चंडीगढ़: 10 जनवरी को मौजूदा मेयर राजेश कालिया का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने उनके कार्यकाल को लेकर उनसे खास बातचीत की. जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान चंडीगढ़ में हुए विकास कार्यों और अधूरी रह गई योजनाओं के बारे में बात की गई.
राजेश कालिया से खास बातचीत
ईटीवी भारत से बात करते हुए मेयर राजेश कालिया ने कहा कि जब वो मेयर बने थे, तभी से उनके साथ कई विवाद जुड़ गए थे. विपक्षी पार्टियों ने एक अखबार का सहारा लेकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की. उनके बारे में गलत खबरें छापी गई. जिससे वे काफी तनाव में आ गए और इसका असर उनके परिवार पर भी पड़ना शुरू हो गया. वो वक्त मेरे लिए काफी मुश्किल था. मैं उस समय ये सोचने लगा था कि मुझे मेयर नहीं रहना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद मेरे परिवार ने मुझे हिम्मत बधाई और मैं अपना कार्यकाल पूरा कर पाया.
उन्होंने कहा कि उन्होंने मेयर बनने के बाद सबसे पहले मेयर के दफ्तर को आम लोगों के लिए पूरी तरह से खोल दिया. इससे पहले लोगों को मेयर से मिलने के लिए एक पर्ची देनी पड़ती थी और बाद में कई-कई घंटों तक उन्हें ऑफिस के बाहर बैठकर इंतजार करना पड़ता था, लेकिन मैंने मेयर ऑफिस को खोल दिया और यहां पर पर्ची सिस्टम को बिल्कुल बंद करवा दिया. अब कोई भी आम आदमी बिना रोक-टोक जब चाहे मेयर से मिल सकता है. अब किसी भी आम आदमी को मेयर से मिलने के लिए सोचने की जरूरत नहीं वो जब चाहे मेयर के ऑफिस में आकर उनसे बात कर सकता है.
हट रहा डड्डूमाजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड
राजेश कालिया ने कहा कि मेयर बनने के बाद उन्होंने कुछ योजनाएं चंडीगढ़ के लिए सोच रखी थी और उनका लक्ष्य था कि कार्यकाल खत्म होने से पहले उन सभी योजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया जाए जिनमें से एक योजना थी डड्डूमाजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड को हटवाना. डंपिंग ग्राउंड चंडीगढ़ के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया था, उस डंपिंग ग्राउंड की वजह से ड्डड्डू माजरा में रहने वाले लोगों को बदबू में रहना पड़ रहा था और वहां के लोगों को कैंसर जैसी भयानक बीमारी होने लगी थी, तो इसलिए उस डंपिंग ग्राउंड को वहां से हटाना मेरी सबसे पहली प्राथमिकता थी और मैं इसमें सफल हुआ. आज डंपिंग ग्राउंड को हटाने का काम शुरू हो चुका है और जल्दी ही कचरे का पहाड़ साफ कर दिया जाएगा.
इसके लिए उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चंडीगढ़ को डंपिंग ग्राउंड ऐसा जख्म दिया था जिससे लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ी लेकिन हमने अब उस जख्म को ठीक कर दिया है.
चंडीगढ़ में पानी की सप्लाई
अपनी दूसरी योजना के बारे में बात करते हुए राजेश कालिया ने बताया कि चंडीगढ़ को 29 एमजीडी का पानी दिलवाना उनकी दूसरी प्राथमिकता थी और उनके कार्यकाल में चंडीगढ़ को वो अधिक पानी भी मिलना शुरू हो गया है इस समय चंडीगढ़ को तीन समय सप्लाई का पानी दिया जा रहा है जल्दी से बढ़ाकर 24 घंटे कर दिया जाएगा.
चंडीगढ़ में सफाई व्यवस्था
जब मेयर बने थे उस समय चंडीगढ़ को स्वच्छता सर्वेक्षण में 20वां स्थान मिला था. इसके लिए डोर टू डोर कर भेज कलेक्ट करने वालों के लिए एक अभियान चलाया था, ताकि सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग इकट्ठा किया जा सके ताकि कचरे का निष्पादन सही तरीके से हो सके और वो काम भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है.
