चंडीगढ़: जनवरी के दूसरे हफ्ते में ही चंडीगढ़ मेयर के चुनाव होने हैं. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं. जहां कांग्रेस इस बार मेयर के चुनाव में हिस्सा ले रही है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने भी अपनी कार्यकारिणी कमेटी का गठन करने के लिए मीटिंग का दौर शुरू कर दिया है. बता दें कि इस बार आरक्षित वर्ग से मेयर पद का चुनाव होना है. चंडीगढ़ में हर बार मेयर चुनाव में उम्मीदवार का वर्ग बदलता है.
2016 से चंडीगढ़ में बीजेपी मेयर का चुनाव जीतती आ रही है. लेकिन इस बार भाजपा में ही एक तरह की गुटबाजी चल रही है. भाजपा के गुट की कोशिश है कि वो दूसरी पार्टियों से आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार अपनी पार्टी में शामिल कर उस मेयर बनाए. वहीं कांग्रेस के पास मेयर के चुनाव में आरक्षित वर्ग को लेकर पार्टी ने अपने मेयर के चेहरे के तौर पर जसवीर सिंह बंटी और निर्मला देवी को दावेदार के तौर पर सामने रखा है.
आम आदमी पार्टी अपनी पार्षद नेहा, पूनम, लखबीर सिंह, और कुलदीप कुमार को लेकर असमंजस में है. सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी चाहती है कि इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़ा ना करें और इस बार वो आम आदमी पार्टी को अपना पूरा समर्थन दें. जिससे वो भाजपा को एक बड़े स्तर पर हरा सके. 2023 में नगर निगम में करवाए गए मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के पास बराबर 14 -14 पार्षद थे.
कांग्रेस के पास सिर्फ 6 पार्षद ही थे. तब कांग्रेस चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं थी. वो बीजेपी या आम आदमी पार्टी को को अपना समर्थन नहीं देना चाहती थी. जिसके चलते कांग्रेस अध्यक्ष और 6 पार्षद मेयर चुनाव होने से पहले ही शहर से बाहर हिमाचल चले गए थे. वहीं इस बार भाजपा के पास 14 पार्षद और एक सांसद का वोट है. जिसके चलते उन्हें भरोसा है कि वो इस बार मेयर के चुनाव आसानी से जीत जाएंगे. चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 36 सदस्य हैं. इनमें कांग्रेस के पास 7 पार्षद और एक शिरोमणि अकाली दल पार्षद है, वहीं भाजपा के पास 14 पार्षद और आम आदमी पार्टी के पास 13 पार्षद हैं
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एचएस लकी ने बताया कि चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी पिछले दो सालों से चुनावों का बहिष्कार कर चुकी है. उम्मीद है कि जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव होगा. चंडीगढ़ कांग्रेस ने इस बार फैसला किया है कि वो इस बार के मेरिट चुनाव में हिस्सा लेंगे. ऐसे में आगे की रणनीति क्या रहेगी, ये इंडिया गठबंधन मीटिंग में ही तय हो पाएगा. जो इसी हफ्ते 19 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है.
उन्होंने कहा कि इसके बाद ही ये तय हो पाएगा कि हम आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देंगे या नहीं. बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी जुमलों का गढ़ है. जो सिर्फ बोलने में ही विश्वास रखते हैं. पहले पिछले 6 से 7 दौर में भाजपा का मेयर बन चुका है, लेकिन उन्होंने अभी तक शहर के लिए कोई बड़ा काम नहीं किया है. इस बार के मेयर द्वारा किसी भी तरह की समस्या का हल नहीं किया गया है. वही इस समय लोग बदलाव चाहते हैं और उसका नतीजा हमने बड़े चुनाव में देखा है. जहां कांग्रेस ने भाजपा को एक अच्छे स्तर पर मात दी है.
आम आदमी पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर सनी अहलूवालिया ने कहा कि फिलहाल आम आदमी पार्टी के पास 13 पार्षद हैं. भले ही देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच एलाइंस हुआ है. लेकिन ये एलाइंस मेंबर ऑफ पार्लियामेंट जैसे बड़े चुनावों के लिए ही किया गया है. फिलहाल हमारी कोई भी ऐसी रणनीति नहीं है कि हम कांग्रेस के साथ मिलकर मेयर के चुनाव लड़ेंगे. इस बीच अगर कोई भी राजनीतिक पार्टी का पार्षद अरविंद केजरीवाल की सोच से प्रभावित होकर आम आदमी पार्टी में शामिल होना चाहती है, तो हम उनका स्वागत करेंगे. जल्द ही चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी की कार्यकारिणी कमेटी का गठन हो जाएगा. इसके बाद आने वाले चुनावों की रणनीति तय की जाएगी.
बीजेपी प्रवक्ता कैलाश जैन ने बताया बीजेपी को हमेशा चंडीगढ़ के लोगों द्वारा प्यार मिला है. जिसके चलते 2016 से शहर में भाजपा पार्टी का मेयर बनता आ रहा है. हमें ये उम्मीद है कि आने वाले 2024 चुनाव में भी हमारी पार्टी का ही सदस्य मेयर के पद के लिए चुना जाएगा. भले ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर हमें हराना चाहे, लेकिन शहर में हमारे द्वारा किए गए कामों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. जब से शहर में भाजपा का मेयर बनना शुरू हुआ है. कहीं ऐसे काम है जो करवाए गए हैं.