चंडीगढ़: कांग्रेस के पार्षद गुरचरण जीत सिंह (Haryana Councilors Gurcharan Jeet Singh) काला बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए. गुरचरण जीत सिंह काला वार्ड नंबर-20 से कांग्रेस के पार्षद हैं. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद, सांसद किरण खेर, मेयर सरबजीत कौर ढिल्लो की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ली. प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि दिसंबर 2021 में हुए नगर निगम के चुनावों में गुरचरण जीत सिंह काला ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और हल्लोमाजरा व राम दरबार क्षेत्र से वार्ड नंबर-20 से जीत दर्ज की थी. अब उन्होंने भरतीय जनता पार्टी का दामन थामने का फैसला लिया.
प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि गुरचरण जीत सिंह काला की आज घर वापसी हुई है, क्योंकि वह पूर्व में दो बार भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के विकास की नीतियों से प्रभावित होकर गुरचरण जीत सिंह काला ने भाजपा ज्वाइन करने का जो फैसला किया है उसका हम स्वागत करते हैं. पार्टी में उनकी वापसी से पार्टी को मजबूती मिलेगी और विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा. अरूण सूद ने विश्वास दिलाया कि इन्हें पार्टी में उचित मान-सम्मान मिलेगा.
वहीं सांसद किरण खेर ने गुरचरण जीत सिंह काला का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल भारतीय जनता पार्टी ही है जो विकास के कार्य करवाने में हमेशा अग्रणी रहती है, किसी और पार्टी की विकास के कार्यों में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने कहा कि गुरचरण जीत सिंह काला के पार्टी में आने से शहर के विकास के कार्यों को मजबूती मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह जनता की सेवा के लिए हमेशा ही सक्रिय रहे हैं और जो भई व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर उनसे मिलना चाहे तो मिल सकता है. भाजपा हमेशा ही जनता के लिए आगे आकर कार्य किए हैं और आगे भी अग्रसर रहेगी. इस अवसर पर पूर्व पार्षद देवेंदर सिंह बबला ने भी अपने विचार रखे.
हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 14 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा के पाले में 12 सीटें आईं थी. हालांकि 14 सीटें आने के बावजूद भी आम आदमी पार्टी शहर में अपना मेयर नहीं बना पाई. इस साल भाजपा ने अपना मेयर बनाया. अब भाजपा में कांग्रेस पार्षद गुरचरण सिंह शामिल हो गए हैं. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व नेता देवेंद्र बावला की पार्षद पत्नी भी भाजपा का दामन थाम चुकी हैं. इस तरह अब भाजपा के पास भी आम आदमी पार्टी के बराबर 14 सीटें हो चुकी हैं. ऐसे में अगले मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party Haryana) के लिए अपना मेयर बनाना बेहद चुनौती पूर्ण होगा.