होंने कहा कि उनके पति सेना में अधिकारी हैं. वह भी इस समय घर से दूर रहकर देश की सेवा में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी 5 साल की बेटी है, जिसे घर पर छोड़कर वो ड्यूटी पर आती है. लेकिन बेटी छोटी है और इन बातों को नहीं समझ पाती. वह चाहती है कि उसकी मां हमेशा उसके पास रहे. बेटी को टाइम ना दे पाने पर निलांबरी जगदाले कहती है कि उनके ऊपर ना सिर्फ परिवार की ही नहीं, बल्कि पूरे शहर की जिम्मेदारी है. जो घर की जिम्मेदारियों से ज्यादा जरुरी है.
उन्होंने कहा कि उनकी 5 साल की बेटी उनके बिना पूरा दिन रह रही है. इसलिए कहीं ना कहीं वह भी कोरोना की लड़ाई में भागीदार है. अनजान होते भी वह इस लड़ाई में अपना सहयोग कर रही है और बिना मां के पूरा दिन अकेले घर में गुजार रही है.
वहीं चंडीगढ़ के लोगों से अपील करते हुए एसएसपी ने कहा कि शहर के सभी पुलिसकर्मी लोगों की सुरक्षा के लिए घर से बाहर हैं. इसलिए वो प्रशासन का सहयोग करें और अपने घरों के भीतर ही रहें ताकि कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सके.
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