चंडीगढ़: नगर निगम में स्मार्ट वॉच का मामला थमता दिखाई नहीं दे रहा है. एक तरफ जहां नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों को ये स्मार्ट वॉच पहनने के लिए कहा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कर्मचारी इन स्मार्ट वॉच को नहीं पहनना चाहते हैं.
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि स्मार्ट वॉच पहनने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है. जो कर्मचारी दिल के मरीज हैं या जिन्हें हाइपरटेंशन, डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनकी सेहत पर इस वॉच के पहनने से बुरा असर पड़ रहा है.
नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने कहा कि उन्हें भी इस मामले की जानकारी मिली है. जिसके बाद उन्होंने सफाई कर्मचारी यूनियन के सदस्यों से ये कहा कि जिन भी लोगों को स्मार्ट वॉच के पहनने से स्वास्थ्य में समस्याएं आ रही हैं उनके नाम बताए जाएं, ताकि नगर निगम पीजीआई के डॉक्टरों की एक टीम को बुलाकर उन सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच करवा सकें, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी यूनियन की तरफ से किसी भी कर्मचारी का नाम नहीं दिया गया है.
वहीं जब इस बारे में सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष कृष्ण लाल चड्डा से बात की गई तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि नगर निगम के कमिश्नर केके यादव ने पहले ही पीजीआई के निदेशक से इस बारे में बात कर ली है और उनके कहने पर डॉक्टर हमारी रिपोर्ट को सही नहीं बनाएंगे, इसलिए पीजीआई में जांच कराने का कोई फायदा नहीं.
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साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कमिश्नर सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए थोड़ी देर के लिए घड़ी पहनते हैं और बाद में घड़ी उतार देते हैं, लेकिन हमें इस स्मार्ट वॉच को पहनने पर मजबूर किया जा रहा है. जब तक नगर निगम के सभी अधिकारी और कर्मचारी स्मार्ट वॉच नहीं पहनेंगे तब तक वो भी स्मार्ट वॉच नहीं पहनेंगे.