आपको बता दें कि मेयर राजेश कालिया वाल्मीकि समाज से आते हैं और उनके मेयर बनने पर वाल्मीकि समाज में काफी खुशी की लहर थी, लेकिन उनकी कई फैसलों की वजह से उन्हें अपने ही समाज की काफी नाराजगी झेलनी पड़ी. जिसमें से दो मुख्य मामले थे स्ट्रीट वेंडर्स को हटाना और सफाई कर्मचारियों की कई मांगों को पूरा न करना.
चंडीगढ़ की खूबसूरती के लिए कदम
इस बारे में बात करते हुए राजेश कालिया ने कहा कि बेशक वो वाल्मीकि समाज से आते हैं लेकिन अपने समाज के साथ-साथ उन्हें चंडीगढ़ के विकास को भी देखना है और चंडीगढ़ के विकास के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को हटाकर उन्हें निर्धारित जगहों पर बढ़ाने की बात आई तो मैंने इसका बिल्कुल विरोध नहीं किया. बल्कि इस प्रस्ताव को पास करवाया. ताकि चंडीगढ़ की खूबसूरती को खराब होने से बचाया जा सके.
जहां तक सफाई कर्मचारियों की बात है तो मुझसे सिर्फ लोग नाराज हुए जो घरों में बैठकर मुफ्त की सैलरी ले रहे थे. जो लोग काम कर रहे थे मैंने उन्हें और ज्यादा सुविधाएं मुहैया करवाई और उन्हें भत्ते दिलवाए. वे लोग मुझसे खुश हैं. अगर काम न करने वाले लोग मुझसे नाराज हैं तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
ये भी पढ़ें:- जेएनयू हिंसा को लेकर अहमदाबाद में भिड़े ABVP व NSUI कार्यकर्ता, कई घायल
उन्हें पानी के दाम बढ़ाने को लेकर भी विपक्षी पार्टी को काफी विरोध झेलना पड़ा. चंडीगढ़ के लोग अपने शहर में ज्यादा सुविधा चाहते हैं और इसके लिए वे पैसे भी खर्च कर सकते हैं. चंडीगढ़ नगर निगम चंडीगढ़ को 24 घंटे सप्लाई का पानी मुहैया करवाना चाहता है और इसके लिए नगर निगम को फंड की जरूरत है. जिस वजह से उन्होंने पानी के दाम बढ़ाए हैं. लेकिन विपक्षी पार्टियों को लोगों की सुविधा से कोई मतलब नहीं है उन्हें सिर्फ विरोध करना है. चंडीगढ़ के लोग इन सब बातों को समझते हैं.
नगर निगम में पैसे की कमी
साथ ही फंड की कमी के लिए उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया. जिस समय नगर निगम में कांग्रेस का राज था तब नगर इनके पास 600 करोड़ की एफडी थी, जिसे कांग्रेस ने खर्च कर दिया और इसी वजह से अब नगर निगम को पैसे की कमी से जूझना पड़ रहा है.
मेयर चुनाव में बीजेपी पार्षदों में बढ़ रहे विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी के पार्षदों में बिल्कुल भी विरोध नहीं है. सब एक दूसरे के साथ खड़े हैं और इन चुनावों में जीत बीजेपी की होगी. मेयर का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर उन्होंने कहा कि हालांकि कई लोग इस रेस में थे, लेकिन राजबाला मलिक को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया गया. इससे बाकी लोग नाराज नहीं हैं.
पार्षदों में मतभेद!
जिस तरह घर में अगर एक बच्चे को नए कपड़े दिए जाते हैं तो दूसरा बच्चा थोड़ी देर के लिए नाराजगी जाहिर करता है, लेकिन उन दोनों में आपस में प्यार बना रहता है. बीजेपी में भी वही बात है. पार्षदों में थोड़ा-बहुत वैचारिक मतभेद हो सकता है लेकिन पार्टी के लिए सब पार्षद एक साथ खड़े हैं.
चंडीगढ़ का विकास
अंत में राजेश कालिया ने कहा कि वे जब मेयर बने थे तब उन्होंने जिन जिन योजनाओं के बारे में सोचा था उन्होंने अपने कार्यकाल में उन सभी योजनाओं को पूरा कर लिया, जो योजनाएं रह गई हैं. वो आने वाले समय में पूरी कर जाएंगी. उन्हें चंडीगढ़ के विकास की ज्यादा चिंता नहीं है चंडीगढ़ विकास के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़ता रहेगा.